जम्मू-कश्मीर और बिहार सहित 5 राज्यों में 3 बार भूकंप के झटके
नई दिल्ली: देश के 7 राज्यों में बुधवार को 6 घंटों में 3 बार भूकम्प के झटके महसूस किए गए। सबसे पहले सुबह 5.15 बजे जम्मू-कश्मीर में, फिर 5.47 बजे हरियाणा और इसके बाद करीब 10.25 बजे असम, नागालैंड, मणिपुर, पश्चिम बंगाल और बिहार में भूकम्प आया। हालांकि किसी भी राज्य में जान-माल के नुक्सान की खबर नहीं है। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक असम में रिक्टर पैमाने पर सबसे ज्यादा तीव्रता 5.5 मापी गई। इसका केन्द्र कोकराझार से 2 किलोमीटर दूर उत्तर में 10 कि.मी. गहराई पर था। इस केन्द्र पर आए भूकम्प का असर पश्चिम बंगाल, बिहार समेत अन्य राज्यों में रहा। यहां करीब 25 से 30 सैकेंड तक झटके महसूस किए गए। भूकम्प के बाद लोग घरों से बाहर निकल आए। जम्मू-कश्मीर में भूकम्प की तीव्रता 4.6 थी। हरियाणा में भी भूकम्प के झटके आए। इसका केन्द्र झज्जर रहा। यहां तीव्रता 3.1 थी।
वैज्ञानिकों की मानें तो पिछले एक सप्ताह के दौरान भूकम्प के लगातार झटके उत्तर भारत में बड़ी तबाही का संकेत दे रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली सिस्मिक जोन 4 में है। यहां 6 से अधिक तीव्रता का भूकम्प तबाही मचा सकता है। दिल्ली में बहुत ज्यादा नुक्सान हो सकता है।
वर्ष 2015 में आई एक रिपोर्ट में भारत के एक मशहूर भूकम्प जानकार और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एन.डी.एम.ए.) के सदस्य डॉ. हर्ष गुप्ता ने बताया था कि भारत के 344 शहर और नगर भूकम्प के लिहाज से हाई रिस्क जोन 5 में रहते हैं। हर्ष गुप्ता के मुताबिक अगर यहां 9 रिक्टर स्केल का कोई भूकम्प आ जाए तो यह हिरोशिमा पर गिरे 27,000 बमों के बराबर होगा।
वैज्ञानिकों की मानें तो पिछले एक सप्ताह के दौरान भूकम्प के लगातार झटके उत्तर भारत में बड़ी तबाही का संकेत दे रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली सिस्मिक जोन 4 में है। यहां 6 से अधिक तीव्रता का भूकम्प तबाही मचा सकता है। दिल्ली में बहुत ज्यादा नुक्सान हो सकता है।
वर्ष 2015 में आई एक रिपोर्ट में भारत के एक मशहूर भूकम्प जानकार और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एन.डी.एम.ए.) के सदस्य डॉ. हर्ष गुप्ता ने बताया था कि भारत के 344 शहर और नगर भूकम्प के लिहाज से हाई रिस्क जोन 5 में रहते हैं। हर्ष गुप्ता के मुताबिक अगर यहां 9 रिक्टर स्केल का कोई भूकम्प आ जाए तो यह हिरोशिमा पर गिरे 27,000 बमों के बराबर होगा।
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