SC ने संवैधानिक पीठ को सौंपा मोबाइल और बैंक खातों को आधार से जोड़े जाने का मामला
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मोबाइल नंबरों और बैंक अकाउंट्स को आधार से लिंक करने पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया है । शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मामले पर फैसला संविधान पीठ पर छोड़ा जा रहा है। हालांकि टॉप कोर्ट ने यह भी कहा कि बैंक और मोबाइल टेलिफोन कंपनियां ग्राहकों को मेसेज भेजकर पैनिक क्रिएट ना करें। दरअसल, कंपनियों की ओर से ग्राहकों को मेसेज भेजकर आगाह किया जा रहा है कि अगर उन्होंने आधार से लिंक नहीं किया तो उनका अकाउंट डीऐक्टिवेट हो जाएगा।
हालांकि केन्द्र सरकार ने इस बात से साफ इनकार किया कि ऐसे मेसेज भेजे गए हैं। इस पर जस्टिस ए. के. सीकरी ने कहा, 'मैं कहना नहीं चाहता पर मुझे भी ऐसे मेसेज मिले हैं।' जस्टिस का इशारा एक ही दिन में मिले उन अनेक मेसेज की तरफ था जो उन्हें एक बैंक अकाउंट और मोबाइल नंबर को आधार से लिंक नहीं करने पर डीऐक्टिवेट होने की चेतावनी के मिले थे।
टॉप कोर्ट ने इन संस्थानों को इस तरह लोगों को डराने से बचने के लिए कहा है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने याचिका दाखिल कर आधार को बैंक अकाउंट्स और मोबाइल नंबर्स से लिंक करने से रोकने के लिए केन्द्र को निर्देश देने की मांग की थी, जब तक कि संविधान पीठ इसकी वैधता पर निर्णय नहीं दे देती। यह बेंच जल्द ही उन याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली है, जिसमें निजता के अधिकार के उल्लंघन का हवाला देते हुए आधार की वैधता को ही चुनौती दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केन्द्र से यह भी कहा कि वह कंपनियों से मोबाइल नंबर्स और बैंक अकाउंट्स को आधार से लिंक करने की आखिरी तारीख भी मेसेज में देने का निर्देश दे। इससे पहले एक दिन पहले केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि मोबाइल फोन धारकों को 6 फरवरी तक अपना फोन आधार के साथ लिंक करवाना जरूरी है। सरकार ने अदालत में कहा था कि सभी मोबाइल फोन नंबरों को ई-केवाईसी वेरिफिकेशन के तहत आधार से लिंक करवाना जरूरी है। इसके साथ ही नए बैंक खाते खुलवाने के लिए भी आधार कार्ड अनिवार्य है।
हालांकि केन्द्र सरकार ने इस बात से साफ इनकार किया कि ऐसे मेसेज भेजे गए हैं। इस पर जस्टिस ए. के. सीकरी ने कहा, 'मैं कहना नहीं चाहता पर मुझे भी ऐसे मेसेज मिले हैं।' जस्टिस का इशारा एक ही दिन में मिले उन अनेक मेसेज की तरफ था जो उन्हें एक बैंक अकाउंट और मोबाइल नंबर को आधार से लिंक नहीं करने पर डीऐक्टिवेट होने की चेतावनी के मिले थे।
टॉप कोर्ट ने इन संस्थानों को इस तरह लोगों को डराने से बचने के लिए कहा है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने याचिका दाखिल कर आधार को बैंक अकाउंट्स और मोबाइल नंबर्स से लिंक करने से रोकने के लिए केन्द्र को निर्देश देने की मांग की थी, जब तक कि संविधान पीठ इसकी वैधता पर निर्णय नहीं दे देती। यह बेंच जल्द ही उन याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली है, जिसमें निजता के अधिकार के उल्लंघन का हवाला देते हुए आधार की वैधता को ही चुनौती दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केन्द्र से यह भी कहा कि वह कंपनियों से मोबाइल नंबर्स और बैंक अकाउंट्स को आधार से लिंक करने की आखिरी तारीख भी मेसेज में देने का निर्देश दे। इससे पहले एक दिन पहले केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि मोबाइल फोन धारकों को 6 फरवरी तक अपना फोन आधार के साथ लिंक करवाना जरूरी है। सरकार ने अदालत में कहा था कि सभी मोबाइल फोन नंबरों को ई-केवाईसी वेरिफिकेशन के तहत आधार से लिंक करवाना जरूरी है। इसके साथ ही नए बैंक खाते खुलवाने के लिए भी आधार कार्ड अनिवार्य है।
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