CBI प्रमुख की नियुक्ति संबंधी चयन समिति के लिए संशोधन बिल
नई दिल्ली : लोकसभा में मान्यता प्राप्त विपक्ष का नेता नहीं होने की स्थिति में सदन के सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता को सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति संबंधी चयन समिति में शामिल करने के लिए सरकार ने आज एक विधेयक लोकसभा में पेश किया।
कार्मिक राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने लोकसभा में कालेधन के मुद्दे को लेकर चल रहे विपक्ष के भारी हंगामे के बीच दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन (संशोधन) विधेयक 2014 सदन में पेश किया। दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम में दूसरा संशोधन यह किया जा रहा है कि चयन समिति में कोई स्थान रिक्त रहने या किसी के अनुपस्थित होने से सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति अमान्य नहीं होगी।
दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन (संशोधन) विधेयक के मुताबिक डीएसपीई कानून की धारा 4 ए को संशोधित किया जायेगा ताकि लोकसभा में मान्यता प्राप्त विपक्ष का नेता नहीं होने की स्थिति में सीबीआई अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए चयन समिति में सदन के सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को शामिल किया जा सके। विधेयक के मुताबिक किसी निदेशक की नियुक्ति महज इस कारण से अमान्य नहीं होगी कि समिति में सदस्य का कोई स्थान रिक्त है या कोई अनुपस्थित है।
मौजूदा प्रावधानों के मुताबिक सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक चयन समिति की सिफारियों के आधार पर केन्द्र सरकार द्वारा की जाती है। समिति में लोकसभा में विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश या उनके द्वारा मनोनीत उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश सदस्य के रूप में शामिल रहेंगे। लोकपाल और लोकायुक्त कानून पारित होने से पहले केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त की अध्यक्षता वाली एक समिति सीबीआई के निदेशक के नाम की सिफारिश किया करती थी।
डीएसपीई कानून में सरकार द्वारा इसलिए संशोधन किया जा रहा है क्योंकि इस लोकसभा में विपक्ष का कोई मान्यता प्राप्त नेता प्रतिपक्ष नहीं है। 543 सदस्यीय लोकसभा में 44 सीटों के साथ कांग्रेस दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है। लेकिन वह 11 सीटों से लोकसभा में विपक्ष के नेता के पद का दावा करने से चूक गई। लोकसभा में विपक्ष के नेता के पद का दावा करने के लिए न्यूनतम 55 सीटों की जरूरत है।
विधेयक में एक और संशोधन का प्रस्ताव किया गया है जिसके मुताबिक महज इस कारण से कोई नियुक्ति अमान्य नहीं होगी कि सीबीआई प्रमुख को चुनने के लिए चयन समिति में कोई स्थान रिक्त है या कोई अनुपस्थित है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने इस बीच सीबीआई के नये निदेशक की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है क्योंकि मौजूदा सीबीआई प्रमुख रंजीत सिन्हा दो दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
कार्मिक राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने लोकसभा में कालेधन के मुद्दे को लेकर चल रहे विपक्ष के भारी हंगामे के बीच दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन (संशोधन) विधेयक 2014 सदन में पेश किया। दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम में दूसरा संशोधन यह किया जा रहा है कि चयन समिति में कोई स्थान रिक्त रहने या किसी के अनुपस्थित होने से सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति अमान्य नहीं होगी।
दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन (संशोधन) विधेयक के मुताबिक डीएसपीई कानून की धारा 4 ए को संशोधित किया जायेगा ताकि लोकसभा में मान्यता प्राप्त विपक्ष का नेता नहीं होने की स्थिति में सीबीआई अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए चयन समिति में सदन के सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को शामिल किया जा सके। विधेयक के मुताबिक किसी निदेशक की नियुक्ति महज इस कारण से अमान्य नहीं होगी कि समिति में सदस्य का कोई स्थान रिक्त है या कोई अनुपस्थित है।
मौजूदा प्रावधानों के मुताबिक सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक चयन समिति की सिफारियों के आधार पर केन्द्र सरकार द्वारा की जाती है। समिति में लोकसभा में विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश या उनके द्वारा मनोनीत उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश सदस्य के रूप में शामिल रहेंगे। लोकपाल और लोकायुक्त कानून पारित होने से पहले केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त की अध्यक्षता वाली एक समिति सीबीआई के निदेशक के नाम की सिफारिश किया करती थी।
डीएसपीई कानून में सरकार द्वारा इसलिए संशोधन किया जा रहा है क्योंकि इस लोकसभा में विपक्ष का कोई मान्यता प्राप्त नेता प्रतिपक्ष नहीं है। 543 सदस्यीय लोकसभा में 44 सीटों के साथ कांग्रेस दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है। लेकिन वह 11 सीटों से लोकसभा में विपक्ष के नेता के पद का दावा करने से चूक गई। लोकसभा में विपक्ष के नेता के पद का दावा करने के लिए न्यूनतम 55 सीटों की जरूरत है।
विधेयक में एक और संशोधन का प्रस्ताव किया गया है जिसके मुताबिक महज इस कारण से कोई नियुक्ति अमान्य नहीं होगी कि सीबीआई प्रमुख को चुनने के लिए चयन समिति में कोई स्थान रिक्त है या कोई अनुपस्थित है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने इस बीच सीबीआई के नये निदेशक की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है क्योंकि मौजूदा सीबीआई प्रमुख रंजीत सिन्हा दो दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
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