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योग के माध्यम से परम चेतना की अवस्था को प्राप्त करें साधक अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आईजीएनटीयू में तीन दिवसीय कार्यक्रम संपन्न बड़ी संख्या में साधकों ने लिया भाग, विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता पुरस्कृत

योग के माध्यम से परम चेतना की
अवस्था को प्राप्त करें साधक
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आईजीएनटीयू में तीन दिवसीय कार्यक्रम संपन्न

बड़ी संख्या में साधकों ने लिया भाग, विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता पुरस्कृत

अमरकटंक / प्रदीप मिश्रा - 8770089979

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर गुरुवार को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में योग की विशेष कार्यशाला के साथ तीन दिवसीय कार्यक्रमों का समापन हुआ। इस अवसर पर योग को शारीरिक और मानसिक चुनौतियों को दूर करने का सशक्त माध्यम बताते हुए इसके माध्यम से परम चेतना की अवस्था को प्राप्त करने का आह्वान किया गया। विश्वविद्यालय के योग संकाय के तत्वावधान में तीन दिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत गुरुवार को योग साधकों के लिए विशेष कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें शिक्षकों, कर्मचारियों, छात्रों और निकटवर्ती क्षेत्र के निवासियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। इसमें योग शिक्षक डॉ. श्याम सुंदर पाल और डॉ. संदीप ठाकरे के निर्देशन में योग साधकों को विभिन्न प्रकार के आसन-भद्रासन, वक्रासन, मण्डुकासन, ताड़ासन, वृक्षासन, त्रिकोनासन, कटि चक्रासन, उत्कटासन, पवन मुक्तासन, उत्तान पादासन, सेतु बंधासन, अर्ध चक्रासन, सेतु बंधासन, मरकटासन, भुजंगासन, धनुषासन, शलभासन आदि कराए गए। इसके बाद प्राणायाम में कपालभाति, अनुलोम-विलोम, उज्जायी और शीतली प्राणायाम कराए गए। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में योग साधकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. किशोर जी. गायकवाड़, वित्ताधिकारी सीएमए ए. जेना, संकायाध्यक्ष प्रो. एन.एस. हरि नारायण मूर्ति, डॉ. तरूण ठाकुर, विभागाध्यक्ष डॉ. मोहनलाल चढ़ार, डॉ. नीलम श्रीवास्तव, अमित दवे, सतानंद तिवारी, सुरेश उपस्थित थी। बुधवार को विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यशाला में महामंडलेश्वर स्वामी सुखदेवानंद ने योग की अलौकिक शक्तियों के बारे में जानकारी प्रदान की। उनका कहना था कि सभी प्राणी सतत योग से युक्त हैं बस इसे अनुभव करने की आवश्यकता है। उन्होंने चेतनासूत्र को योग बताते हुए कहा कि योग के माध्यम से स्वयं की इच्छा, ज्ञान और क्रिया शक्तियों को जागृत किया जा सकता है। इसके बाद सतत अभ्यास से योग साधक परम चेतना की अवस्था को प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने योग का लक्ष्य परम चेतना से खुद को जोड़ना बताया। कार्यक्रम में कुलपति प्रो. टी.वी. कटटीमनी ने योग को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित विभिन्न योग प्रतियोगिताओं में विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। पोस्टर प्रतियोगिता में आकाश त्रिवेदी, चित्रकला में रोशन, निबंध में सूफिया प्रवीन, भाषण में धारणा सिंह (सभी बी.एससी. योग के छात्र) और केंद्रीय विद्यालय के छात्रों में चित्रकला में तान्या सिंह और निबंध में अर्नव श्रोत्रिय को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया।


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