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कुर्बानी का पर्व ईद उल अजहा- बकरीद 2 को, इबादतगाहों में होगी विशेष नमाज


ग्वालियर : चांद का दीदार होने के बाद ही ईद की तैयारियां शुरू हो गई हैं।  ईद 02 सितंबर शनिवार को मनाई जाएगी। मुस्लिम समाज के लोग  सुबह इबादतगाहों में पहुंचकर विशेष नमाज अदा करेंगे और खुत्बा सुनेंगे और एक दूसरे को ईद की बधाई देंगे। इसके बाद कुर्बानी की जाएगी। ईद उल अजहा पर बकरों की कुर्बानी की जाएगी, जिसके लिए बाजारों में खरीदारी अभी से ही शुरू होने लगी है।  कुर्बार्नी के लिए बकरा मंडी में बकरों की बिक्री तेज हो गई है और महंगाई का असर भी दिख रहा है। बकरों की खरीदारी कर कुर्बानी से पहले मेहमानों की तरह उनकी खातिर की जा रही है। ईद के लिए घरों में तैयारियों चल रही हैं और बाजारों में भी ईद के लिए अभी से ही खरीदारों की भीड़ लगी हुई है। गेंडे वाली सड़क स्थित बकरा मंडी में बकरों की खरीदारी करने के लिए दोपहर होते ही लोगों की भीड़ लगना शुरू हो जाती है।

शहरकाजी अब्दुल हमीद कादरी ने बताया कि ईद का पर्व 2 सितंबर को मनाया जाएगा। सुबह सभी इबादतगाहों और मस्जिदों में अल्लाह की इबादत करते हुए नमाज अदा की जाएगी और इसके बाद गले मिलकर एक दूसरे को ईद की बधाई देंगे। ईद के दिन बकरों की कुर्बानी के साथ हिस्से की कुर्बानी भी की जाएगी। जिसमें लोग बड़े जानवर की कुर्बानी में हिस्सा लेकर कुर्बानी का फर्ज पूरा करेंगे। बकरों को घरों में बांधकर मेहमानों की तरह खातिरदारी करते हुए गजक, गुड़, चने, काजू, बादाम खिलाए जा रहे हैं।

मस्जिदों में साफ-सफाई शुरू
ईद की नमाज के वक्त परेशानी का सामना नहीं करना पड़े इसके लिए मस्जिद और ईदगाहों में तैयारियां शुरू हो गई हैं। नगर निगम बिजली पानी का इंतजाम कर रही है तो पुलिस अफसर सुरक्षा के मद्देनजर आयोजकों से चर्चा कर रहे हैं। नमाजियों को धूप व खुले आसमान के नीचे नहीं बैठना पड़े, इसके लिए तंबू भी लगवाए जा रहे हैं।

1 को सजेंगे बकरे, करेंगे भ्रमण
कुर्बानी से पहले बकरों को भ्रमण पर भी लाया जाएगा और उन्हें फूलों और गुब्बारों से सजाया जाएगा। 1 सितंबर की शाम को बकरों को लोग लेकर महाराज बाड़े पर एकत्रित होंगे । इसके बाद सुबह उन्हें हलाल किया जाएगा।


कम कीमत वाले बकरों की बिक्री ज्यादा
बाजार में दो गुनी भीड़ तो है, लेकिन जंगली नस्ल के बकरों के चलते इस बार उत्तर प्रदेश, राजस्थान से आए बकरों की डिमांड कम है। बकरों के कारोबारी मो. खलील ने बताया कि भीड़ ज्यादा है, लेकिन औसतन 10 से 12 हजार रुपये कीमत वाले बकरे ज्यादा खरीदे जा रहे हैं।  ग्वाला बस्ती निवासी जानकी देवी भी अपने कल्लू बकरे को लेकर बाजार आई थीं। उन्हें मालमू है कि बकरीद के बकरे कैसे होने चाहिए। वह बताती हैं कि उसमें कोई ऐब नहीं होना चाहिए। खुर और सींग टूटे नहीं होने चाहिए। स्वस्थ बकरा 9-10 हजार का मिल रहा है।

एसी कार में बैठकर आए  लखटकिया बकरे
लगभग दो करोड़ रुपये के बकरे शहर के बाजार में आए। भीड़ किसी भी पूर्व वर्षों के बकरीद के बाजार से दोगुनी थी। पिछले वर्ष की तुलना इस साल बकरों की कीमत दो से तीन हजार रुपये बढ़ी है। सबसे ज्यादा कीमत के बकरे दो लाख रुपये जोड़े के था। जोड़े में एक की कीमत 1.10 लाख रुपये है। दोनों बकरों के लिए ग्राहक डेढ़ लाख रुपये देने को तैयार थे, लेकिन उसे बेचने आए फारुख अहमद और सुजात अली 1.70 लाख से एक भी पैसा कम करने को तैयार नहीं थे। दोनों ही बकरे एसी वाले विंगर गाड़ी में लाए गए थे। टेल्को बारीनगर गौसिया मोहल्ला निवासी फारुख ने बताया कि इसमें एक बीटेल नस्ल का है और दूसरा यमुना परी है। दो साल से इन्हें पाला है।  फारुख ने बताया कि जमशेदपुर में अच्छी कीमत नहीं मिली तो कोलकाता के बाजार में ले जाएंगे। उन्होंने बकरों में 110-110 किलोग्राम मांस का दावा किया।

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