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माइक्रोसॉफ्ट बनी दुनिया की दूसरी कीमती कंपनी, एप्पल है नंबर 1

वाशिंगटन।माइक्रोसॉफ्ट दुनिया की दूसरी सबसे कीमती कंपनी बन गई है। इसकी मार्केट वैल्यू 25305 अरब रुपए है। अब माइक्रोसॉफ्ट से आगे सिर्फ एप्पल है। 1999 में माइक्रोसॉफ्ट सबसे कीमती कंपनी थी।

668 अरब डॉलर के मार्केट कैप के साथ एप्पल है दुनिया की नंबर 1 कंपनी

माइक्रोसॉफ्ट दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। शुक्रवार को इसका मार्केट कैप 410 अरब डॉलर पर पहुंच गया। सबसे बड़ी कंपनी एप्पल है। उसका मार्केट कैप 668 अरब डॉलर है।  भारतीय मूल के सत्या नडेला माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ हैं। कंपनी को इस मुकाम पर ले जाने का श्रेय उन्हें ही जाता है।  माइक्रोसॉफ्ट ने ऑयल कंपनी एक्सॉन मोबिल को पछाड़कर दूसरा स्थान हासिल किया है। इसके शेयर भाव करीब एक साल से लगातार बढ़ रहे हैं। दूसरी ओर छह महीने से कच्चे तेल के दाम 30 फीसदी गिर चुके हैं। इस वजह से ऑयल कंपनियों के शेयर भी गिर रहे हैं। 

कभी नंबर 1 थी माइक्रोसॉफ्ट:  एक समय माइक्रोसॉफ्ट दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी थी। दिसंबर 1999 में इसकी वैलुएशन 616 अरब डॉलर (37.8 लाख करोड़ रुपए) थी। लेकिन 2000 से इसकी वैलुएशन गिरने लगी।

रेय सत्या नडेला को

सत्या नडेला इस साल फरवरी जब सीईओ बने तब माइक्रोसॉफ्ट को कई समस्याओं से जूझ रही थी। पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) का बाजार लगातार घट रहा था। टेक्नोलॉजी के नए ट्रेंड सामने आ रहे थे और उपभोक्ताओं की आदतें बदल रही थीं। नडेला ने कंपनी की रणनीति में बदलाव किया। खर्चे घटाए। हालांकि इसके लिए उन्हें 18,000 कर्मचारियों की छंटनी भी करनी पड़ी। मोबाइल टेक्नोलॉजी और क्लाउड कंप्यूटिंग पर  कंपनी का फोकस बढ़ाया। कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की तुलना में क्लाउड कंप्यूटिंग ज्यादा मुनाफे वाला बिजनेस साबित हुआ है। स्मार्टफोन और टैबलेट के लिए इसने सॉफ्टवेयर के अनेक वर्जन तैयार किए हैं। कंपनी विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम को रिडिजाइन भी कर रही है।

रूस के स्टॉक मार्केट से बड़ी है एप्पल

रूस के शेयर बाजारों की वैलुएशन इस साल 234 अरब डॉलर गिरी है। अभी यहां लिस्टेड सभी कंपनियों का मार्केट कैप 531 अरब डॉलर (32.6 लाख करोड़ रुपए) है। दूसरी ओर एपल का मार्केट कैप 668 अरब डॉलर (41 लाख करोड़ रुपए) है। यानी अगर आपके पास एपल के सारे शेयर होते तो आप उन्हें बेचकर दुनिया के सबसे बड़े देश रूस का पूरा स्टॉक मार्केट खरीद सकते थे। फिर भी आपके पास 8 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा पैसे बच जाते। भारत की बात करें तो यहां की शीर्ष 20 कंपनियों का मार्केट कैप एप्पल के बराबर है।

पिछले दस साल में माइक्रोसॉफ्ट की मार्केट वैल्यू में कुछ इस तरह का उतार-चढ़ाव रहा।

साल 2004 - 16,23344 करोड़ रुपए ( 262,975 मिलियन डॉलर)
साल 2005 - 16,94488 करोड़ रुपए (274.5 अरब डॉलर)
साल 2006 - 18,12003 करोड़ रुपए (293,537 मिलियन डॉलर)
साल 2007 - 20,55942 करोड़ रुपए (333,054 मिलियन डॉलर)
साल 2008 - 10, 67490 करोड़ रुपए (172,929 मिलियन डॉलर)
साल 2009 - 16,70632 करोड़ रुपए (270,635.4 मिलियन डॉलर)
साल 2010 - 14,74016 करोड़ रुपए (238,784.5 मिलियन डॉलर)
साल 2011 - 13,48060 करोड़ रुपए (218,380.1 मिलियन डॉलर)
साल 2012 - 13,87696 करोड़ रुपए (224,801.0 मिलियन डॉलर)


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