अब बेनामी संपत्ति की जानकारी देने वालों को 1 करोड़ का इनाम देगी मोदी सरकार
नई दिल्ली : अब बेनामी संपत्ति का पता बताने वाले मुखबिर करोड़पति हो जाएंग। सरकार की नई नीति के तहत बेनामी संपत्ति के बारे में गुप्त जानकारी देने वालों को सरकार की तरफ इनाम में एक करोड़ रुपये दिये जाएंगे। यदि कोई शख्स बेनामी प्रहिबिशन यूनिट्स में जॉइंट या अडिशनल कमिश्नर को ऐसी किसी संपत्ति के बारे में सूचना देता है तो सूचना देने वाले गुप्तचर को ट्रांजैक्शंस इन्फॉरमेंट्स रिविर्ड स्कीम-2018 के तहत 1 करोड़ रुपये दिये जाएंगे। वित्त मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि ऐसी संपत्तियों की जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के इन्वेस्टिगेशन डायरेक्टोरेट को देनी होगी। ट्रांजैक्शंस इन्फॉरमेंट्स रिविर्ड स्कीम-2018 के बारे में जानकारी आईटी ऑफिस या फिर उसके वेबसाइट पर उपलब्ध है।
इतना ही नहीं सरकार की तरफ से यह भी कहा गया कि इंकम टैक्स इन्फॉरमेंट्स रिवॉर्ड स्कीम के तहत भी मुखबिरों को 50 लाख रुपये इनाम के तौर पर दिये जाएंगे। इसके लिए मुखबिर को इंकम टैक्स की चोरी करने वाले शख्स के बारे में आयकर विभाग के जांच निदेशालय को देना होगा। विभाग को ऐसी सूचनाएं देने वाले मुखबिर के बारे में सारी जानकारियां गोपनीय रखी जाएंगी। इंकम टैक्स इन्फॉरमेट्स रिवॉर्ड स्कीम 1961 के आईटी एक्ट के तहत शुरू की गई है। बेनामी संपत्ति रखने वालों का पता लगाना आयकर और प्रवर्तन निदेशालय के लिए हमेशा से ही टेढ़ी खीर रहा है। लेकिन विभाग की इस नई स्कीम के बाद ऐसा माना जा रहा है कि अब बेनामी संपत्ति का पता लगाने में कामयाबी मिलेगी।
कालाधन का पता लगाने के लिए नोटबंदी के बाद सरकार की नजर पिछले कई महीनों से बेनामी संपत्ति रखने वाले लोगों पर कार्रवाई करने की थी। पिछले साल से ही सरकार इस स्कीम को अमलीजामा पहनाने की कवायद में जुटी हुई थी। हालांकि इससे पहले भी बेनामी संपत्ति का पता बताने वाले लोगों को आयकर विभाग, एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट और डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस की तरफ से इनाम मिलता रहा है लेकिन इनाम के तौर पर इतनी बड़ी राशि देने का ऐलान पहली बार हुआ है। एक खास बात यह भी है कि इन स्किमों का लाभ विदेशी में रहने वाले लोग भी उठा सकते हैंं।
इतना ही नहीं सरकार की तरफ से यह भी कहा गया कि इंकम टैक्स इन्फॉरमेंट्स रिवॉर्ड स्कीम के तहत भी मुखबिरों को 50 लाख रुपये इनाम के तौर पर दिये जाएंगे। इसके लिए मुखबिर को इंकम टैक्स की चोरी करने वाले शख्स के बारे में आयकर विभाग के जांच निदेशालय को देना होगा। विभाग को ऐसी सूचनाएं देने वाले मुखबिर के बारे में सारी जानकारियां गोपनीय रखी जाएंगी। इंकम टैक्स इन्फॉरमेट्स रिवॉर्ड स्कीम 1961 के आईटी एक्ट के तहत शुरू की गई है। बेनामी संपत्ति रखने वालों का पता लगाना आयकर और प्रवर्तन निदेशालय के लिए हमेशा से ही टेढ़ी खीर रहा है। लेकिन विभाग की इस नई स्कीम के बाद ऐसा माना जा रहा है कि अब बेनामी संपत्ति का पता लगाने में कामयाबी मिलेगी।
कालाधन का पता लगाने के लिए नोटबंदी के बाद सरकार की नजर पिछले कई महीनों से बेनामी संपत्ति रखने वाले लोगों पर कार्रवाई करने की थी। पिछले साल से ही सरकार इस स्कीम को अमलीजामा पहनाने की कवायद में जुटी हुई थी। हालांकि इससे पहले भी बेनामी संपत्ति का पता बताने वाले लोगों को आयकर विभाग, एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट और डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस की तरफ से इनाम मिलता रहा है लेकिन इनाम के तौर पर इतनी बड़ी राशि देने का ऐलान पहली बार हुआ है। एक खास बात यह भी है कि इन स्किमों का लाभ विदेशी में रहने वाले लोग भी उठा सकते हैंं।
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