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सरकार की वादाखिलाफी से नाराज अध्यापकों ने आज राजधानी भोपाल में कराया मुंडन


भोपाल : शिक्षा विभाग में संविलियन एवं सातवें वेतन का लाभ नन्हे से दुखी अध्यापक आज आजाद अध्यापक संघ के प्रांताध्यक्ष शिल्पी सिंह के नेतृत्व में अपने-अपने केस त्यागे जानकारी मिली है कि मध्य प्रदेश सरकार के मुखिया माननीय शिवराज सिंह चौहान ने अध्यापको को आश्वस्त किया था कि जब राज्य के अन्य कर्मचारियों को सातवां वेतन दिया जाएगा तो अध्यापकों को भी साथ में वेतन का लाभ दिया जाएगा समय बीत जाने के बाद भी अध्यापकों को सातवें वेतन से अलग रखा गया वही शिक्षा विभाग में संविलियन की बात कहने से भी मुकर रहे जिस से दुखी अध्यापकों ने सरकार से मिलने की हां जरा इस पर भी उनके बचाव अजब सरकार को तरस नहीं आया बहन शिल्पी सिवान ने किस त्यागने का निर्णय लिया सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए शिल्पी सिवान ने आज लगभग 50,000 अध्यापकों के साथ राजधानी भोपाल के जंबूरी मैदान में भरे पंडाल में सरकार की वादाखिलाफी से तंग आकर अपने केश त्यागे । उनके साथ लगभग हजारों पुरुष अध्यापक एवं लगभग आधा साकड़ा अन्य महिला अध्यापक ने भी केस त्याग कर विरोध जताया । रीवा जिले के जिलाध्यक्ष अनिल शुक्ल, प्रांतीय संगठन मंत्री राजीव तिवारी के साथरीवा से गए सभी अध्यापकों ने भी अपने अपने केस त्यागे।                           

जानकारी यह भी मिली है कि जैसे ही बहन शिल्पी सिवान केस त्यागकर मंच पर आई उनका मुँडा सिर देखते ही 2-3 अध्यापकों को हार्ट अटैक आ गया जिन्हें राजधानी भोपाल के अस्पताल में भर्ती करवाकर उपचार करवाया जा रहा है।

इधर, महिलाओं के मुंडन को लेकर बीजेपी प्रवक्ता राजो मालवीय ने अपने बयान में कहा कि महिलाओं को मुंडन कराना मर्यादा के खिलाफ है। महिलाओं को अपनी मांगे मर्यादा में रखनी चाहिए। अध्यापकों का कहना है कि सरकार उनके साथ दोहरा व्यवहार कर रही है।


स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन और छठे वेतनमान की राशि एक मुश्त देने सहित पांच सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश के अध्यापकों का प्रदर्शन अब मुंडन में बदल गया है। इसके पहले हजारों की संख्या में अध्यापक शाहजहानी पार्क में प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन का असर शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पर पड़ा था। कई जगह जाम की स्थिति बनी थी लेकिन सरकार ने प्रदर्शनकारियों की बाद नहीं सुनी। अध्यापकों की मांगें पूरी न होने पर शनिवारो को प्रदेश के अध्यापकों ने मुंडन कराकर प्रदर्शन किया। इसके पहले 40 अध्यापक एक साथ आमरण अनशन कर चुके हैं। भरत पटेल ने बताया कि को सरकार को एक दिन का अल्टीमेटम दिया है। यदि मांगें पूरी नहीं होती हैं तो स्कूलों की तालाबंदी से प्रदेशभर में चरणबद्ध आंदोलन होगा। इसके चलते डीईओ कार्यालय से लेकर वल्लभ भवन तक तालाबंदी की तैयारी है।

ये हैं प्रमुख मांगे : शिक्षा विभाग में संविलियन किया जाए , विसंगत रहित छठवां वेतनमान समान एक सितंगर 2013 से प्रदान किया जाए , सातवां वेतनमान दिया जाए , 2005 के पूर्व नियुक्त अध्यापक संवर्ग को पुरानी पेंशन प्रणाली का लाभ प्रदान किया जाए। क्रमोन्नति में पदोन्नति का वेतन प्रदान किया जाए। अनुकम्पा नियुक्ति के नियमों को शिथिल कर, चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नियुक्ति की पात्रता प्रदान की जाए। अध्यापक संवर्ग को बंधन रहित स्थानांतरण नीति प्रदान किया जाए। नवीन पेंशन प्रणाली अन्तर्गत 18 माह का अंशदान अभी तक जमा नहीं किया गया है तत्काल जमा किया जाए एवं अंशदान हर माह जमा करने की व्यवस्था की जाए। महिला अध्यापक को संतान पालन अवकाश प्रदान किया जाए। गुरुजी को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता प्रदान किया जाए। राज्य शिक्षा सेवा का गठन किया जाए।

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