विवेकानंद के शिकागो भाषण की 125वीं वर्षगांठ,PM मोदी बोले- क्या खाना, क्या नहीं खाना ये हमारी परंपरा नहीं
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक भाषण की 125वीं वर्षगांठ और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी पर एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे हैं। इस भाषण के लिए दिल्ली के विज्ञान भवन में छात्र मौजूद हैं, साथ उनका ये भाषण टेक्निकल कॉलेजों में लाइव भी देखा जा रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि विवेकानंद एक ऐसे युवा थे जिन्होंने सवा सौ साल पहले दुनिया को एक नया रास्ता दिखाया था। हैरानी की बात है कि लोगों को पहले इस तारीख का महत्व पता नहीं था। लड़कियों के प्रति आदर भाव ने न देखने पर पीएम ने चिंता जताई। पीएम ने कहा कि जो लोग महिलाओं को बराबरी की भाव से नहीं देखते हैं, तो उन्हें स्वामी विवेकानंद के विचारों पर तालियां बजाने का कोई हक नहीं।
इस बीच विज्ञान भवन में वंदे मातरम् का नारा गूंजा, लेकिन पीएम मोदी ने इस नारे के पुकारे जाने पर सवाल उठा दिया। पीएम ने कहा कि पान की पिचकारी के बाद वंदे मातरम् कहने का कोई हक नहीं है। पीएम ने साफ कहा कि गंगा को गंदा करने वालों को वंदे मातरम् कहने का हक नहीं है।
स्वामी विवेकानंद के विचारों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने सफलता का ज्ञान युवाओं को दिया। पीएम ने कहा कि किनारे पर खड़े होने वाला कभी कामयाब नहीं होता, जो नदी में छलांग लगाता है, वहीं कामयाबी को छू पाता है।
पीएम ने कहा कि विवेकानंद स्वच्छता पर भी जोर दिया करते थे और लोगों को सफाई के लिए प्रेरित किया करते थे, इसलिए सफाई करने वाला भारत माता की सच्ची संतान है। इस बीच पीएम ने स्किल डेवलपमेंट का युवाओं को महत्व बताया और कहा कि देश का नौजवान नौकरी मांगने वाला नहीं देने वाला होना चाहिए। देश की संस्कृति पर पीएम ने कहा कि क्या खाना है और क्या नहीं खाना ये हमारी परंपरा नहीं है।
इससे पहले पीएम ने ट्विटर पर लिखा कि उनके इस कार्यक्रम का टाइटल यंग इंडिया, न्यू इंडिया रखा गया है। गौरतलब है कि शिकागो में स्वामी विवेकानंद के दिए गए भाषण के 125 साल पूरे होने और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्म शताब्दी के अवसर पर ये कार्यक्रम रखा गया है।
उन्होंने कहा कि विवेकानंद वे शख्सियत थे, जो युवा शक्ति में विश्वास रखते थे और युवाओं को बेहतर राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा दिया करते थे। उन्हीं के दिए गए सिद्धांतों पर आज युवाओं को आगे बढ़ने के लिए हम प्रेरित करने की कोशिश कर रहे हैं।
PM मोदी के भाषण के लाइव अपडेट्स -
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज 11 सितंबर है, विश्व को 2001 से पहले ये पता ही नहीं था कि 9/11 का महत्व क्या है. दोष दुनिया का नहीं था, दोष हमारा था कि हमने ही उसे भुला दिया था. और अगर हम ना भुलाते तो 21वीं शताब्दी का 9/11 ना होता.
- इसी दिन इस देश के एक नौजवान ने अपने भाषण से पूरी दुनिया को हिला दिया. गुलामी के 1000 साल के बाद भी उसके भीतर वो ज्वाला थी और विश्वास था कि भारत में वो सामर्थ्य है जो दुनिया को संदेश दे सके.
- मोदी ने कहा कि उस भाषण से पहले लोगों को लेडिज एंड जेंटलमैन के अलावा कोई शब्द नहीं पता था. ब्रदर्स एंड सिस्टर्स के बाद 2 मिनट तक तालियां बजती रही थी. उस भाषण से पूरी दुनिया को उन्होंने अपना बना लिया था.
- विवेकानंद जी के दो रूप थे, विश्व में वे जहां भी गए बड़े विश्वास के साथ भारत का महिमामंडन करते थे. विवेकानंद हमारे समाज के अंदर की बुराईओं को कोसते थे, और उनके खिलाफ आवाज उठाते थे.
