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नप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों सहित हजारों विद्यार्थियों ने किया सामूहिक सूर्य नमस्कार


उज्जैन : सूर्य नमस्कार एवं प्राणायाम हमारे शारीरिक और मानसिक विकास में महत्वपूण भूमिका अदा करता है। सूर्य नमस्कार योग परम्परा का अभिन्न अंग है। योग में विभिन्न आसन, मुद्रा और प्राणयाम का वह समन्वय है, जिससे शरीर के सभी अंगों, उपांगों का पूर्ण व्यायाम होता है। इसी उद्देश्य को लेकर राज्य शासन के निर्देशानुसार सामूहिक सूर्य नमस्कार सम्पूर्ण प्रदेश में एक ही समय पर आयोजित होने के साथ-साथ उज्जैन के दशहरा मैदान में भी सामूहिक सूर्य नमस्कार आयोजित किया गया। इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों सहित विभिन्न शिक्षण संस्थाओं के हजारों छात्र-छात्राओं ने सूर्य नमस्कार किया। सूर्य नमस्कार के कार्यक्रम का शुभारम्भ ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन ने स्वामी विवेकानन्द के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। इस अवसर पर सांसद डॉ.चिन्तामणि मालवीय, विधायक डॉ.मोहन यादव, यूडीए अध्यक्ष श्री जगदीश अग्रवाल, श्री ओम जैन, श्री वीरेन्द्र कावड़िया, पार्षद श्री बुद्धिप्रकाश सोनी, संभागायुक्त श्री एमबी ओझा, कलेक्टर श्री संकेत भोंडवे, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री संदीप जीआर, नगर निगम आयुक्त श्री विजय कुमार जे, अपर कलेक्टर श्री वसन्त कुर्रे सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी, शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं आदि उपस्थित थे।
 
दशहरा मैदान पर आयोजित सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम में आकाशवाणी से प्रसारण किया गया। निर्देश अनुसार वन्दे मातरम, मध्य प्रदेश गान, स्वामी विवेकानंद का रिकार्डेड शिकागो का संदेश, मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान का संदेश सुनाने के बाद सामूहिक सूर्य नमस्कार एवं प्राणायाम किया गया। उल्लेखनीय है कि स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था। राज्य शासन द्वारा उनके जन्म दिवस को प्रतिवर्ष 12 जनवरी को युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। युवा दिवस के अवसर पर लोकशिक्षण संचालनालय द्वारा जारी निर्देशों के तहत सामूहिक सूर्य नमस्कार का आयोजन किया जाता है। निर्देशों के तहत जिला मुख्यालय स्तर पर, विकास खण्ड स्तर पर समस्त शैक्षणिक संस्थाओं में सामूहिक सूर्य नमस्कार का आयोजन किया गया।
 
राज्य सरकार द्वारा 25 जनवरी 2007 को प्रदेश में प्रथम बार सामूहिक सूर्य नमस्कार तथा प्राणायाम का आयोजन किया गया था। सामूहिक सूर्य नमस्कार के महत्व को देखते हुए अनेक संस्थाओं द्वारा इसकी निरन्तरता को बनाये रखा गया है। वर्ष 2007 से प्रदेश के समस्त विद्यालयों में इसका आयोजन सतत् किया जा रहा है। सामूहिक सूर्य नमस्कार तथा प्राणायाम में प्रार्थना की मुद्रा, हस्त उत्तानासन, पाद हस्तासन, अश्व संचालनासन, पर्वतासन, अष्टांग नमस्कार, भुजंगासन, पर्वतासन, अश्व संचालनासन, पाद हस्तासन, हस्त उत्तानासन, प्रार्थना की मुद्रा, तथा प्राणायाम अनुलोम-विलोम प्राणायाम, भस्त्रिका प्राणायाम एवं भ्रामरी प्राणायाम कर तन, मन और वाणी से की गई सूर्योपासना है। सूर्य की किरणों से मिलने वाले विटामिन ‘डी’ की प्राप्ति होती है और शरीर के सभी जोड़ों व मांसपेशियों को ढीला करने का तथा आन्तरिक अंगों की मालिश करने का एक सरल एवं प्रभाशाली अभ्यास है। सामूहिक सूर्य नमस्कार बारह स्थितियों से मिलकर बना है। जो इंसान प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करते हैं, वे आयु, अच्छी बुद्धी, बल, वीर्य और तेज को प्राप्त करते हैं।
 
अच्युतानन्द गुरू अखाड़े के शिष्यों ने किया सूर्य नमस्कार
ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि हरसिद्धि के पीछे श्री अच्युतानन्द गुरू अखाड़े में 12 जनवरी को प्रात: अखाड़े में शिष्यों आदि ने सामूहिक सूर्य नमस्कार किया।





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