-->

Breaking News

पाठक की कलम : केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के इंटरव्यू के क्या मायने है




भोपाल : दैनिक भास्कर में केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान का इन्टरव्यू प्रकाशित हुआ है। दलित राजनीति व जातिगत आरक्षण के पैरोकार, पासवान के धूर्तता पूर्ण बयान के निहितार्थ पर विचार करने की आवश्यकता है।

1989 में  जिस प्रकार मण्डल आयोग की रिपोर्ट को लागू कर सवर्ण समाज को अनारक्षित सामान्य वर्ग और आरक्षित ओबीसी वर्ग दो वर्गों में विभाजित किया गया था ठीक उसी प्रकार अब सामान्य वर्ग को तोड़ कर Sc/St को मिल रहे जातिगत आरक्षण को सदा सुरक्षित रखने की चालाकी मात्र है पासवान जी का ये इंटरव्यू ।

देश के कोने कोने से आ रही जातिगत आरक्षण और एट्रोसिटी एक्ट की विरोधी आवाजें सुनकर छल-कपट, जातिगत और विभाजनकारी राजनीति के बल पर राजनीति में पैठ जमाए नेताओं के कदम अब डगमगाने लगे हैं। परम्परागत रूप से सपाक्स समाज ज्यादातर खेती-किसानी पर ही निर्भर रहा है, किन्तु पीढ़ी दर पीढ़ी कृषि योग्य भूमि के बटबारे और निरन्तर लागत वृद्धि के कारण अब परम्परागत कृषि से जीवन यापन कर पाना मुश्किल हो गया है।अतः धीरे धीरे ही सही यह वर्ग अब संगठित होकर अपने संवैधानिक हकों के लिए आवाज उठाने लगा है।

श्री पासवान का यह कथन कि ब्राह्मण हल नहीं चला सकता है, ब्राह्मणों के प्रति सहानुभूति नहीं, उन्हें निकम्मा कहकर अपरोक्ष रूप से गाली देने के समान है। इसी क्रम में केवल ब्राह्मणों के आरक्षण की बात करके कुटिल राजनीति सपाक्स वर्ग में फूट डालने के प्रयास का हिस्सा है।हमारे समाज के सक्रिय राजनीतिक जयचन्द पासवान जैसे नेताओं के स्वर में स्वर मिला कर ब्राह्मणों के आरक्षण की बात करने लगें, तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।

आज ब्राह्मण अपनी आजीविका के लिए रिक्शा चलाने सहित सभी छोटे-बड़े कार्य सहित, सुलभ-शौचालयों में भी काम कर रहे हैं। खेत-खलिहान हो तो ब्राह्मणों को कार्य करने में क्या परेशानी होगी!

अधिकतम 50% आरक्षण की तय सीमा को नहीं बढाने के सुप्रीम कोर्ट के स्टैंड को पटखनी देकर आरक्षण की निर्धारित लक्ष्मण रेखा लांघने का निरन्तर राजनीतिक प्रयास किये जा रहे हैं पासवान का इन्टरव्यू इसी कड़ी का एक हिस्सा है।

पासवान जी, ब्राह्मण स्वार्थी नहीं है,और गरीबी सिर्फ ब्राह्मणों में ही नहीं,सभी वर्ग में है,तो आरक्षण भी गरीबी के आधार पर सभी के लिए होना चाहिए।

फुट डालकर शासन करने की राजनीतिक चालें जनता अच्छी तरह से समझ चुकी हैं।अपनी अटूट एकता के दम पर सपाक्स समाज, राजनीति को सही दिशा देने के लिए कमर कस चुका है और उठ खड़ा हुआ है।

*बहुत सहा अब और नहीं।*
*अब और सहा तो ठौर नहीं।।*




प्रमोद प्रसंग परिहार
प्रंतीय सचिव
सपाक्स युवा संगठन


ये लेखक के निजी विचार हैं।

No comments

सोशल मीडिया पर सर्वाधिक लोकप्रियता प्राप्त करते हुए एमपी ऑनलाइन न्यूज़ मप्र का सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला रीजनल हिन्दी न्यूज पोर्टल बना हुआ है। अपने मजबूत नेटवर्क के अलावा मप्र के कई स्वतंत्र पत्रकार एवं जागरुक नागरिक भी एमपी ऑनलाइन न्यूज़ से सीधे जुड़े हुए हैं। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ एक ऐसा न्यूज पोर्टल है जो अपनी ही खबरों का खंडन भी आमंत्रित करता है एवं किसी भी विषय पर सभी पक्षों को सादर आमंत्रित करते हुए प्रमुखता के साथ प्रकाशित करता है। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ की अपनी कोई समाचार नीति नहीं है। जो भी मप्र के हित में हो, प्रकाशन हेतु स्वीकार्य है। सूचनाएँ, समाचार, आरोप, प्रत्यारोप, लेख, विचार एवं हमारे संपादक से संपर्क करने के लिए कृपया मेल करें Email- editor@mponlinenews.com/ mponlinenews2013@gmail.com