- वे दुनिया में भारत की तारीफ करते थे, लेकिन भारत में आकर समस्याओं को उठाते थे. वे जीवन में कभी गुरू खोजने को नहीं गए थे, वे सत्य की तलाश में थे. महात्मा गांधी भी जीवन भर सत्य की तलाश में घूमते रहे.
- क्या हम आज नारी का सम्मान करते हैं, क्या हम लड़कियों के प्रति आदर-भाव से देखते हैं? जो नारी के भीतर इंसान नहीं देख पाते, उन्हें स्वामी विवेकानंद के भाषण पर तालियां बजाने का हक नहीं है. जब रवींद्र नाथ टैगोर को नोबेल प्राइस मिला और दूसरा जब विवेकानंद जी का भाषण हुआ तब गुलाम भारत भी चर्चा में आया.
- पीएम मोदी बोले कि विवेकानंद जी ने आइडिया को आइडिलिज्म में कनवर्ट किया. उन्होंने रामकृष्ण मिशन को जन्म दिया, लेकिन विवेकानंद मिशन को जन्म नहीं दिया.
- क्या कभी किसी ने सोचा कि किसी लेक्चर के 125 वर्ष मनाएं जाएंगे. जब इस भाषण की शताब्दी मनाई गई थी, तब मैं शिकागो में था. पीएम ने कहा कि जब तेज आवाज में वंदे मातरम सुनो तो रौंगटे खड़े हो जाते हैं. पीएम ने कहा कि क्या हमें वंदे मातरम कहने का हक है. ये बात लोगों को चोट पहुंचाएगी.
- मोदी ने कहा कि लोग पान खाकर भारत मां पर पिचकारी मारते हैं और फिर वंदे मातरम बोलते हैं. सफाई का काम करने वालों को वंदेमातरम बोलने का हक.
- क्या कभी किसी ने सोचा कि किसी लेक्चर के 125 वर्ष मनाएं जाएंगे. जब इस भाषण की शताब्दी मनाई गई थी, तब मैं शिकागो में था.
- पीएम ने कहा कि जब तेज आवाज में वंदे मातरम सुनो तो रौंगटे खड़े हो जाते हैं. पीएम ने कहा कि क्या हमें वंदे मातरम कहने का हक है. ये बात लोगों को चोट पहुंचाएगी.
-मोदी ने कहा कि लोग पान खाकर भारत मां पर पिचकारी मारते हैं और फिर वंदे मातरम बोलते हैं. सफाई का काम करने वालों को वंदेमातरम बोलने का हक.
- मोदी बोले कि हम सफाई करे या ना करें लेकिन गंदगी करने का हक हमें नहीं है.
- एक बार मैंने बोला था कि पहले शौचालय, फिर देवालय तब मेरे बाल नौंच दिए थे. लेकिन आज कई बेटियां हैं जो कहती हैं कि शौचालय नहीं तो शादी नहीं करेंगे.
- देश में भीख मांगने वाला इंसान भी तत्व ज्ञान से भरा है. स्वामी जी में आत्मसम्मान था. जब हम किसी अच्छी जगह पहुंच जाएं तो कहते हैं लगता नहीं कि हिंदुस्तान में हैं.
- आज लोग मेक इन इंडिया का भी विरोध करते हैं, लेकिन विवेकानंद जी और जमशेद जी टाटा के बीच भारत में उद्योग लगाने को लेकर संवाद हुआ था. क्या खाना है, क्या नहीं खाना है ये हमारी परंपरा नहीं है.
PM मोदी ने खुद ट्वीट कर दी जानकारी
पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि स्वामी विवेकानंद के शिकागो भाषण के 125 साल पूरा होने पर मैं कुछ बच्चों को संबोधित करूंगा. स्वामी विवेकानंद के आदर्शों पर चलकर हम नए भारत का निर्माण करेंगे.
The convention of students is being held on 11th September, the day Swami Vivekananda delivered his historic address at Chicago in 1893.— Narendra Modi (@narendramodi) September 10, 2017
TMC ने किया विरोध
पीएम मोदी के इस संबोधन का पश्चिम बंगाल सरकार ने विरोध किया. बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार की पूरी कोशिश है कि एजुकेशन सिस्टम का 'भगवाकरण' कर दिया जाए. राज्य सरकार के ऑर्डर के खिलाफ जाकर हम कॉलेजों में पीएम की स्पीच का लाइव प्रसारण नहीं करा सकते हैं''
#WATCH PM Modi addresses on Pt Deendayal's centenary celebrations & 125th anniversary of Vivekananda's Chicago addr… https://t.co/6mfhnjs30X— ANI (@ANI) September 11, 2017
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