-->

Breaking News

केन्द्रीय विद्यालय में अव्यवस्थाओं का आलम शिक्षा के अधिकार अधिनियम की अवहेलना

केन्द्रीय विद्यालय में अव्यवस्थाओं का आलम

शिक्षा के अधिकार अधिनियम की अवहेलना


शहडोल / प्रदीप मिश्रा - 8770089979

एस.ई.सी.एल के सहयोग से संचालित विद्यालय केन्दीय विद्यालय धनपुरी रेल्वे कालोनी में शिक्षकों, सुविधाओं की कमी निरंतर बनी हुई हैं

स्वच्छ भारत मिन का माखौल उडाया

केन्द्रीय विद्यालय में सर्वसुविधा युक्त नतो शौंचालय है और न ही पेयजल की सुविधा विद्यालय के द्वारा इन सुविधाओं का दावा किया जाता है किन्तु तपती धूप में बच्चों को टूटे फूटे खिडकियों से युक्त बंद पडे पंखों में अध्ययन करने के लिए मजबूर है विद्यालय के पास ही नगरपालिका के द्वारा कचडों का अम्बार लगाकर उसमें धंधकती आग और उसमें होने वाले प्रदुषण से बच्चों का परहेज नही है साथ 10 मीटर की दूरी में श्मशान घाट विद्यालय के पीछे 20 मीटर पर रेल्वे लाइन जहां दिन रात ट्रेंनों की गुजरने से शोर-गुल मचा रहता है साथ ही विद्यालय के सामने से गंदी नाली का बहाव खेल के मैदान का अभाव यही नही वाहन पार्किग करने की व्यवस्था तक नही है।

यातायात नियमों के धता

विद्य़ाालय में संचालित बसें बिना फिटनेंष व परमिट के सुरक्षा को अनदेखी यातायात विभाग के आंखों में धूल झोंका जा रहा है बसों की स्थिति को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि एस.ई.सी.एल प्रबंधन एवं स्कूल प्रबंधन किस तरह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड करनें में तुले हुए है इन बसों की जर्जर अवस्था को अनदेखा नही किया जा सकता है कारण बसों में न तो फास्टेड बाॅक्स है न इनकी खिडकियों में जाली लगें है फिर भी इन कबाड बसों को यातायात विभाग सडक में दौडाने की इजाजत प्रदान करके रखी है ऐसे कबाड बसों के फिटनेव परमिट रद्द होने चाहिए एवं एस.ई.सी.एल के जिम्मेदार अधिकारियों को जिनके द्वारा इन बसों को ठेका देकर कमीशन खोरी के चक्कर में चलाया जा रहा है उनके उपर यातायात नियमों के तहत कार्यवाही होनी चाहिए।

शिक्षा के अधिकार अधिनियम का माखौल

इनके द्वारा महज दिखावा व ढ़िढौरा पीटकर धूल झोंकने का काम किया जा रहा है सिर्फ फाइलों में चाटूकारों व अपने निजी व्यक्तियों छुटभैया नेताओं और गुर्गो के बच्चों को ही लाभ पहुंचाया जा रहा है किन्तु किसी गरीबों के बच्चों को अपने विद्यालय में एडमीषन नही दिया जाता है इनके यहां महज काॅलरी कर्मचारी कार्यरत् व रिटायरों के बच्चे साथ ही ऐसे विद्यार्थियों का प्रवे लिया जा रहा है जो अन्य विद्यालय से श्रेष्ठ शिक्षा परिणाम प्राप्त कर जाते है यही नही कर्मचारियों के बच्चों का अगर 50/ भी अंक है तो प्राथमिकता प्रदान दिया जाता है जबकि काॅलरी से प्रभावित ग्रामों के बच्चों को जिनके भूमि अधिग्रहण कर लिए गए उन्हें रोजगार से व अन्य के साधन से सदा के लिए वंचित कर दिया गया उनके बच्चों के प्रवे लेना वर्जित  है

विद्यालय केन्टीन व मेस का अभाव

शिक्षा अध्ययन के दौरान होने वाले लन्च बे्रक में बच्चों के बैठने के लिए न तो मेस है और न ही कैन्टीन कारण बच्चे उस छोटी सी जगह में जमीन व सीढियों में बैठकर नास्ता करते सहज देखे जा सकते है। इन सब कमियों का जिम्मेदार एस.ई.सी.एल को ठहराकर स्कूल प्रबंधन अपना पल्ला झाड़ लेते है इसी तरह एस.ई.सी.एल भी काम सहजता से टाल  देता है इस प्रकार सभी नियमों जो कि विद्यालय संचालक से पूर्व शासन द्वारा पूरी कराई जाने वाली फोरम में अगर यह विद्यालयों आता है तो ऐसे विद्यालयों की मन्यता रद्द कर देनी चाहिए क्योकि बंद डिब्बे की तरह बने विद्यालय में बच्चे खुलकर अपना मानसिक , बौद्धिक, व शारिरिक, शिक्षा प्राप्त करने में विकास प्राप्त नही कर सकतें।


No comments

सोशल मीडिया पर सर्वाधिक लोकप्रियता प्राप्त करते हुए एमपी ऑनलाइन न्यूज़ मप्र का सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला रीजनल हिन्दी न्यूज पोर्टल बना हुआ है। अपने मजबूत नेटवर्क के अलावा मप्र के कई स्वतंत्र पत्रकार एवं जागरुक नागरिक भी एमपी ऑनलाइन न्यूज़ से सीधे जुड़े हुए हैं। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ एक ऐसा न्यूज पोर्टल है जो अपनी ही खबरों का खंडन भी आमंत्रित करता है एवं किसी भी विषय पर सभी पक्षों को सादर आमंत्रित करते हुए प्रमुखता के साथ प्रकाशित करता है। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ की अपनी कोई समाचार नीति नहीं है। जो भी मप्र के हित में हो, प्रकाशन हेतु स्वीकार्य है। सूचनाएँ, समाचार, आरोप, प्रत्यारोप, लेख, विचार एवं हमारे संपादक से संपर्क करने के लिए कृपया मेल करें Email- editor@mponlinenews.com/ mponlinenews2013@gmail.com