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भारत में 33% हिन्दू ही मुस्लिमों को मानते हैं एक सच्चा दोस्त : सर्वे

नई दिल्ली| दोस्ती हमारे जीवन में एक ऐसा रिश्ता होता है जिसे हमे चुनने की आजादी होती है|  यह रिश्ता बड़ा ही अनोखा और खून के रिश्तों से भी अहम माना जाता है|  दोस्त का धर्म देखकर दोस्ती की जाए यह जरूरी नहीं| लेकिन भारत में अधिकाँश धर्म देखकर ही दोस्ती की जाती है यह बात साबित हुई है सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डिवेलपिंग सोसाइटीज यानी CSDS के सर्वे रिपोर्ट से|  CSDS के लेटेस्‍ट सर्वे में सामने आया है कि हमारे देश में लोग धर्म और धार्मिक हितों को ध्‍यान में रखकर दोस्‍तों का चुनाव करते हैं|

हिंदुओं के 33 फीसदी  करीबी दोस्त मुस्लिम
सर्वे के मुताबिक, 91 फीसदी हिंदुओं के नजदीकी दोस्त उनके अपने समुदाय से होते हैं, हालांकि, इनमें से 33 फीसदी के नजदीकी दोस्त मुस्लिम समुदाय से भी हैं। वहीं, 74 फीसदी मुस्लिमों का हिंदुओं से भी नजदीकी रिश्ता है, जबकि 95 फीसदी के घनिष्ठ मित्र समान समुदाय से ही हैं। CSDS ने पाया कि हिंदुओं और मुस्लिमों में अधिकतर ने अपने ही समुदाय से नजदीकी दोस्त बनाए। स्टडी में यह भी पाया गया कि गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक और ओडिशा में मुस्लिम समुदाय अलग-थलग रहना पसंद करता है।

मुस्लिमों के 95 फीसदी करीबी दोस्त उनके ही समुदायों से
सर्वे में 74 फीसदी मुस्लिमों ने कहा कि उनका हिंदुओं से नजदीकी रिश्ता है| लेकिन 95 फीसदी के करीबी दोस्‍त उनके ही समुदाय से हैं|  कुल मिलाकर, CSDS ने सर्वे में पाया कि हिंदू हो या मुस्लिम, दोनों ही समुदायों के लोगों के करीबी मित्र उनके अपने ही समुदाय से थे| साथ ही, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, ओडिशा में मुस्लिम समुदाय अलग-थलग रहना ही पसंद करता है|

13 % हिन्दू मानते हैं कि मुस्लिम देशभक्त होते हैं
अगर बात देशभक्ति की करें तो 13 % हिन्दू मानते हैं कि मुस्लिम देशभक्त होते हैं। वहीं अगर मुस्लिमों की माने तो 77 % मुस्लिम खुद को देशभक्त मानते हैं।  जबकि 20 फीसदी हिंदुओं ने ईसाइयों को देशभक्त माना. सिखों को 47 फीसदी ने देशभक्‍त माना|  वहीं 26 फीसदी ईसाईयों ने मुस्लिमों में देशभक्ति की भावना देखते हैं|

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