-->

Breaking News

‘‘आराम हराम है।’’ पं. जवाहर लाल नेहरू

नई दिल्ली : किसी व्यक्ति की देश भक्ति का अनुमान उसकी इच्छा से लगाया जा सकता है, और यदि कोई व्यक्ति मरने के बाद भी देश के जर्रेे-जर्रे में समा जाने की इच्छा रखता है तो उसके बारे में नि:संदेश ही कहा जा सकता है कि वह व्यक्ति महान देश भक्त है। ऐसे ही एक महान देशभक्त थे पं. जवाहर लाल नेहरू। उन्होंने न केवल देश के स्वतंत्रता संग्राम में अपनी सक्रिय भूमिका अदा की थी, बल्कि स्वतंत्रता प्रप्ति के बाद भी देश के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में देश का नेतृत्व करते हुए इसे विकास के पथ पर अग्रसर करने में अपना  महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे अपने देश से कितना प्यार करते थे, इसका अनुमान उनकी आत्मकथा में प्रकाशित उनके विचारों से होता है। उन्होंने लिखा था, ‘‘मैं चाहता हूं मेरी भस्म का शेष भाग उन खेतों में बिखेर दिया जांए, जहां भारत के किसान कड़ी मेहनत करते हैं, ताकि वह भारत की धूल और मिट्टी में मिलकर भारत का अभिन्न अंग बन जाए।'

जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर, 1889 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। उनके पिता मोतीलाल नेहरू एक प्रसिद्ध एवं धनाड्य वकील थे। उनकी माता का नाम स्वारूप रानी नेहरू था। समृद्ध परिवार में जन्म लेने के कारण उनका लालन-पालन शाही तरीके से हुआ था। उन्हे विश्व के बेहतरीन शिक्षण संस्थानों से शिक्षा प्राप्त रने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा लंदन के हैरो स्कूल में पूरी की। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद वे 1912 ई. में भारत लौटे और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वकील शुरू की।1916 ई. में उनका विवाह कमला नेहरू से हो गया। 1919 में ई. में रॉलेट एक्ट के विरोध में जब महात्मा गांधी ने एक अभियान शुरू किया, तब नेहरू उनके संपर्क में आए।

गांधी जी व्यक्तित्व एवं विचारधारा के का नेहरू जी पर ऐसा प्रभाव पड़ा कि उन्होंने वकालत छोड़ दी और स्वतंत्रता संग्राम में उनके साथ हो गए। गांधी के प्रभाव से ही उन्होंने ऐश्वर्यपूर्ण जीवन को त्यागकर खादी कुर्ता एवं टोपी धारण करना शुरू किया। जब 1920-22 ई. में गांधी जी ने असहयोग आंदोलन का बिगुल बजाया तो नेहरू जी ने उसमें अपनी सक्रिय भूमिका निभाई। दिसंबर, 1929 में कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन लाहौर में आयोजित किया गया, जिसमें जवाहरलाल नेहरू कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष नियुक्त हुए। इस अधिवेशन में पूर्ण स्वराज का लक्ष्य निर्धारित किया गया, तथा 26 जनवरी 1930 को स्वातंत्रता दिवस मनाने की घोषणा की गई। इस दिन लाहौर में स्वतंत्रता दिवस मनाते हुए नेहरू जी ने भारतीय झंडा फहराया। 15 अगस्त, 1947 को जब भारत स्वतंत्र हुआ तो वे देश के प्रथम प्रधानमंत्री बने।

इसके बाद लगातार तीन आम चुनावों 1952, 1957, 1962 ई. में उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने बहुमत से सरकार बनाई और तीनों बार वे प्रधानमंत्री बने। देश के नौजवानों को कर्मठ बनाने के लिए उन्होंने नारा दिया-‘‘आराम हराम है।’’ उनकी उपलब्धियों एवं देश के प्रति उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें 1955 ई. में देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया। उन्हे बच्चों से बहुत लगाव था तथा बच्चों के वे चाचा नेहरू के रूप में बहुत प्रसिद्ध थे, इसलिए उनका जन्म दिन 14 नवंबर ‘बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

No comments

सोशल मीडिया पर सर्वाधिक लोकप्रियता प्राप्त करते हुए एमपी ऑनलाइन न्यूज़ मप्र का सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला रीजनल हिन्दी न्यूज पोर्टल बना हुआ है। अपने मजबूत नेटवर्क के अलावा मप्र के कई स्वतंत्र पत्रकार एवं जागरुक नागरिक भी एमपी ऑनलाइन न्यूज़ से सीधे जुड़े हुए हैं। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ एक ऐसा न्यूज पोर्टल है जो अपनी ही खबरों का खंडन भी आमंत्रित करता है एवं किसी भी विषय पर सभी पक्षों को सादर आमंत्रित करते हुए प्रमुखता के साथ प्रकाशित करता है। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ की अपनी कोई समाचार नीति नहीं है। जो भी मप्र के हित में हो, प्रकाशन हेतु स्वीकार्य है। सूचनाएँ, समाचार, आरोप, प्रत्यारोप, लेख, विचार एवं हमारे संपादक से संपर्क करने के लिए कृपया मेल करें Email- editor@mponlinenews.com/ mponlinenews2013@gmail.com