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मैं फिर से सेना में जाकर अपने इकलौते बेटे की शहादत का बदला ले सकता हूं

श्रीनगर: जम्मू एवं कश्मीर में पाकिस्तानी गोलीबारी में तीन जवान शहीद हो गए. इनमें से एक जवान का शव सरकटी अवस्था में मिला. शहीद भारतीय जवान के शव को क्षत-विक्षत करने की एक महीने के अंदर यह दूसरी घटना है. भारतीय सेना ने इसे पाकिस्तानी सेना की बॉर्डर ऐक्शन टीम की हरकत बताया है. यह घटना नियंत्रण रेखा के माछिल सेक्टर की है, जो कुपवाड़ा जिले में भारत व पाकिस्तान को विभाजित करता है.

भारतीय सेना ने यह भी कहा है कि पाकिस्तानी सेना की ‘इस बर्बर और कायराना’ हरकत का बदला लिया जाएगा. हालांकि पाकिस्तान ने इन आरोपों से इनकार किया है. लेकिन इस घटना से उन परिवारों पर बहुत बुरी गुजरी है जिन्होंने अपने घरों के चिराग को खो दिया.

माछिल सेक्टर में पाकिस्तान के हमले में शहीद होने वालों में जोधपुर के शेरगढ़ के रहने वाले प्रभु सिंह भी थे. शहीद प्रभु सिंह 4 साल पहले सेना में भर्ती हुए थे. 2 साल पहले ही उनकी शादी हुई थी. शहीद प्रभु सिंह की 10 महीने की छोटी बच्ची है. वो परिवार में अकेले कमाने वाले थे. घरवालों के मुताबिक दीवाली से 10 दिन पहले ही वो एक महीने की छुट्टी पर घर आए थे. शहीद प्रभुसिंह के पिता 18 साल पहले सेना से रिटायर हुए थे. बेटे की शहादत ने पिता को इतना तोड़ दिया है कि वो खुद पाकिस्तान से बदला लेने की बात कर रहे हैं.

जोधपुर के शेरगढ़ में लगभग हर घर में कोई न कोई सेना में रहा है. शहीद प्रभु सिंह शेरगढ़ के खिरजा खास गांव के रहने वाले थे, उनकी शहादत पर पूरे गांव में शोक और मातम का माहौल बन गया है.

शहीद के घर गांव में पसरा मातम:
जोधपुर का शेरगढ़ शूरवीरों की पावन धरा के नाम से पूरे देश में विख्यात है. इस मिट्टी में देश के लिए ऐसी देशभक्ती है कि हर एक घर से कोई न कोई सेना में नौकरी करने ज़रूर जाता है. आज शेरगढ़ के एक गांव खिरजा खास के रहने वाले प्रभु सिंह के शहीद होने की सूचना मिलते ही चारों और मातम और शोक की लहर छा गई.

जोधपुर के शेरगढ़ के खिरजा खास के रहने वाले प्रभुसिंह की जम्मू-कश्मीर के माछिल सेक्टर में सीमा रेखा के करीब फायरिंग में मारे गए थे शहीद प्रभुसिंह चार साल पहले सेना में भर्ती हुए थे भर्ती के दो साल बाद ही ओम कंवर से उनकी शादी हुई थी. शादी के एक साल बाद एक पुत्री हुई थी जिसका नाम पलक रखा गया है जो अब 10 महीने की है शहीद प्रभु सिंह चार बहनों के इकलौते भाई थे दो बहनों की शादी हो चुकी है जबकि 2 बहनों की शादी की जिम्मेदारी अभी उनके कंधों पर बाकी थी. शहीद प्रभु सिंह के पिता चन्दर सिंह 18 साल पूर्व सेना से 6 राज. राइफल्स से हवलदार पद से सेवानिवृत्त हुए थे.

परिवार में इकलौते कमाने वाले थे शहीद प्रभुसिंह के ऊपर ही पूरे परिवार का बोझ था. शहीद प्रभुसिंह दीपावली से दस दिन पहले 1 महीने की छुट्टी पर आये थे छुट्टियां बिताकर वापस ड्यूटी पर गए थे. उनके परिवार को बीते दिन मंगलवार शाम करीब 7:00 बजे जब यह दु:खद घटना की सूचना मिली तो घर में कोहराम मच गया व पूरे गांव में शोक की लहर छा गई.

जम्मू-कश्मीर के माछिल में सीमा रेखा के करीब फायरिंग में मारे गए सेना के 3 जवान एक भारतीय जवान के शव के साथ पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा बर्बरता करने की घटना सामने आई है.

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