कविता संग्रह - बेघर MP ONLINE NEWSMonday, March 27, 2017 कई रातों को जाग कर एक बुनी हुई चादर को बेदर्दी से रेशा रेशा कर देना ऐसा ही होता है बेघर होना , बेघर होना ऐसा जैसे सीरिया क...Read More
कविता संग्रह - पलाश MP ONLINE NEWSMonday, March 27, 2017 पता नहीं दूर जंगल में कब्र दो प्रेमियों की है या प्रेम की कोलाहल से दूर बस कब्र है और प्रेम है कभी कभी जंगल से निकलता हुआ प...Read More
कंजूस पप्पू गया डॉक्टर के पास… MP ONLINE NEWSWednesday, December 30, 2015 कंजूस पप्पू एक डॉक्टर से बोला- डॉक्टर साहब आप घर चलने की कितनी फीस लेते हैं? डॉक्टर- तीन सौ रुपए पप्पू- ठीक है, चलो डॉक्टर साहब डॉक्टर न...Read More