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रीवा जिले को सूखाग्रस्त घोषित नही कर रही सरकार


रीवा  : वर्षा के चलते जिले भर में सूखे की भयावह स्थिति निर्मित हो रही है पर्याप्त वर्षा नहीं होने से जलस्रोत सूख गया है फसलें पीली पडकर  तबाह हो रही है , इससे किसान भयावह चिंतित हैं   वहीं जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने के लिए किसानों ने बैठक करना शुरू कर दिया हैं , शनिवार को रीवा जिले के जवा मे किसान कांग्रेस नेता तरुणेंद्र द्विवेदी के नेतृत्व में ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों ने कई जगह बैठक कर के अपनी मागो को रखा किसानों को पानी नही मिल रहा है ,जलाशय सूखे पडे है 

इस अवर्षा के चलते अब किसान भयावह सूखा पड़ने की बात कहकर चिंतित हैं जिले के नीगा, त्योंथर, जवा व डभौरा क्षेत्र में आने वाले सैकड़ो गाँवो में इन दिनों भयावह सूखे की स्थित उत्पन्न हो गई है ,वर्षों बाद सूखे जलाशय गाव के  किसानो ने बताया की इन दिनों नल, तालाबो का पानी सूखने लगा है , जवा तराई क्षेत्र के  लगभग दो सौ गांव के किसान पानी को लेकर चिंतित हैं , सूखे की मांग को लेकर हो सकता है बडा आन्दोलन जिले मे अवर्षा के चलते सूखी फसलें और सीजन में बोवनी न होने की स्थिति को देखते हुए किसान जिले में आंदोलन व  प्रदर्शन की तैयारी मे है ,  बीते शनिवार को हुई बैठक में  किसानों ने जिले को न सिर्फ सूखाग्रस्त घोषित किए जाने की मांग की है बल्कि किसानों से जुड़ी हुई अन्य समस्याओं को भी शासन-प्रशासन की पटल पर रखा है , जवा तहसील के समस्त किसान कांग्रेस नेता तरुणेंद्र द्विवेदी के नेतृत्व में आंदोलन करके सरकार को जगाने की कोशिश करेंगे ,  वहीं जिले के जवा क्षेत्र के लगभग एक दर्जन गांवों के ग्रामीण किसान  विद्युत कटौती के विरोध में भी  आवाज उठाई है जवा, बबंधर, किरहाई, पथरौड़ा जनकहाई सहित अन्य दर्जनो गांवों के पहुंचे किसानों ने कहा कि.एक तरफ जहॉं सूखे की मार से किसान पस्त है तो वहीं बिजली कटौती से त्रस्त  है ,  और खेतों में धान की जो भी फसल है उसमें पानी देने के लिए विद्युत नहीं मिल पा रही है ।

ये रही किसानो कि  मांगें
  1. बैठक के दौरान मांग की गई है कि जिले को पूर्णता सूखाग्रस्त घोषित किया जाए।
  2. खाद और बीज में मिलने वाली छूट पुनः बहाल की जाए।
  3. सभी कृषि उपकरण और विद्युत में सरकार किसानों को छूट का प्रावधान रखे।
  4. किसानों को कर्ज नहीं सरकार अनुदान दें..
  5. बिजली का बिल माफ किया जाए..
  6. सहायता राशि प्रति एकड़ 20 हजार रुपए के हिसाब से दिया जाए ..और मुआवजा राशि तत्काल किसानों को वितरित कराई जाए...
  7. सहकारी समिति के किसानों को दिया गया कर्ज माफ किया जाए..
  8. प्रदेश में कृषि नीति लागू कर कृषि को उद्योग का दर्जा दिया जाए ..और किसान को क्रेडिट कार्ड का कर्ज माफ किए जाने की मांग बैठक के दौरान किसानों ने की है और सभी किसानों ने कहा है कि इन मांगों को लेकर आगामी दिनो मे भव्य आंदोलन किया जायेगा।

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