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10 हजार के सिक्के लेकर नामांकन फॉर्म खरीदने पहुचा सपाक्स प्रत्याशी



देहली। देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव के पहले सपाक्स के लिए चुनाव आयोग ने मान्यता दे दी है। जिससे सपाक्स के प्रत्याशी अब सभी जगह पार्टी मान्यता अनुसार प्राप्त एक ही चुनाव चिन्ह पर लड़ सकेंगे इस बात की जानकारी जैसे ही आज सोशल मीडिया पर आई वैसे ही सपाक्स समर्थक उसे हाथों-हाथ शेयर वायरल करते नजर आए।



मुख्य निर्वाचन आयोग भारत सरकार द्वारा जारी किए गए मान्यता संबंधी पत्र के सामने आने के बाद अब यह तय हो गया है कि एक ही चुनाव चिन्ह पर सपाक्स प्रत्याशी अपनी अलग पहचान के साथ चुनाव मैदान में नजर आएंगे। पूर्व में इनकी सवर्ण समाज पार्टी से गठबंधन की चर्चा चल रही थी। लेकिन यह भी फेल हो गई थी। जिसके बाद इनकी निर्दलीय तौर पर चुनाव मैदान में उतरने की आशंका बनी हुई थी।



सपाक्स प्रत्याशियों के एक ही चुनाव चिन्ह पर अपनी अलग पहचान के साथ चुनाव मैदान में उतरने की खबर से प्रत्याशियों के साथ सपाक्स समर्थकों में हर्ष उल्लास का माहौल देखने को मिल रहा है। इधर मध्य प्रदेश के दमोह जिला मुख्यालय में सपा के प्रत्याशी द्वारा समर्थकों से संग्रहित किए गए 10000 रु के सिक्के लेकर नामांकन फार्म खरीदने के लिए पहुंचने का मामला चर्चा का विषय बना है।

दमोह के कलेक्टोरेट तहसील कार्यालय के समीप हाथों में बोरी लिए नजर आ रहे यह युवक दमोह विधानसभा से सपाक्स के उम्मीदवार मनोज देवालिया और उनके समर्थक हैं। बोरी में 10 हजार रु के सिक्के लेकर इनके नामांकन पत्र खरीदने के लिए नामांकन कार्यालय पहुचने पर पहले तो अधिकारी भी हैरत में पड़ गए।

लेकिन मीडिया की मौजूदगी और भारतीय मुद्रा होने की वजह से वह सिक्के लेने से अधिकारी इनकार नही कर सके। मामूली हिला हवाली के बाद सिक्कों को सो-सों की ढेर में जमा कर तहसील कार्यालय में देर तक इन सिक्कों की गिनाई का दौर चलता रहा। जब 10 हजार रुपए के सिक्के होना कंफर्म हो गया इसके बाद यह सिक्के रखकर मनोज देवालिया को नामांकन पत्र प्रदान कर दिया गया।

दमोह सपाक्स उम्मीदवार मनोज देवलिया ने बताया कि नामांकन फॉर्म लेने के लिये समर्थकों के द्वारा एक नोट एक वोट के नारे के साथ 10000 रु के सिक्के एकत्रित किये गए थे। जिनको समर्थकों की भावनाओं का सम्मान करते हुए आज नामांकन फॉर्म लिया है। अब 9 नवंबर को  समर्थकों के साथ तहसील कार्यालय पहुंचकर नामांकन पत्र जमा करेंगे।

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