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SC में याचिका खारिज, सरदार सरोवर विस्थापितों के लिए नहीं बढ़ाया जाएगा समय

एमपी ऑनलाइन न्यूज़, भोपाल : सरदार सरोवर बांध के विस्थापितों को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने आज उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें विस्थापितों के लिए समय सीमा बढ़ाने की मांग की गई थी। नर्मदा बचाओ आंदोलन की ओर से दायर इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बांध विस्थापितों के लिए तय की गई 31 जुलाई की समय सीमा को बढ़ाने का अनुरोध किया था।

सुप्रीम कोर्ट में दायर इस याचिका में कहा गया था कि इस मामले में 40 हजार परिवार प्रभावित हो रहे हैं और 192 गांव शामिल हैं। याचिका में ज्यादातर विस्थापितो को जगह न मिलने की बात कहते हुए कहा गया था कि प्रशासन इन लोगों को टीन शेड में रख रहा है, जहां हालात ठीक नहीं हैं। याचिका में कहा गया था कि ऐसे में इन लोगों को और वक्त दिया जाना चाहिए।  दूसरी ओर मध्यप्रदेश शासन की ओर से एडवोकेट तुषार मेहता ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि सरकार विस्थापितों को पहले ही काफी समय दिया है और वह उनके पुनर्वास के पूरे इंतजाम कर रही है। अधिकांश लोगों का पुनर्वास कर दिया गया है और मुआवजा भी दे दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की सुनवाई के बाद विस्थापितों के लिए राहत की समय सीमा में वृद्धि करने से इंकार कर दिया।

अब कोई अनशनकारी नहीं बचा चिखल्दा में
सरदार सरोवर बांध के विस्थापितों के पुनर्वास को लेकर पिछले 13 दिनों से अनशन कर रहीं नर्मदा आंदोलन की मुखिया और सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को पूरी तरह ठीक होने तक अस्तपाल में ही रखा जाएगा। सोमवार को प्रशासन ने अनशन कर रही मेधा पाटकर और उनके साथियों को बांबे अस्पताल में भर्ती करवा दिया था।  यहां मेधा का इलाज चल रहा है। जिला प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर बॉम्बे अस्पताल और उसके आसपास के क्षेत्र को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया है किसी भी कार्यकर्ता को अंदर जाने नहीं दिया जा रहा है। मेधा के साथ ही पांच अन्य कार्यकर्ता को इंदौर के ही एमवाय अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। कुछ अन्य कार्यकर्ताओं को बड़वानी और धार में ट्रीटमेंट दिया जा रहा है।

बड़वानी में कलेक्ट्रेट का घेराव
उधर आज सुबह बड़वानी में मेधा को अनशन स्थल से हटाए जाने को लेकर कलेक्ट्रेट का घेराव किया। पुलिस ने कुछ ही देर में उन्हें वहां से हटा दिया। वहीं दूसरी तरफ कल रात में नर्मदा बचाओं आंदोलनकारियों ने राजघाट पर चक्काजाम किया जिसे देर रात पुलिस ने हटा दिया।

शीर्ष कोर्ट की व्यवस्था का पालन करेगा प्रदेश
सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस ने नर्मदा बचाओ आंदोलन की याचिका को खारिज कर दिया है। इसलिए अब विस्थापन के लिए और समयवधि बढ़ाया जाना संभव नहीं है। प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था का पालन करेगी।
रजनीश वैश्य, उपाध्यक्ष, एनवीडीए

मनाते रहे कलेक्टर-SP
मेधा पाटकर के गिरते स्वास्थ्य को देखते हुए धार कलेक्टर श्रीमन शुक्ल और एसपी वीरेन्द्र सिंह उन्हें सुबह से दोपहर बाद तक मनाते रहे पर मेधा पाटकर ने धरनास्थल से उठने से इंकार कर दिया। कलेक्टर श्रीमन शुक्ल ने बताया कि कल सुबह से दोपहर तक अनशन समाप्त करने के लिए अनेक बार शासन की तरफ से आग्रह किया गया पर वे तैयार नहीं हुई। इस बीच माननीन मुख्यमंत्रीजी ने भी उनसे फोन पर बात कर उनसे अनशन समाप्त करने का आग्रह किया। ऐसे में उनके स्वास्थ्य को देखते हुए उनकों अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

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