मंत्री को अपशब्द कहने पर बिगड़े भाजपा सांसद
सांसद जनार्दन मिश्रा ने उद्योग मंत्री राजेन्द्र शुक्ला पर की गई टिप्पणी पर जताई नाराजगी, बोले कुंठित मानसिकता से कांग्रेसी हो चुके ग्रसित
रीवा। सांसद जनार्दन मिश्रा ने नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल के उस बयान पर पलटवार किया है जिस पर उन्होंने उद्योग मंत्री राजेन्द्र शुक्ला पर निशाना साधा था। कहा कि नेता प्रतिपक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद पर होते हुए असंसदीय शब्दों का प्रयोग लोकतंत्र के लिए उचित नहीं है। वह अपनी भाषा नहीं सुधारते तो उन्हें भी ऐसे शब्दों का सामना करना पड़ सकता है।
मंत्री की सांड से तुलना पर जताई आपत्ति सांसद ने कहा कि जिस मंत्री ने विंध्य क्षेत्र में विकास की नई परिभाषा गढ़ी है, उनकी तुलना सांड से करना साबित करता है कि नेता प्रतिपक्ष राजनीतिक कुंठा से ग्रसित हैं और कांग्रेस के बढ़ते पतन के चलते छटपटा रहे हैं। अजय सिंह को उनकी पार्टी ही स्वीकार नहीं कर पा रही है, इस कारण वह नेताओं पर असंसदीय टिप्पणियां कर रहे हैं।
हताशा में जी रहे नेता प्रतिपक्ष नेता प्रतिपक्ष पर आरोप लगाते हुए सांसद ने कहा कि रीवा में अधिवक्ताओं के मंच का राजनीतिक लाभ लेकर स्थान बनाने का प्रयास कांग्रेस के नेता कर रहे हैं। चित्रकूट में हो रहे विधानसभा उपचुनाव में भाजपा भारी मतों के अंतर से जीतेगी। इस बात की भनक कांग्रेस नेताओं को लग चुकी है, जिसके चलते वह आपत्ति जनक शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष हताश हो चुके हैं।
चुरहट की पुल भी राजेन्द्र शुक्ला ने बनवाई
सांसद मिश्रा ने उदाहरण देते हुए कि चुरहट में सोन नदी पर तीन लेन की पुल भी राजेन्द्र शुक्ला ने ही बनवाई है। पूर्व में बनी पुल को किस सांड ने तोड़ा यह तो नेता प्रतिपक्ष ही बताएंगे। मिश्रा ने कहा कि इस तरह के बयानों से लोकतांत्रिक व्यवस्था कमजोर होती है।
वकीलों को बताया नेताओं की बैसाखी
वकीलों के आंदोलन पर सांसद जनार्दन मिश्रा ने सवाल उठाते हुए कहा है कि यह आंदोलन छुटभैए नेताओं की बैसाखी बन गया है। मंत्री और भाजपा को अपशब्द कहने का माध्यम बन गया है। मिश्रा ने आरोप लगाया कि अधिवक्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वालों ने ही इसे गुमराह किया। सांसद ने कहा है कि हाईकोर्ट के निर्देश पर नवीन कोर्ट भवन का निर्माण हो रहा है। कोर्ट के बिना हस्तक्षेप उसका कार्य बंद नहीं होगा।
बिल्डर्स के हाथ नहीं जाएगी कोर्ट की भूमि
बिल्डर्स को कोठी परिसर का स्थल देने के लगाए जा रहे आरोपों पर कहा कि उक्त स्थल के दूसरे उपयोग भी किए जा सकते हैं। संस्कृत कॉलेज, विधि कॉलेज या पुस्तकालय आदि के लिए दिया जा सकता है। सांसद ने कहा कि वह भी चाहते हैं कि पुराने स्थल पर ही कोर्ट का विकास हो लेकिन हाईकोर्ट के मामले में वह कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकते। अधिवक्ताओं को आंदोलन समाप्त करना चाहिए।
रीवा। सांसद जनार्दन मिश्रा ने नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल के उस बयान पर पलटवार किया है जिस पर उन्होंने उद्योग मंत्री राजेन्द्र शुक्ला पर निशाना साधा था। कहा कि नेता प्रतिपक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद पर होते हुए असंसदीय शब्दों का प्रयोग लोकतंत्र के लिए उचित नहीं है। वह अपनी भाषा नहीं सुधारते तो उन्हें भी ऐसे शब्दों का सामना करना पड़ सकता है।
मंत्री की सांड से तुलना पर जताई आपत्ति सांसद ने कहा कि जिस मंत्री ने विंध्य क्षेत्र में विकास की नई परिभाषा गढ़ी है, उनकी तुलना सांड से करना साबित करता है कि नेता प्रतिपक्ष राजनीतिक कुंठा से ग्रसित हैं और कांग्रेस के बढ़ते पतन के चलते छटपटा रहे हैं। अजय सिंह को उनकी पार्टी ही स्वीकार नहीं कर पा रही है, इस कारण वह नेताओं पर असंसदीय टिप्पणियां कर रहे हैं।
हताशा में जी रहे नेता प्रतिपक्ष नेता प्रतिपक्ष पर आरोप लगाते हुए सांसद ने कहा कि रीवा में अधिवक्ताओं के मंच का राजनीतिक लाभ लेकर स्थान बनाने का प्रयास कांग्रेस के नेता कर रहे हैं। चित्रकूट में हो रहे विधानसभा उपचुनाव में भाजपा भारी मतों के अंतर से जीतेगी। इस बात की भनक कांग्रेस नेताओं को लग चुकी है, जिसके चलते वह आपत्ति जनक शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष हताश हो चुके हैं।
चुरहट की पुल भी राजेन्द्र शुक्ला ने बनवाई
सांसद मिश्रा ने उदाहरण देते हुए कि चुरहट में सोन नदी पर तीन लेन की पुल भी राजेन्द्र शुक्ला ने ही बनवाई है। पूर्व में बनी पुल को किस सांड ने तोड़ा यह तो नेता प्रतिपक्ष ही बताएंगे। मिश्रा ने कहा कि इस तरह के बयानों से लोकतांत्रिक व्यवस्था कमजोर होती है।
वकीलों को बताया नेताओं की बैसाखी
वकीलों के आंदोलन पर सांसद जनार्दन मिश्रा ने सवाल उठाते हुए कहा है कि यह आंदोलन छुटभैए नेताओं की बैसाखी बन गया है। मंत्री और भाजपा को अपशब्द कहने का माध्यम बन गया है। मिश्रा ने आरोप लगाया कि अधिवक्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वालों ने ही इसे गुमराह किया। सांसद ने कहा है कि हाईकोर्ट के निर्देश पर नवीन कोर्ट भवन का निर्माण हो रहा है। कोर्ट के बिना हस्तक्षेप उसका कार्य बंद नहीं होगा।
बिल्डर्स के हाथ नहीं जाएगी कोर्ट की भूमि
बिल्डर्स को कोठी परिसर का स्थल देने के लगाए जा रहे आरोपों पर कहा कि उक्त स्थल के दूसरे उपयोग भी किए जा सकते हैं। संस्कृत कॉलेज, विधि कॉलेज या पुस्तकालय आदि के लिए दिया जा सकता है। सांसद ने कहा कि वह भी चाहते हैं कि पुराने स्थल पर ही कोर्ट का विकास हो लेकिन हाईकोर्ट के मामले में वह कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकते। अधिवक्ताओं को आंदोलन समाप्त करना चाहिए।
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