बाल विवाह अपराध, सेवा प्रदाता भी हैं सजा के भागीदार - कलेक्टर चन्द्र मोहन ठाकुर
बाल विवाह अपराध, सेवा प्रदाता भी हैं सजा के भागीदार - कलेक्टर चन्द्र मोहन ठाकुर
अनुपपुर / प्रदीप मिश्रा - 8770089979
कलेक्टर चन्द्र मोहन ठाकुर ने 07 मई को अक्षय तृतीया के दिन बाल विवाहों की आशंकाओं पर संज्ञान लेते हुए नागरिकों को समझाइश देते हुए कहा है कि बाल विवाह को रोकना एवं इसे हतोत्साहित करना हर समझदार और कानूनप्रिय व्यक्ति की जिम्मेदारी है, इसलिये यह अवश्य सोचें कि कहीं आप 18 वर्ष से कम उम्र की लाडली बिटिया का विवाह करके उसकी जिंदगी अनजाने जोखिम में डालने तो नहीं जा रहे हैं कही आप अपने 21 वर्ष से कम उम्र के बालक का भविष्य तो खतरे नही डाल रहे। आपने अक्षय तृतीया एवं विशेष तिथियों मे जिले के सामूहिक विवाह कराने वाले आयोजकों, सभी धर्मगुरू, समाज के मुखिया, हलवाई, केटरर, बैंडवाला, घोड़ीवाला, ट्रांसपोर्ट, प्रिंटिंग प्रेस के प्रबंधक, ब्यूटी पार्लर, संचालक मंगल भवन और अन्य संबंधितों से कहा है कि वे किसी विवाह या समारोह में शामिल होने से पहले यह अवश्य देख लें कि कहीं वो बाल विवाह तो नहीं है। यदि बाल विवाह हो तो इसे रोकने में शासन का सहयोग करें। उल्लेखनीय है कि ऐसे व्यक्ति जो बाल विवाह में सहयोग करते हैं सेवा प्रदाता हैं उन्हें बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत 2 वर्ष के कारावास अथवा 2 लाख तक का जुर्माना अथवा दोनो से दंडित किया जा सकता है।
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