-->

Breaking News

व्यवस्थित कचरा प्रबंधन हेतु घर-घर दस्तक देंगे महापौर, निगम आयुक्त व निगम के अन्य अधिकारी


गीले एवं सूखे कचरे को पृथक-पृथक डस्टबिन में रखने की देंगे सीख
भोपाल : शहर में बेहतर कचरा प्रबंधन एवं गीले एवं सूखे कचरे को घरों से ही पृथक-पृथक कर अलग-अलग डस्टबिन में रखकर कचरा एकत्र करने आने वाले स्वच्छता सेवकों को देने की सीख महापौर श्री आलोक शर्मा, निगम आयुक्त श्रीमती प्रियंका दास, अपर आयुक्तगण, उपायुक्तगण सहित नगर निगम के अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारीगण घर-घर जाकर दस्तक देंगे और लोगों को कचरा पृथकीकरण का पाठ पढ़ायेंगे।

स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 में शहर को प्रथम स्थान पर लाने हेतु निगम द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे है। इन्हीं प्रयासों के तहत घरों से निकलने वाले कचरे में कौन कौन सा कचरा गीला एवं कौन सा कचरा सूखे कचरे की परिभाषा में आता है तथा कौन सा कचरा किस रंग के डस्टबिन में रखा जाता है आदि के संबंध में आम नागरिकों तक जानकारी पहुंचाने के दृष्टिगत निगम के जनप्रतिनिधि व अधिकारी, शहर के सभी रहवासी कालोनियों/मोहल्लों व सेवा बस्तियों में घर-घर जाकर नागरिकों को समझाईश देंगे। महापौर श्री आलोक शर्मा ने नागरिकों को स्वच्छता एवं व्यवस्थित कचरा प्रबंधन हेतु उक्त के प्रति जागरूक करने का निर्णय लेते हुए अधिकारियों को इस संबंध में निर्देशित किया और कहा कि वह स्वयं भी शहर की बस्तियों में जाएंगे और अपने साथ ही जनप्रतिनिधियों को भी अपने-अपने क्षेत्रों में नागरिकों को जागरूक करने का आव्हान करेंगे।

नगर निगम द्वारा शहर से निकलने वाले कचरे के निष्पादन हेतु विभिन्न क्षेत्रों में कचरा ट्रांसफर स्टेशन स्थापित किए जा रहे है और इन कचरा ट्रांसफर स्टेशनों पर ही गीले एवं सूखे कचरे के निष्पादन की प्रक्रिया अपनाई जा रही है और गीले कचरे से गैस, बिजली व जैविक खाद का उत्पादन किया जा रहा है और सूखे कचरे को काम्पेक्टर के माध्यम से लेंड फिल साईट पर पहुंचाया जा रहा है और वहां वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के माध्यम से बिजली का उत्पादन किया जाएगा।

उपरोक्त प्रक्रिया का प्रथम चरण घरों से ही प्रारंभ होता है घरों में सब्जी, फल व अन्य खाद्य पदार्थों के बचे हुए अंश, चाय पत्ती/टी बेग, पत्तियां, चिकन व मछली के अवशेष, अण्डे के छिलके, गार्डन वेस्ट आदि गीले कचरे को हरे डस्टबिन में रखा जाएगा जबकि सूखे कचरे के रूप में घरों से निकलने वाले प्लास्टिक कवर, बाटल, बाक्स, चिप्स, टाॅफी वेपर, थर्माकाल, स्पंज, डस्टर, लकड़ी के टुकड़े, बाल, नारियल के खोल आदि सूखे कचरे को नीले डस्टबिन में रखा जाता है। गीले, सूखे कचरे को एकत्र करने हेतु स्वच्छता सेवकों के साईकिल रिक्शा व कचरा वाहनों में पार्टीशन कर व्यवस्था की गई है। स्वच्छता सेवक यह कचरा कचरा ट्रांसफर स्टेशनों पर गीले एवं सूखे कचरे के लिए निर्धारित स्थलों पर पहुचायेंगे जहां गीले एवं सूखे कचरे का  अलग-अलग निष्पादन किया जाएगा। इस प्रकार की प्रक्रिया अपनाने से सड़कों, गलियों में कचरा फैंकने की प्रवृत्ति को रोका जा सकेगा और कचरे के पृथकीकरण में लगने वाले समय और श्रम दोनों की बचत होगी।  

No comments

सोशल मीडिया पर सर्वाधिक लोकप्रियता प्राप्त करते हुए एमपी ऑनलाइन न्यूज़ मप्र का सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला रीजनल हिन्दी न्यूज पोर्टल बना हुआ है। अपने मजबूत नेटवर्क के अलावा मप्र के कई स्वतंत्र पत्रकार एवं जागरुक नागरिक भी एमपी ऑनलाइन न्यूज़ से सीधे जुड़े हुए हैं। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ एक ऐसा न्यूज पोर्टल है जो अपनी ही खबरों का खंडन भी आमंत्रित करता है एवं किसी भी विषय पर सभी पक्षों को सादर आमंत्रित करते हुए प्रमुखता के साथ प्रकाशित करता है। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ की अपनी कोई समाचार नीति नहीं है। जो भी मप्र के हित में हो, प्रकाशन हेतु स्वीकार्य है। सूचनाएँ, समाचार, आरोप, प्रत्यारोप, लेख, विचार एवं हमारे संपादक से संपर्क करने के लिए कृपया मेल करें Email- editor@mponlinenews.com/ mponlinenews2013@gmail.com