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मध्‍यप्रदेश के विदिशा में जुटेंगे 3 नवम्‍बर से देशभर के संस्‍कृत विद्वान


विदिशा। भारत के प्राचीन नगरों में से एक मध्‍यप्रदेश के विदिशा में 3 नवम्‍बर से देशभर से संस्‍कृत विद्वान जुटने जा रहे हैं, जिनका कि आगमन आगामी 5 नवम्‍बर तक लगातार रहेगा। ये सभी प्राचीन भाषाविज्ञ, संस्‍कृत साहित्‍य, वेद, वेदांत और उपनिषद के गहन अद्येता यहां ‘‘संस्‍कत भारती’’ संगठन के तीन दिवसीय राष्‍ट्रीय अधिवेशन में भाग लेने के लिए आ रहे हैं। अधिवेशन का अनौपचारिक आरंभ स्‍थानीय कामधेनू मंगल वाटिका में दोपहर 12 बजे संस्‍कृत भारती के अखिल भारतीय महामंत्री शिरीष देव पुजारी करेंगे। वहीं औपचारिक उद्घाटन दूसरे दिवस 4 नवम्‍बर को मध्‍यप्रदेश के उच्‍चशिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया और संस्‍कृत भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री दिनेश कामद के द्वारा प्रात: 11 बजे होगा।

इस राष्‍ट्रीय अधिवेशन के बारे में विस्‍तार से मध्‍यभारत प्रांत संगठन मंत्री अग्‍निवेश ने हिस को बताया कि 3 नवम्‍बर को भारत में सिक्‍कों के बदलते स्‍वरूप, भारत की प्राचीन पाण्‍डुलिपि परंपरा, मध्‍यप्रदेश की सांस्‍कतिक धरोहरें और वेदों एवं संस्‍कृत साहित्‍य में वर्ण‍ित विज्ञान परंपरा विषयों पर प्रदर्शनी लगाई गई है। प्रदर्शनी सभी आम नागरिकों के लिए प्रात: 9 बजे से रात्रि 9 बजे तक खुली रहेगी। उन्‍होंने बताया कि समुचे देशभर से ‘‘संस्‍कृत भारतीय’’ के इस राष्‍ट्रीय अधिवेशन में भाग लेने 400 से अधिक विद्वान आ रहे हैं। अधिवेशन का समापन 5 नवम्‍बर को सायं में होगा, जिसके बाद देशभर के संस्‍कृत भारती के संगठन मंत्रियों की एक दिवसीय बैठक 6 नवम्‍बर को रहेगी।

प्रांत संगठन मंत्री अग्‍निवेश का कहना है कि इस अधिवेशन में विद्यालयीन एवं महाविद्यालयीन पाठ्यक्रमों को लेकर चर्चा होगी। विभिन्‍न राज्‍यों में संस्‍कृत शिक्षा की वर्तमान स्‍थ‍ितियों पर चिंतन किया जाएगा। वहीं, राज्‍य एवं केंद्र सरकार द्वारा संस्‍कृत भाषा के उन्‍नयन के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में विचार करने के साथ आगामी समय में संस्‍कृत को कैसे आम भाषा बनाया जा सकता है, इस पर गंभीर विचार-चिंतन करते हुए योजना बनाने का कार्य सम्‍पन्‍न किया जाएगा। अधिवेशन में अभिनवगुप्‍त सहस्राब्‍दी वर्ष के अंतर्गत संस्‍कृत भारती मध्‍यभारत की शोध पत्रिका मध्‍यमा के हाल ही अंक का विमोचन किया जाना भी प्रस्‍तावित है।

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