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UP के मंत्री के लिए रात में खुला बैंक, आम जनता दिन में परेशान

संभल : नोटबंदी की वजह से देशभर में कतार में लगे लोगों का जीना मुहाल हो रखा है. लेकिन, अगर आप वीआईपी हैं तो आपके लिए रात में भी बैंक खोल कर नोट जमा करने और बदलने समेत सारे काम हो सकते हैं. उत्तर प्रदेश के संभल से ऐसी ही खबर सामने आई है.

समाजवादी पार्टी से जुड़े प्रदेश के कैबिनेट मंत्री इकबाल महमूद पूरे लाव-लश्कर के साथ बुधवार देर शाम आर्यसमाज रोड पर एचडीएफसी बैंक की ब्रांच पर पहुंचे. आम लोगों के लिए बेशक बैंक का वक्त बहुत पहले ही खत्म हो चुका था, लेकिन मंत्री जी के लिए बैंक के दरवाजे खोल दिए गए. खाद्य आपूर्ति और औषधि प्रशासन मंत्री इकबाल महमूद के साथ उनके तीन बेटे, समर्थक और स्टाफ के सदस्य भी थे. सभी ने आराम से बैंक में नोट बदले, खातों से नोट निकलवाए और बैंक संबधी अपने अन्य कामों को भी अंजाम दिया. मंत्री जी बैंक से बाहर निकले तो रात के सवा आठ बज चुके थे.

बैंक की इसी ब्रांच में सुबह से बड़ी संख्या में लोग नोट बदलने और जमा करने की उम्मीद से कतार में लगे धक्के खा रहे थे. साढ़े तीन बजे बैंक की ओर से लोगों को कैश नहीं होने की बात कह कर अगले दिन आने के लिए कह दिया. इसी बीच चार बजे के आसपास ब्रांच में नई करेंसी आ गई. देखते ही देखते इसकी जानकारी खास लोगों तक भी पहुंच गई.

मंत्री को वीआईपी ट्रीटमेंट दिए जाने के बारे में जब ब्रांच मैनेजर मोहम्मद जावेद खान से पूछा गया, तो उन्होंने ऐसा कुछ किए जाने से साफ इनकार कर दिया. ब्रांच मैनेजर ने कहा कि बैंक का समय सुबह 9:30 बजे से दोपहर बाद 3:30 बजे तक का ग्राहकों के लेनदेन के लिए है. बुधवार को दिन में कैश नहीं था, शाम को 4 बजे कैश आया तो बैंक का टाइम खत्म होने के बाद भी कैश बदल कर दे दिया गया. जब ब्रांच मैनेजर से पूछा गया कि सिर्फ मंत्री और उनके साथ आए लोगों का ही काम क्यों किया गया, आम जनता का क्यों नहीं तो इसका कोई जवाब नहीं मिला.

मंत्री इकबाल महमूद से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मेरे पास पैसे नहीं थे तो पैसे लेने के लिए बैंक गया था. मेरे दोनों बेटे भी मेरे साथ थे. मैं जब बैंक पहुंचा, तो बैंक खुला था और वहां कर्मचारी मौजूद थे.' मंत्री ने ये दावा भी किया कि उन्होंने आम लोगों की तरह ही अपने पैसे बदले.

इकबाल महमूद ने मोदी सरकार की ओर से उठाए गए नोटबंदी के फैसले को जनता विरोधी बताया. इकबाल महमूद ने कहा, 'जनता इस फैसले से परेशान है. आम आदमी मर रहा है. हर तरफ अफरा-तफरी है. हमने खुद लाइन में लगकर पैसे निकाले हैं. अगर कोई इससे खुश हो सकता है तो वो प्रधानमंत्री ही हो सकते हैं.'

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