अजाक्स का महासम्मेलन फ्लॉप, नहीं मिला ओबीसी का साथ, सपाक्स ने किया था पिछड़ा वर्ग से अपील
भोपाल : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में रविवार को भेल दशहरा मैदान में अजाक्स सम्मेलन कार्यक्रम हुआ। आरक्षण की मांग को लेकर अजाक्स के नेता व कार्यकर्ताओं यहाँ एकत्रित हुए। लेकिन जहाँ अजाक्स के संयुक्त मोर्चा ने कहा था कि सम्मेलन में 6 लाख की जनसंख्या शामिल होगी वहाँ मुश्किल से 7 से 8 हजार लोग ही शामिल हुए। इससे यही साबित होता है कि अजाक्स का ये सम्मेलन पूरी तरह फ्लॉप शो रहा। वही जहाँ अजाक्स के संयुक्त मोर्चा के द्वारा कहाँ गया था कि इसमें पिछड़ा वर्ग भी शामिल है तो पिछड़ा वर्ग की संख्या शून्य मात्र रही।
जब सपाक्स से बात की गई तो सपाक्स समाज अध्यक्ष के एल साहू ने कहा की हमने जन मानस से एक अपील की थी जिसका लोगों ने माना और सपाक्स का समर्थन किया। पिछड़ा वर्ग अजाक्स के सम्मेलन में शामिल नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि 2002 से आज तक और अभी भी अजाक्स वाले पदोन्नति में अराक्षण की मलाई खाते रहे और उन पर एक्ट्रोसिटी एक्ट के मामले दर्ज कराते रहे तब पिछड़ा वर्ग की सुध नहीं आई और आज जब पिछड़ा वर्ग सपाक्स के साथ जुड़ चुका है पिछड़ा वर्ग को साधने की कोशिश की जा रही है। लेकिन पिछड़ा वर्ग ने बिल्कुल भी समर्थन न देकर ये बता दिया कि वो अजाक्स के साथ कभी नहीं होगा।
सपाक्स समाज अध्यक्ष के एल साहू के द्वारा की गई अपील...
हो गई है पीर पर्वत सी, पिघलनी चाहिए,
इस हिमालय से कोई गंगा निकालनी चाहिए
अन्य पिछड़ा वर्ग के साथियों से अपील :-
मैं डॉ. के. एल. साहू सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक कल्याण समाज संस्था (सपाक्स समाज संस्था) का प्रांतीय अध्यक्ष हॅू तथा मैं अन्य पिछड़ा वर्ग से आता हॅू । मैं अन्य पिछड़ा वर्ग के साथियों के समक्ष निम्न तथ्य लाना चाहता हॅू:-
1.एट्रोसिटी एक्ट में दर्ज होने वाले 100 प्रकरणों में से 80 प्रकरण ओ.बी.सी. वर्ग के परिवारों के विरूद्ध ही दर्ज होते हैं और ओ.बी.सी. वर्ग को इस एक्ट के समाप्त होने के बिना कोई राहत नहीं मिल सकती है। क्या अजाक्स इस एक्ट को समाप्त करने के लिये तैयार है ?
2.सपाक्स समाज संस्था ओ.बी.सी. वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने के लिये संकल्पित है, किन्तु वर्तमान में एस.सी./एस.टी. वर्ग को 36 प्रतिशत का आरक्षण दिये जाने से यह संभव नहीं हो पा रहा है। सपाक्स की मांग है कि एस.सी./एस.टी. एवं ओ.बी.सी. को उनकी आबादी के प्रतिशत का आधा आरक्षण दिया जाये तथा शेष सामान्य वर्ग के गरीबों को मिले। क्या अजाक्स इस मांग को मानने के लिये तैयार है?
3.पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था संविधान में सिर्फ अनु.जाति. /जनजाति को है और अन्य पिछड़ा वर्ग को यह कभी नहीं मिल सकता है। सरकारें कोई भी घोषणा करें या इस पर अमल की बात करें यह व्यवस्था न्यायालय के समक्ष कभी नहीं टिक सकेगी।
4.मैं यह भी बताना चाहता हॅू कि ओ.बी.सी. वर्ग में हम आरक्षण के लिए रूपये 8 लाख तक की वार्षिक आय होने पर ही पात्र रहते हैं। पूरे परिवार की समस्त स्त्रोतों से वार्षिक आय रूपये 8.00 लाख से अधिक होने पर हम सामान्य वर्ग की गिनती में आते हैं। क्या अनु.जाति./जनजाति के लोग जो पीढ़ियों से आरक्षण लेकर आभिजात्य हो चुके हैं, क्रीमीलेयर के लिये तैयार है?
5.हम सभी हिन्दू हैं और हमारे देवी/देवता भगवान श्रीराम, बजरंगबली, मॉ दुर्गा, श्री गणेश जी आदि भगवानों की मूर्तियों को तस्वीरों को सरे राह जलाते हैं, थूकते हैं और हमारी धार्मिक भावनाओं को आहत करते हैं। क्या यह किसी भी सभ्य समाज का लक्षण है।
साथियों मैं आपको यह बताना चाहता हू कि सपाक्स समाज संस्था ने सामाजिक समरसता एवं जाति आधारित व्यवस्था को समाप्त करने की दिशा में एक जनआन्दोलन को खड़ा किया है। हमारी संस्था सामान्य पिछड़ा अल्संख्यक एवं एस.सी./एस.टी. वर्ग के गरीबों के हितों एवं उनके अधिकारों की रक्षा के लिये संघर्षरत है और आप सभी को भी उपरोक्त वास्तविकताओ को समझ कर आन्दोलन का साथ देना चाहिये।
आपके हितों की रक्षा के लिये सपाक्स समाज संस्था द्वारा ‘‘सपाक्स क्रांति रैली’’ दिनांक 30 सितम्बर 2018 को कलियासोत, एडवेंचर ग्राउण्ड नेहरू नगर भोपाल में समय दोपहर 01 बजे से आयोजित की गई है कृपया सपरिवार अपने मित्रों के साथ उपस्थित हो।
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