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क्या है सपाक्स पार्टी के झंडे के कलर का मतलब पढ़े पूरी खबर...



भोपाल। मध्य प्रदेश में साल के अंत में होने वाला विधान सभा चुनाव रोचक होने वाला है| मुख्य राजनीतिक दल बीजेपी-कांग्रेस के अलावा इस बार कई छोटे दल भी मैदान में उतरेंगे| वहीं सामान्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक समाज संगठन ने आज राजधानी भोपाल में राजनीतिक पार्टी के रूप में चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया है। साथ ही सपाक्स समाज ने प्रदेश कार्यकारिणी का भी ऐलान कर दिया है। पूर्व आईएएस अधिकारी हीरालाल त्रिवेदी को  राजनीतिक सपाक्स पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया है| पार्टी में 4 उपाध्यक्ष की भी नियुक्ति की गई है| ई. पी एस परिहार को संयोजक और सुरेश तिवारी को संगठन महासचिव बनाया गया है। चुनाव आयोग की मंजूरी के बाद चुनाव चिन्ह मिलेगा।


 230 में से करीब 70 सीटें जातिगत
मध्यप्रदेश विधानसभा की 230 में से करीब 70 सीटें ऐसी हैं जो जातिगत आधारित हैं। प्रदेश में सबसे ज्यादा रीवा, सतना, ग्वालियर और सीधी में जातिगत समीकरण के आधार पर चुनाव लड़ा जाता है। यहां ब्राह्मण, ठाकुर और पटेल जाति के लोग चुनावी समीकरण बनाते और बिगाड़ते हैं। मध्यप्रदेश में कुल 5 करोड़ वोटर हैं। इनमें 40 लाख से ज्यादा ब्राह्मण वोटर जिस कारण यह कहा जा सका है कि इस चुनाव में ब्राह्मण फैक्टर मजबूत असर दिखा सकता है। विंध्य, महाकौशल, चंबल और मध्य क्षेत्र की करीब 60 सीटें ऐसी हैं जहां ब्राह्मण सीधा असर डालते हैं। विधानसभा चुनाव 2013 में प्रदेश में 7 फीसदी से ज्यादा ब्राह्मण वोटों का बिखराव देखने को मिला था। जबकि प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 35 सीटें एससी और 47 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं। सपाक्स का मुख्य मुद्दा एससी-एसटी एक्ट का विरोध है ऐसे में अगर सपाक्स 230  सीटों पर चुनाव लड़ती है तो उसे 82 आरक्षित सीटों पर भी चुनाव लड़ना है।

क्या है झंडे के कलर का मतलब

सपाक्स पार्टी की जबसे घोषणा हुई है सभी सपाक्स पार्टी के कलर का मतलब जानने के लिए आतुर है।

सपाक्स पार्टी के महासचिव हरिओम गुप्ता से खास बातचीत में उनने बताया की सपाक्स पार्टी के झंडे का जो कलर है उसमें लाल क्रांति का एवं पीला परिवर्तन का प्रतीक है।
क्योंकि आज का युवा वर्ग क्रांति एवं परिवर्तन दोनों माँग रहा है इसीलिए ये कलर रखा गया है।

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