BHOPAL NEWS : सपाक्स का प्रान्तीय सम्मेलन सम्पन्न, कई मुद्दों पर हुई चर्चा
भोपाल : सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी कर्मचारी संस्था (सपाक्स) का प्रांतीय अधिवेशन नार्मदीय मंदिर भवन तुलसीनगर भोपाल में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में संस्था संरक्षक श्री हीरालाल त्रिवेदी, आईं ए एस, पूर्व सूचना आयुक्त, श्री राजीव शर्मा, आई ए एस, डॉ के एल साहू, पूर्व संचालक स्वास्थ्य, संस्था अध्यक्ष श्री के एस तोमर एवं अन्य संस्था पदाधिकारी तथा संस्थापक सदस्य श्री अजय जैन एवं अन्य, सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नति में आरक्षण प्रकरण में प्रतिवादी श्री आर बी राय तथा प्रदेश भर से पधारे संस्था जिला पदाधिकारी उपस्थित रहे। इसके पूर्व सुबह ६.०० बजे “रन फ़ॉर इक्वॉलिटी” दौड़ का आयोजन किया गया। दौड़ का आयोजन लिंक रोड नं -१ पर हुआ।
अधिवेशन में निर्णय लिया गया कि मान सर्वोच्च न्यायालय के हाल के निर्णयों के परिप्रेक्ष्य में केंद्र शासन के द्वारा जारी पत्र के निर्देशों के आधार पर यदि एम नागराज प्रकरण में मान न्यायालय के निर्धारित मापदंडों का उल्लंघन कर कोई भी कार्यवाही की जाती है तो सपाकस अन्य राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय संगठनों के साथ देश भर में आंदोलन के साथ मान न्यायालय की अवमानना के संदर्भ में नए सिरे से न्यायालयीन संघर्ष भी करेगा।
यह स्पष्ट हो चुका है कि संविधान की समानता की भावना को ताक पर रखकर केंद्र और राज्य सरकारें किसी वर्ग विशेष के लिए अपने क्षुद्र राजनैतिक हितों को साधने किसी भी सीमा तक जा सकती हैं। म.प्र. में मान सर्वोच्च न्यायालय के यथास्थिति के आदेश हैं, सरकार के भेदभाव पूर्ण रुख के कारण आज तक ७०००० से अधिक अधिकारी कर्मचारी पदोन्नति के उनके अधिकार से वंचित रहते हुए सेवानिवृत्त हो गए हैं एवं इनके स्थान पर सरकार उन अधिकारियों कर्मचारियों से काम ले रही है जिन्हें मान उच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार पदावनत किया जाना है। सरकार हर तरह से सामान्य पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग का शोषण कर रही है। यही स्थितियां पूरे देश में एट्रोसिटी एक्ट पर मान न्यायालय के हाल के निर्णय पर भी राजनैतिक दलों द्वारा निर्मित की गईं जिसके फलस्वरूप करोड़ों की आर्थिक हानि देश को हुई और देश भर में अराजकता फैलाई गई। सपाक्स सम्पूर्ण सामान्य, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग से यह अपील करता है कि इस असमानता के विरुद्ध संघर्ष में खुलकर बाहर निकले।
सपाक्स मात्र पदोन्नति में अन्याय के विरूद्ध ही संघर्षरत नहीं है बल्कि वह हर विषय संस्था का है जहां अन्याय हो रहा है। चाहे संविदा पर रोजगार देकर शोषण की नीति हो या युवाओं और किसानों से जुड़ी भेदभाव पूर्ण नीतियां। सम्मेलन में निर्णय लिया गया कि संस्था निरंतर अपने विस्तार के साथ इन सभी विषयों पर सामाजिक जन जागरूकता के लिए प्रदेश भर में जिला एवं विकासखंड स्तर पर पुन: रैलियां आयोजित करेगी। जन सामान्य को यह भी याद दिलाया जावेगा कि दिनांक २ अप्रैल के बंद में किस एक वर्ग विशेष के शासकीय कर्मियों द्वारा हिंसक गतिविधियों की कार्यवाही की गई जिसके पुख्ता सबूत होने के बावजूद कोई भी कार्यवाही शासन द्वारा नहीं की गई जबकि इसमें कई निरपराध जान से हाथ धो बैठे।
बैठक में संस्था को शासन द्वारा मान्यता न दिए जाने पर निंदा प्रस्ताव भी पारित किया गया एवं शासन स्तर से मान्यता की फ़ाइल गुम करने वाले अधिकारियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्यवाही की माँग भी की है।
संस्था ने सरकार से अनारक्षित
वर्ग के शासकीय सेवकों की पदोन्नति की भी माँग की, क्यों कि मान न्यायालय द्वारा पदोन्नति में आरक्षण समाप्त किया है न कि पदोन्नति पर रोक लगाई है।
वर्ग के शासकीय सेवकों की पदोन्नति की भी माँग की, क्यों कि मान न्यायालय द्वारा पदोन्नति में आरक्षण समाप्त किया है न कि पदोन्नति पर रोक लगाई है।
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