जैतपुर में गैंगरेप की वारदात शर्मनाक ज़िले में पुलिस व्यवस्था चरमराईजिले के आला अधिकारी कब्जा अतिक्रमण हटाने में व्यस्त जिले में बढ़ रहा है अपराधधनपुरी बुढार और जैतपुर थाने में चल रहा जंगलराजदलितों आदिवासियों को डरा रही है पुलिस
जैतपुर में गैंगरेप की वारदात शर्मनाक ज़िले में पुलिस व्यवस्था चरमराई
जिले के आला अधिकारी कब्जा अतिक्रमण हटाने में व्यस्त जिले में बढ़ रहा है अपराध
धनपुरी बुढार और जैतपुर थाने में चल रहा जंगलराज
दलितों आदिवासियों को डरा रही है पुलिस
शहडोल। जिले में इन दिनों भले ही कार्यवाही माफियाओं पर हो रही है लेकिन माफियाओं की कार्यवाही कोई ऐसी कार्यवाही नहीं है जिससे अपराधियों पर अंकुश लग सके यह कार्यवाही सिर्फ और सिर्फ कब्जा और अतिक्रमण को लेकर है जहां पूरी ध्यान पुलिस प्रशासन की अतिक्रमण की ओर ध्यान है जिससे क्षेत्र की व्यवस्थाएं और शांति व्यवस्था पूरी तरह से भंग होते दिख रही है बुढार धनपुरी और जैतपुर में ऐसे कई अपराध हुए जिसके जिम्मेदार आखिर कौन हैं क्योंकि कहीं ना कहीं यह लापरवाही पुलिस की है जिसकी वजह से अपराधियों को बढ़ावा मिल रहा है लगातार अपराध बढ़ते जा रहे हैं और कार्यवाही सिर्फ नाम मात्र की होती है पूरी कार्यवाही सेटिंग के आधार पर कर दी जाती है बुढ़ार थाना इन दिनों सुर्खियों में है इसके बाद भी लगातार जिला पुलिस अधीक्षक एवं एडिशनल एसपी के द्वारा लगातार संरक्षण की संरक्षण मिल रहा है और इनकी कृपा दृष्टि के कारण आज तक कोई कार्यवाही शिकायतों के बाद भी नहीं हुई इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में इन दिनों पुलिसिया व्यवस्था पूरी तरह से सुस्त दिखाई दे रही है इन दिनों पुलिस अधीक्षक का पूरा ध्यान अतिक्रमण और कब्जा को लेकर है जिसके कारण पूरी तरह से ध्यान पुलिस का भटका हुआ है और इस कारण से अपराध पनप रहे हैं आखिर अपराध में अंकुश क्यों नहीं लग रहा है और हत्या लूट सट्टा जुआ शराब रेप गैंग रेप जैसे वारदात हो रहे हैं बुढ़ार थाने की लगातार शिकायतें हुई और बुढ़ार थाने के प्रभारी को जिला पुलिस पुलिस अधीक्षक व एडिशनल एसपी के द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है जिसके कारण इन पर कोई कार्यवाही नहीं हुआ है बताया जाता है कि यहां से कोई ना कोई ऐसा कंट्रोल सिस्टम है जिस कारण से शिकायतों के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होती है।
जिले में इनदिनों दलितों आदिवासियों को पुलिस लगातार टारगेट करने जैसे कार्य कर रही है हालात ऐसे है कि अगर कोई अपराध के खिलाफ आवाज उठाता है या इनकी शिकायत करता है उसे झूँठे मुकदमे में फसाया जाता है एक मामला बुढ़ार का ही सामने आया है जो हाल ही का है जहाँ प्रवीण चौधरी घर मे न रहकर अनूपपूर में था जिसके पुख्ता प्रमाण है उसके बाद भी जिले में बैठी पुलिस व्यवस्था अपने ही पुलिस का सपोट करते दिखाई दे रही है कियुकि झूंठी कार्यवाही के चर्चे अब चारो ओर है लेकिन थाना प्रभारी जो की अभी भी अपने मे अड़े है थाना प्रभारी बुढार के खिलाफ दलितों के साथ गाली गलौज और अभद्रता के भी मामले पुलिस अधीक्षक और एडिशनल एसपी से शिकायत हुई लेकिन इसके बाद भी नतीजा सिफर रहा है आखिर क्यों ना एक पुलिस दूसरे पुलिस का सहयोग करें और आम जनमानुष त्रस्त रहे। बताया जाता है कि आनंद चौधरी उर्फ बादल जोकि पेशे से अधिवक्ता हैं और बुढ़ार पुलिस के खिलाफ परिवाद दायर किए थे जिससे खफा होकर बुढ़ार थाना प्रभारी उनके घर पुलिस भेज दिए और बुढ़ार पुलिस की एक टीम जाकर उनसे धक्का-मुक्की करते हुए अभद्रता की और बादल चौधरी उर्फ आनंद चौधरी के गले से सोने का चैन भी ले गए इसके बाद भी जिले में बैठे आला अधिकारी के कान में जूं तक नहीं रहेगा आखिर क्या कारण है कि इनको इतना संरक्षण दिया जा रहा है क्या इसी तरह से यह पुलिस व्यवस्था चलती रहेगी और आम जनता परेशान रहेगी
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