बाजार में चिल्लर को लेकर आमजन परेशान अनूपपुर में सिक्का लेने से मना कर रहे व्यापारी न तो बैंक ध्यान दे रही न तो प्रसाशन
बाजार में चिल्लर को लेकर आमजन परेशान
अनूपपुर में सिक्का
लेने से मना कर रहे व्यापारी न तो बैंक ध्यान दे रही न तो प्रसाशन
अनूपपुर / प्रदीप मिश्रा -8770089979
अनूपपुर में इन दिनों किराना दुकान व
अन्य दुकानों में सिक्को से सामग्री खरीदने के लिए लोगो को परेशानी का सामना करना
पड़ रहा है जो सिक्के प्रचालन में है व बैंको से निकलकर आम आदमी से लेकर दुकान तक
में है फिर भी सिक्को को चलाने के लिए अब लोग परेशान हो रहे है अगर आप के पास एक व
दो के सिक्के है तो बाजार जाना बंद कर दे क्युकि अब व्यापारियो ने इसे लेने से
माना कर दिया है बाजार में चिल्लर को लेकर
आमजन परेशान है। व्यापारी चिल्लर को लेकर हेकड़ी दिखा रहे हैं, वे चिल्लर लेकर आने वाले ग्राहक को सामान देने
से इनकार कर रहे हैं। दूसरी तरफ बैंकों के रवैये ने भी स्थिति को खराब कर दिया है। बैंक
संसाधनों का हवाला देकर चिल्लर जमा करने से इनकार कर देते हैं। जनता को हो
रही परेशानी को लेकर प्रशासन भी पूरी तरह से बेखबर बना हुआ है। कभी कमीशन देकर खुल्ले पैसे मांगने वाले
दुकानदार अब उनको ही लेने से इनकार कर रहे हैं। चाय-पान से लेकर किराना और
कपड़ा दुकानों में भी चिल्लर लेन-देन में विवाद की स्थिति बन रही है। बैंक
व्यापारियों से चिल्लर जमा करने में आनाकानी कर रहीं हैं। प्रशासन भी
कार्रवाई न करके अपनी जिम्मेदारी से बच रहा है। खुल्ले पैसों की भरमार को लेकर
आम आदमी के अलावा छोटे-बड़े व्यापारी भी परेशानी झेल रहे हैं। शहर में प्रतिदिन छोटे-बड़े व्यापारियों के
यहां 500 से लेकर 2 हजार रुपए की चिल्लर आती है। एक चेन के रूप में
चिल्लर छोटे से बड़े व्यापारी होते हुए बैंक तक पहुंचती थी। बैंकें अपनी
सहूलियत के हिसाब से खुल्ले पैसे जमा करने में आनाकानी करने लगे हैं। अब यह सिक्के
छोटे और बड़े व्यापारियेां के यहां धीरे-धीरे जमा हो गए हैं। जिससे वे
चिल्लर लेने से साफ मना करने लगे हैं। बैंक कर्मचारी इन खुल्ले पैसों को लेने से इंकार करते
हैं और तर्क देते हैं कि बैंक में सिक्के लेने के लिए कोई मशीन तो नहीं आई है, सिक्के गिनने मेें बैंक कर्मचारियों का
समय बर्बाद होता
है। छोटे व्यापारी कहते हैं बैंक व्यापारियों से चिल्लर नहीं लेती जिस
कारण बड़े व्यापारी भी हमसे सिक्के लेने में हिचकिचाते हैं। अब हालात यह हैं कि हजारों की चिल्लर
एकत्रित हो गई
है। व्यापारी
कहते हैं लोगों में यह गलत संदेश चला गया है कि चिल्लर बंद हो
गई है, अब लोग भी एक के
सिक्के लेने
से मना कर देते हैं। प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि स्थिति सामान्य हो।
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