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पित्रमोक्ष अमावस्या अवकाश को निरस्त करने के विरोध मे सपाक्स ने कलेक्टर सौंपा ज्ञापन



सीधी : पित्रमोक्ष अमावस्या के उपलक्ष में 08 अक्टूबर को अवकाश घोषित किया गया था लेकिन कलेक्टर सीधी के द्वारा 07 अगस्त के जारी आदेश से पित्रमोक्ष अमावस्या अवकाश को निरस्त कर दिया गया जिसके विरोध में सामान्य पिछड़ा अल्पसंख्यक समाज के जिलाध्यक्ष उदय कमल मिश्र के नेतृत्व में सपाक्स समाज के गणमान्य नागरिक एवं अधिकारियों/कर्मचारियों के द्वारा विरोध में कलेक्टर सीधी को ज्ञापन सौंपकर मांग की गई कि आपके द्वारा जारी आदेश दिनांक 07 अगस्त के माध्यम से ज्ञात हुआ है कि 8 अक्टूबर पित्रमोक्ष अमावस्या के लिये घोषित स्थानीय अवकाश को निरस्त कर दिया गया है। पित्रमोक्ष अमावस्या को वर्षाे से अवकाश घोषित किया जाता रहा है। सनातन धर्म मे पित्रमोक्ष अमावस्या का व्यापक महत्व है। शास्त्र, वेदो की मान्यता के अनुसार पित्रपक्ष मे पित्र पृथ्वी पर आते हैं, 14 दिन तक उनके स्मरण मे श्राद्ध किया जाता है, 15 वे दिन पित्रमोक्ष अमावस्या के दिन सभी पित्र अपने धाम को प्रस्थान करते है, इस कारण पित्रमोक्ष अमावस्या के दिन वृहद पूजा-अर्चना की जाती है। मानव जीवन मे सुख-शान्ति के लिये पित्रों का उद्धार करना सबसे महत्वपूर्ण एवं पुण्य माना गया है। पित्रमोक्ष अमावस्या के महात्म का वर्णन वेद शास्त्रों मे जत्कार ऋषि के द्वारा यथार्थ रूप से बताया गया है। आपके द्वारा जारी आदेश दिनांक 07 अगस्त 2018 मे जिस म0प्र0 शासन सामान्य प्रशासन के ज्ञापन क्रमांक एफ 3-2/17/1/14 भोपाल दिनांक 06 अगस्त के निर्देश का पालन करना बताया गय है, उसके अनुसार ‘‘यदि किन्ही जिले में 3 स्थानीय अवकाश का उपभोग किया जा चुका हो तो इस वर्ष 9 अगस्त 2018 को एक अतिरिक्त स्थानीय अवकाश घोषित करने के लिये निर्देश है’’ का उल्लेख किया गया है, जिसके पालन में आपके द्वारा पित्रमोक्ष अमावश्या के अवकाश को यथावत रखते हुये अतिरिक्त अवकाश घोषत किया जाना चाहिए। पित्रमोक्ष अवकाश को निरस्त करने से सनातन धर्मवलम्बी आहत हैं। सपाक्स समाज सीधी किसी भी जाति समुदाय की भावना को प्रभावित या आहत करने की धारणा नहीं रखता उसके साथ हो रहे अन्याय एवं भेदभाव का पुरजोर ढंग से मर्यादित विरोध करने की धारना रखता है।
प्रतिनिधि मण्डल को कलेक्टर सीधी द्वारा आश्वासन दिया गया कि मैं राज्य सरकार को आपके ज्ञापन के साथ इस आशय का प्रस्ताव भेजुंगा कि पित्रमोक्ष अमावश्या, भइया दुइज, होली के अगले दिन ये तीनो त्यौहार सनातन धर्म के अनुसार इस क्षेत्र में अति महत्वपूर्ण त्यौहार है, जनभावना के अनुसार इन तीनों त्यौहारों के अतिरिक्त एक अतिरिक्त अवकाश राज्य शासन को अवकाश स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भेजूंगा। कलेक्टर महोदय ने यह भी स्पष्ट किया कि पूर्व में जो स्थानीय तीन अवकाश थे वे यथावत रहेंगे। ऐसा मैं अपने विशेष प्रस्ताव में लिखूंगा तथा यह भी स्थष्ट किया कि राज्य शासन के निर्देशानुसार यदि इन तीन स्थानीय अवकाश का उपभोग न किया गया हो तो अतिरिक्त अवकाश घोषित किया जा सकता है, चूँकि स्थानीय अवकाश उपभोग नहीं थे इस कारण मेरे द्वारा पित्रमोक्ष अमावश्या को निरस्त किया जाकर आदिवासी दिवस के रूप में 09 अगस्त 2018 को अवकाश घोषित करना पड़ा।
ज्ञापन सौंपने के दौरान के.के. पाण्डेय, ए.पी. दास, कार्तिकानन्द सोनी, प्रवीण कुमार सिंह, श्रवण कुमार द्विवेदी, राजेन्द्र तिवारी, विनय धर द्विवेदी, राकेश चतुर्वेदी, जयशंकर यादव, प्रकाश मिश्रा, ओम प्रकाश त्रिपाठी, नन्दलाल पाण्डेय, तुलसी प्रसाद पाण्डेय, रोहिणी प्रसाद गुप्ता, अफ्ताब अलीखान, राजेन्द्र सिंह चैहान, सुखचन्द्र पाण्डेय, प्रदीप सोनी, अशोक शर्मा, जय प्रताप सिंह, तीरथ प्रसाद पटेल, रेवतीरमण मिश्रा, जीवेन्द्र द्विवेदी, रामशरण द्विवेदी, यूनुस सिद्दीकी, चन्द्रकान्त मिश्रा, नीलेश कुमार विश्वकर्मा, उपेन्द्र प्रसाद तिवारी, शेषमणि पटेल, विनोद कुमार श्रीवास्तव, आशुतोष पाठक, लक्ष्मण प्रसाद शुक्ला, ए.के. पाण्डेय, रावेन्द्र प्रसाद द्विवेदी, रावेन्द्र पाण्डेय, अखिलेश गौतम, एस.पी. पाण्डेय, आशुतोष गुप्ता, अरूण कुमार सिंह, के.के. शुक्ला, अजय सिंह, विनोद दुवे, राममोहन द्विवेदी, विनय मिश्रा, महेश प्रसाद विश्वकर्मा, श्यामसुन्दर वर्मा, अनुराग पाठक, अनिल दुवे, एस.के. गुप्ता, लक्ष्मण प्रसाद तिवारी, शिवमणि शर्मा, उमेश तिवारी, ब्रिजेश पाण्डेय, गिरीश मिश्रा, रजनीश पाण्डेय, ए.पी. शर्मा, कृष्ण शरण शुक्ला, प्रमोद कुमार दुवे, मनोज त्रिपाठी एवं अन्य कई अन्य उपस्थित रहे।

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