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भौगोलिक सीमाओं को पार कर संपर्क सूत्र का कार्य कर रही हिंदी आईजीएनटीयू में हिंदी पखवाड़ा संपन्न, विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को किया गया पुरस्कृत

भौगोलिक सीमाओं को पार कर

संपर्क सूत्र का कार्य कर रही हिंदी

आईजीएनटीयू में हिंदी पखवाड़ा संपन्न, विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को किया गया पुरस्कृत

अनूपपुर/प्रदीप मिश्रा - 8770089979


हिंदी को सभी वर्गों के बीच लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के राजभाषा प्रकोष्ठ के तत्वावधान में आयोजित हिंदी पखवाड़ा शनिवार को संपन्न हो गया। इस अवसर पर हिंदी विद्वानों ने हिंदी भाषा को भौगोलिक सीमाओं से पार सभी को एक संपर्क सूत्र में पिरोने वाली भाषा बताया। उनका कहना था कि हिंदी का उदय अन्य भारतीय भाषाओं के शब्दों के मिश्रण से हुआ है जिसकी वजह से इसकी प्रासंगिकता सदैव बनी रहेगी। मुख्य अतिथि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के केंद्रीय हिंदी निदेशालय के पूर्व निदेशक डॉ. गंगाप्रसाद विमल ने कहा कि हिंदी दिवस को भारतीय भाषा दिवस के रूप में मनाए जाने की आवश्यकता है। हिंदी कई भारतीय भाषाओं के मिश्रण से बनी है जो आम जीवन की भाषा है। इसमें लोक को प्राथमिकता दी जाती है। अब हिंदी भारतीय भौगोलिक सीमाओं को लांघकर विश्वस्तर पर पहुंच गई है। यह भारतीयों को एक-दूसरे के साथ जोड़ने का कार्य कर रही है। उन्होंने हिंदी का प्रयोजनवर्ती उपयोग करने और उच्च शिक्षा का आधार हिंदी को बनाने पर जोर दिया। कुलपति प्रो. टी.वी. कटटीमनी ने कहा कि बढ़ते बाजारवाद ने हिंदी के प्रसार में अहम योगदान दिया है। उन्होंने सिनेमा और विज्ञापन में हिंदी के बढ़ते अनुप्रयोग का जिक्र करते हुए छात्रों से कहा कि वे टीवी-विज्ञापन और सिनेमा में प्रयोग की जाने वाली हिंदी को सीखकर स्वयं की रचनात्मकता का व्यावसायिक प्रयोग करना सीखें। लुप्त प्रायः भाषा केंद्र के निदेशक प्रो. दिलीप सिंह का कहना था कि अनुवाद से विभिन्न भारतीय भाषाओं के बीच संवाद को बढ़ाने में अहम योगदान मिला है। उन्होंने छात्रों से सभी भारतीय भाषाओं के साहित्य को पढ़ने और स्वयं को बहु-सांस्कृतिक बनाने का आह्वान किया। राजभाषा अधिकारी डॉ. अर्चना श्रीवास्तव का कहना था कि हिंदी पखवाड़े के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। प्रकोष्ठ विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से अहिंदी भाषी छात्रों को हिंदी सीखने के लिए प्रेरित कर रहा है। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. रेनू सिंह, युगांक सिंह और भास्कर बर्मे भी उपस्थित थे। संचालन डॉ. वीरेंद्र कुमार ने किया।

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