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शिक्षको को अध्यापको के संविलियन से कोई आपत्ति नहीं


 
भोपाल। मध्य प्रदेश शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री क्षत्रवीर सिंह राठौड़ ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि अध्यापकों के संविलियन में पुराने शिक्षकों द्वारा रोड़े अटकाने की बात कोरी अफवाह है ।कुछेक विघ्न संतोषी शरारती तत्व शिक्षकों और अध्यापकों के बीच दरार और खाईयां पैदा कर प्रदेश में शिक्षा विभाग की गुणवत्ता को प्रभावित कर निजीकरण के एजेंडा को फलीभूत करने का असफल प्रयास कर रहे हैं । ऐसा वे  प्रदेश में गहरी जड़ें जमा चुके  शिक्षा माफिया  के निजीकरण के  अभियान की पूर्णता के लिए  कुकृत्य कर रहे हैं । मध्य प्रदेश शिक्षक संघ 10 वर्षों से लगातार अध्यापकों की शिक्षा विभाग में संविलियन के लिये प्रयास कर रहा है और कभी भी इस एक मात्र मांग से पीछे नहीं हटा  है। जबकि विगत वर्षों में कतिपय अध्यापकों के सँगठन ने संविलियन की एकमात्र मांग को दरकिनार कर छोटे-छोटे टुकड़ों पर ही संतोष व्यक्त करते रहे हैं मध्य प्रदेश शिक्षक संघ की सदैव समान वेतन पर समान पदों पर शिक्षा विभाग में संविलियन का एक सूत्र लगातार चला है जिसके कारण मध्य प्रदेश सरकार ने कैबिनेट में संविलियन की दिशा में प्रस्ताव पास कर दिया है । शिक्षक संवर्ग के सामूहिक पदनाम परिवर्तन से शून्य बजट भार के बाबजूद सरकार की तरफ से कार्यवाही पूर्ण न होने को लेकर दुःख प्रकट किया। शिक्षक संवर्गों और अध्यापको के बीच शिक्षा विभाग में संविलियन में वरिष्ठता कोई मुद्दा नहीं है और तय स्थापित नियमों के अनुसरण से आपसी वरिष्ठता स्वमेव तय हो जाती है इसे अधिकारी बेवजह तूल दे रहे है जो कतिपय बिचौलिये मानसिकता वालो की कुटिल चाल है।
शिक्षक संघ ने अध्यापको के मुख्य पदों पर पुराने डाईंग कैडर को पुनर्जीवित कर  समान वेेतनमान,समान  सेवा शर्तें और समान  सुविधाये तत्काल  अध्यापको को प्रदान करने की भरसक पैरवी कर कोशिश की है।
मध्य प्रदेश शिक्षक संघ नरसिंहपुर जिला सचिव सत्य प्रकाश त्यागी प्रस्तावित प्राथमिक शिक्षक माध्यमिक शिक्षक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षक के पद नाम बाली अधीनस्थ राज्य शिक्षा सेवा में अध्यापकों के संविलियन के प्रस्ताव को ठुकरा कर सरकार से मांग की है कि मध्य प्रदेश शिक्षक संघ के द्वारा मांगे गए शिक्षा विभाग के मूल पदों पर सभी सेवा शर्तों और समान सुविधाओं के साथ अध्यापकों को शिक्षक बनाकर शिक्षा विभाग में केवल एक ही संवर्ग रहेगा वाली 21 जनवरी 2018 की स्वयं मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा को फलीभूत किया जाए जिससे प्रदेश में शिक्षा विभाग में अनेकों कैडर का प्रचलन बंद हो। वर्तमान में घोषित राज्य शिक्षा सेवा संविलियन के बजाय अध्यापक संवर्ग के नियुक्ति के प्रावधान को सिरे से नकार दिया है।  शिक्षा विभाग तमाम सुविधाएं पूरी सेवा शर्तें लागू करते हुए शिक्षा विभाग में संविलियन की कार्यवाही और आदेश शीघ्र प्रसारित करने की पुरजोर ढंग से मांग उठाई है और आज दिनांक तक 21 जनवरी की घोषणा एवं पिछली कैबिनेट के तारतम्य में किसी प्रकार का आदेश जारी ना होने को लेकर रोष प्रकट किया है।
मप्र शिक्षक संघ ने सचेत करते हुये कहा है कि शिक्षक और अध्यापको के बीच दुराभाव पैदा करने कतिपय स्वार्थी तत्वों द्वारा संविलियन के मुद्दे पर पुराने शिक्षकों की घोर आपत्ति की अफवाह फैलाई जा रही हैं जिससे शालाओ में दोनों संवर्गों के परस्पर सौहाद्र के वातावरण में खलल पड़ सकता हैं।

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