वेस्टइंडीज के खिलाफ विजयी लय जारी रखना चाहेगा भारत
धर्मशाला (हिमाचल प्रदेश): दूसरे वनडे में पिछड़ने के बाद जीत दर्ज कर आत्मविश्वास से भरी भारतीय टीम शुक्रवार को यहां की तेज और उछाल भरी पिच पर वेस्टइंडीज से होने वाले चौथे एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में विजयी लय जारी रखना चाहेगी।
श्रृंखला 1-1 से बराबरी पर है और एचपीसीए का खूबसूरत स्टेडियम दोनों टीमों के लिये बढ़त बनाने का बेहतरीन मंच प्रदान करेगा क्योंकि इसके बाद अंतिम मैच 20 अक्तूबर को ईडन गार्डंस पर खेला जायेगा। भारत की फिरोजशाह कोटला मैदान पर श्रृंखला बराबर करने वाली आसान जीत में वेस्टइंडीज की खामियों का हाथ रहा जो ऐसी पिच पर अच्छा नहीं खेल सकी जिस पर कुछ उछाल मौजूद था।
रविंद्र जडेजा और अमित मिश्रा की स्पिन जोड़ी ने मददगार हालात का पूरा फायदा उठाया जिससे वेस्टइंडीज ने 263 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए अंत में 45 रन के अंदर आठ विकेट खो दिये। हालांकि भारतीय स्पिनरों के लिये यहां की पिच से वही मदद हासिल करना मुश्किल होगा जो तेज और उछाल भरी है।
पहाड़ में बारिश का मौका हमेशा बना रहता है और धौलादार की पहाड़ियों में हल्की बूंदाबांदी यहां ठंड करने के अलावा तेज गेंदबाजों की मदद करेगी। टीमें 11 अक्तूबर के बाद दिल्ली में ही रूकी रहीं और मैच की पूर्व संध्या पर ही यहां पहुंची हैं।
वेस्टइंडीज के ठीक ठाक तेज गेंदबाजी आक्रमण का सामना करना भारतीय बल्लेबाजों के लिये परीक्षा ही होगी। मेजबान टीम को जनवरी 2013 में इंग्लैंड के खिलाफ यहां पहले बल्लेबाजी करने में काफी कठिनाई हुई थी और उसने 79 रन पर आधे खिलाड़ियों के विकेट गंवा दिये थे तथा मैच गंवा बैठी थी।
भारत के लिये कोटला के मैदान पर सबसे अच्छी चीज विराट कोहली की फार्म में वापसी रही जिनके बल्ले ने काफी लंबे समय बाद रन बटोरे। 62 रन की पारी ने निश्चित रूप से कोहली के आत्मविश्वास में बढ़ोतरी की होगी। महेंद्र सिंह धोनी का कोहली को बल्लेबाजी क्रम में अम्बाती रायुडू के बाद भेजने का फैसला भी सही साबित हुआ और कप्तान के इसी क्रम पर बने रहने की उम्मीद है। मुख्य क्यूरेटर सुनील चौहान ने वादा किया है कि विकेट तेज गेंदबाजों की मदद करेगा और कप्तान चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरने पर विचार कर सकते हैं। इस हालत में लेग स्पिनर अमित मिश्रा की जगह इशांत शर्मा ले सकते हैं। पिच से कुछ उछाल भी मिलने की उम्मीद है, इशांत की गेंदबाजी इस पिच पर आदर्श साबित हो सकती है।
विश्व कप भी ज्यादा दूर नहीं है और इशांत चाहेंगे कि वह अगले साल फरवरी में शुरू होने वाले इस महाकुंभ से पहले धोनी के तेज गेंदबाजी विभाग में एक विश्वस्त के रूप में शामिल हो जायें। भारतीय तेज गेंदबाजों ने दो वनडे के दौरान हालांकि इतना आक्रामक प्रदर्शन नहीं किया लेकिन मोहम्मद शमी ने निश्चित रूप से प्रभावित किया जो दो मैचों में आठ विकट से श्रृंखला में अभी तक सबसे ज्यादा विकेट चटकाने वाले गेंदबाज हैं।
