भ्रष्टाचार को छिपाने अर्ध निर्मित भवन में संचालित छात्रावास
घटिया सामग्री से हो रहा भवन निर्माण * आखिर गरीबों के बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ क्यों ? * किसके आदेश से संचालित है छात्रावास ?
राहुल तिवारी एमपी ऑनलाइन न्यूज़ संवाददाता
रीवा(जवा) : नौकरशाही की निरंकुशता और निर्माण कार्यों के घटिया निर्माण की चर्चा जनता की जुबान पर आम हो चुकी है।जिसका जवाब भाजपा के नेताओं कार्यकर्ताओं के पास भी नहीं है।इसका उदाहरण पेश करते सड़क नहर पुल पुलिया एवं भवन समूचे जवा तहसील में लोगों की नजरों को नित नयनाभिराम कराते हैं ।इसी कड़ी में जवा में निर्माणाधीन बालक छात्रावास का भवन गरीबों के बच्चों को छाया देते भ्रष्टाचार की मार का गुहार लगा रहा है।
जवा पावर हाउस के पास टमस नदी के किनारे आदिम जाति जनजाति कल्याण विभाग का उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के छात्रों के लिए निर्माणाधीन बालक छात्रावास का भवन भ्रष्टाचार का शिकार बन गया है।निर्माता ठेकेदार घटिया निर्माण सामग्री से निर्माण की औपचारिकता निभा रहा है।निर्माण में टमस नदी के स्थानीय घाटों से मिट्टी मिले रेते को निकाल कर किया गया और किया जा रहा है।परंतु विभाग के अधिकारियों तकनीकी अमले के आंखों में पट्टी बंधी हुई है।हद तो तब हो गई जब अर्ध निर्मित भवन में गरीबों के बच्चों को अधीक्षक के अधीन रहने को बाध्य किया गया।जबकि भवन में छत फर्श छपाई खिड़की दरवाजे आदि काम बांकी है।वहीं शौंचालयों का निर्माण अभी तक शुरू नहीं हुआ है ।
जवा पावर हाउस के पास टमस नदी के किनारे आदिम जाति जनजाति कल्याण विभाग का उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के छात्रों के लिए निर्माणाधीन बालक छात्रावास का भवन भ्रष्टाचार का शिकार बन गया है।निर्माता ठेकेदार घटिया निर्माण सामग्री से निर्माण की औपचारिकता निभा रहा है।निर्माण में टमस नदी के स्थानीय घाटों से मिट्टी मिले रेते को निकाल कर किया गया और किया जा रहा है।परंतु विभाग के अधिकारियों तकनीकी अमले के आंखों में पट्टी बंधी हुई है।हद तो तब हो गई जब अर्ध निर्मित भवन में गरीबों के बच्चों को अधीक्षक के अधीन रहने को बाध्य किया गया।जबकि भवन में छत फर्श छपाई खिड़की दरवाजे आदि काम बांकी है।वहीं शौंचालयों का निर्माण अभी तक शुरू नहीं हुआ है ।
उक्त निर्माणाधीन भवन की निगरानी के लिए जागरूक नागरिकों ने शासन प्रशासन से अनेकों बार गुहार लगाई परंतु ठेकेदार के निर्माण अभियान में राजनैतिक पकड़ उर अफसरशाही के संरक्षण के कारण कोई परिवर्तन नहीं आया ।लोगों की शिकायत की सच्चाई जानने जब हमारे संवाददाता ने भवन स्थल पर कदम रखा तो अचंभित रह गये।निर्माणाधीन भवन के पास भारी मात्रा में संग्रहीत रेता का ढेर घास से ढक चुका था।ढली छत के ऊपर रखी गिट्टी कीचड़ कम करने के लिए पाटने के लायक मिली।जब दीवारों की छपाई पर हांथ फेरा तो बालू के ढेर की तरह भसकने लगी ।
अर्ध निर्मित भवन जिसमें दरवाजे तक नहीं लगे हैं और शौंचालय तक नही बने हैं ऐसे भवन में गरीबों के बच्चों को रखे जाने का कारण जानने के लिए उपस्थित कर्मचारी से सवाल किया तो जबाब दिया गया मैं तो वैसे ही हूँ ।अधीक्षक छोटे लाल दीपांकर बता पाएँगे की क्यों और किसके आदेश से यहाँ विद्यार्थियों को रखा गया है।अधीक्षक के बारे में पूछने पर बताया वो नहीं हैं ।
अब सवाल उठता है की क्या शासन प्रशासन का काम नए नए निर्माण कराना मात्र है चाहे वो निर्माण के साध धराशायी हो जाएँ ? अगर ऐसा नही तो जिस रेता से पीसीसी सड़क नही बनाई जाती उस घटिया रेता से करोड़ों का भवन क्यों बनाने दिया जा रहा है ? सबसे गंभीर सवाल यह उठता है की अर्ध निर्मित घटिया भवन में छात्रों को क्यों रखा गया है ? किसके आदेश से रखा गया है ? क्या भवन निर्माण के धुधुरमटिया अभियान में विभागीय आला अमला तकनीकी अमला सबके सब सामिल हैं ।अगर ऐसा नहीं तो छात्रावास के घटिया निर्माण में रोंक लगाकर जांच कराया जाना चाहिए ।और छात्रों को अविलंब बाहर सुरक्षित भवन में रखा जाना चाहिए ।
अब सवाल उठता है की क्या शासन प्रशासन का काम नए नए निर्माण कराना मात्र है चाहे वो निर्माण के साध धराशायी हो जाएँ ? अगर ऐसा नही तो जिस रेता से पीसीसी सड़क नही बनाई जाती उस घटिया रेता से करोड़ों का भवन क्यों बनाने दिया जा रहा है ? सबसे गंभीर सवाल यह उठता है की अर्ध निर्मित घटिया भवन में छात्रों को क्यों रखा गया है ? किसके आदेश से रखा गया है ? क्या भवन निर्माण के धुधुरमटिया अभियान में विभागीय आला अमला तकनीकी अमला सबके सब सामिल हैं ।अगर ऐसा नहीं तो छात्रावास के घटिया निर्माण में रोंक लगाकर जांच कराया जाना चाहिए ।और छात्रों को अविलंब बाहर सुरक्षित भवन में रखा जाना चाहिए ।

No comments
सोशल मीडिया पर सर्वाधिक लोकप्रियता प्राप्त करते हुए एमपी ऑनलाइन न्यूज़ मप्र का सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला रीजनल हिन्दी न्यूज पोर्टल बना हुआ है। अपने मजबूत नेटवर्क के अलावा मप्र के कई स्वतंत्र पत्रकार एवं जागरुक नागरिक भी एमपी ऑनलाइन न्यूज़ से सीधे जुड़े हुए हैं। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ एक ऐसा न्यूज पोर्टल है जो अपनी ही खबरों का खंडन भी आमंत्रित करता है एवं किसी भी विषय पर सभी पक्षों को सादर आमंत्रित करते हुए प्रमुखता के साथ प्रकाशित करता है। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ की अपनी कोई समाचार नीति नहीं है। जो भी मप्र के हित में हो, प्रकाशन हेतु स्वीकार्य है। सूचनाएँ, समाचार, आरोप, प्रत्यारोप, लेख, विचार एवं हमारे संपादक से संपर्क करने के लिए कृपया मेल करें Email- editor@mponlinenews.com/ mponlinenews2013@gmail.com