श्रृंखला 1-1 से बराबरी पर है और एचपीसीए का खूबसूरत स्टेडियम दोनों टीमों के लिये बढ़त बनाने का बेहतरीन मंच प्रदान करेगा क्योंकि इसके बाद अंतिम मैच 20 अक्तूबर को ईडन गार्डंस पर खेला जायेगा। भारत की फिरोजशाह कोटला मैदान पर श्रृंखला बराबर करने वाली आसान जीत में वेस्टइंडीज की खामियों का हाथ रहा जो ऐसी पिच पर अच्छा नहीं खेल सकी जिस पर कुछ उछाल मौजूद था।
रविंद्र जडेजा और अमित मिश्रा की स्पिन जोड़ी ने मददगार हालात का पूरा फायदा उठाया जिससे वेस्टइंडीज ने 263 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए अंत में 45 रन के अंदर आठ विकेट खो दिये। हालांकि भारतीय स्पिनरों के लिये यहां की पिच से वही मदद हासिल करना मुश्किल होगा जो तेज और उछाल भरी है।
पहाड़ में बारिश का मौका हमेशा बना रहता है और धौलादार की पहाड़ियों में हल्की बूंदाबांदी यहां ठंड करने के अलावा तेज गेंदबाजों की मदद करेगी। टीमें 11 अक्तूबर के बाद दिल्ली में ही रूकी रहीं और मैच की पूर्व संध्या पर ही यहां पहुंची हैं।
वेस्टइंडीज के ठीक ठाक तेज गेंदबाजी आक्रमण का सामना करना भारतीय बल्लेबाजों के लिये परीक्षा ही होगी। मेजबान टीम को जनवरी 2013 में इंग्लैंड के खिलाफ यहां पहले बल्लेबाजी करने में काफी कठिनाई हुई थी और उसने 79 रन पर आधे खिलाड़ियों के विकेट गंवा दिये थे तथा मैच गंवा बैठी थी।
भारत के लिये कोटला के मैदान पर सबसे अच्छी चीज विराट कोहली की फार्म में वापसी रही जिनके बल्ले ने काफी लंबे समय बाद रन बटोरे। 62 रन की पारी ने निश्चित रूप से कोहली के आत्मविश्वास में बढ़ोतरी की होगी। महेंद्र सिंह धोनी का कोहली को बल्लेबाजी क्रम में अम्बाती रायुडू के बाद भेजने का फैसला भी सही साबित हुआ और कप्तान के इसी क्रम पर बने रहने की उम्मीद है। मुख्य क्यूरेटर सुनील चौहान ने वादा किया है कि विकेट तेज गेंदबाजों की मदद करेगा और कप्तान चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरने पर विचार कर सकते हैं। इस हालत में लेग स्पिनर अमित मिश्रा की जगह इशांत शर्मा ले सकते हैं। पिच से कुछ उछाल भी मिलने की उम्मीद है, इशांत की गेंदबाजी इस पिच पर आदर्श साबित हो सकती है।
विश्व कप भी ज्यादा दूर नहीं है और इशांत चाहेंगे कि वह अगले साल फरवरी में शुरू होने वाले इस महाकुंभ से पहले धोनी के तेज गेंदबाजी विभाग में एक विश्वस्त के रूप में शामिल हो जायें। भारतीय तेज गेंदबाजों ने दो वनडे के दौरान हालांकि इतना आक्रामक प्रदर्शन नहीं किया लेकिन मोहम्मद शमी ने निश्चित रूप से प्रभावित किया जो दो मैचों में आठ विकट से श्रृंखला में अभी तक सबसे ज्यादा विकेट चटकाने वाले गेंदबाज हैं।
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