सात करोड़ का भैंसा 'युवराज' बना आकर्षण
कुरुक्षेत्र : हरियाणा के कुरुक्षेत्र का ‘युवराज’ भैंसा श्री मुक्तसर साहिब में चल रही राष्ट्रीय पशुधन चैंपियनशिप में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इसे देखने के लिए मेले में पहुंचे पशुपालकों सहित क्षेत्र के पशु प्रेमियों का तांता लगा हुआ है।
‘युवराज’ का डील-डौल देखकर सभी लोग चकित रह जाते हैं और उसके मालिक कुरुक्षेत्र जिले के गांव सुराया के किसान कर्मवीर से उसकी परवरिश के बारे में जानकारी हासिल करने लगते हैं। कर्मवीर अपने इस दबंग के बारे में बताते नहीं थक रहे। उल्लेखनीय है कि भैंसे की कीमत उसकी प्रजनन क्षमता और उसकी गुणवत्ता के आधार पर तय की जाती है।
कर्मवीर बताते हैं कि मुरहा किस्म के इस भैंसे के मां-बाप भी उसके पास ही थे। उनके यहां ही इसका जन्म हुआ है। पशुओं में शुरू से दिलचस्पी होने के चलते उन्होंने बहुत ही लाड़-प्यार के साथ ‘युवराज’ की परवरिश की है। इसके चलते ही सात वर्ष का ‘युवराज’ अब तक राष्ट्रीय पशुधन चैंपियनशिप में आठ बार चैंपियन रह चुका है। इसी क्रम में पूर्व में चप्पड़चिड़ी में हुई चैंपियनशिप के दौरान आंध्र प्रदेश के एक व्यापारी ने इसकी सात करोड़ रुपये कीमत लगाई थी लेकिन उन्होंने अपने ‘युवराज’ को बेचने से साफ इन्कार कर दिया था। कर्मवीर इसे नहीं बेचना चाहते हैं। जब लोग ‘युवराज’ को देखने के लिए आते हैं, तो उन्हें अत्यंत प्रसन्नता होती है।
पांच फुट नौ इंच ऊंचे इस ‘युवराज’ भैंसे की खुराक पर प्रतिदिन लगभग 2500 रुपये खर्च होते हैं। इसमें दाना, गेहूं, चने, दूध और सरसों का तेल प्रमुख तौर पर शामिल है। पशु मेले के दौरान विभिन्न पशु माहिर भी ‘युवराज’ की तारीफ करते हैं।श्री मुक्तसर साहिब में चल रही राष्ट्रीय पशुधन चैंपियनशिप में कुरुक्षेत्र के गांव सुराया के कर्मवीर का भैंसा ‘युवराज’ सबके आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
‘युवराज’ का डील-डौल देखकर सभी लोग चकित रह जाते हैं और उसके मालिक कुरुक्षेत्र जिले के गांव सुराया के किसान कर्मवीर से उसकी परवरिश के बारे में जानकारी हासिल करने लगते हैं। कर्मवीर अपने इस दबंग के बारे में बताते नहीं थक रहे। उल्लेखनीय है कि भैंसे की कीमत उसकी प्रजनन क्षमता और उसकी गुणवत्ता के आधार पर तय की जाती है।
कर्मवीर बताते हैं कि मुरहा किस्म के इस भैंसे के मां-बाप भी उसके पास ही थे। उनके यहां ही इसका जन्म हुआ है। पशुओं में शुरू से दिलचस्पी होने के चलते उन्होंने बहुत ही लाड़-प्यार के साथ ‘युवराज’ की परवरिश की है। इसके चलते ही सात वर्ष का ‘युवराज’ अब तक राष्ट्रीय पशुधन चैंपियनशिप में आठ बार चैंपियन रह चुका है। इसी क्रम में पूर्व में चप्पड़चिड़ी में हुई चैंपियनशिप के दौरान आंध्र प्रदेश के एक व्यापारी ने इसकी सात करोड़ रुपये कीमत लगाई थी लेकिन उन्होंने अपने ‘युवराज’ को बेचने से साफ इन्कार कर दिया था। कर्मवीर इसे नहीं बेचना चाहते हैं। जब लोग ‘युवराज’ को देखने के लिए आते हैं, तो उन्हें अत्यंत प्रसन्नता होती है।
पांच फुट नौ इंच ऊंचे इस ‘युवराज’ भैंसे की खुराक पर प्रतिदिन लगभग 2500 रुपये खर्च होते हैं। इसमें दाना, गेहूं, चने, दूध और सरसों का तेल प्रमुख तौर पर शामिल है। पशु मेले के दौरान विभिन्न पशु माहिर भी ‘युवराज’ की तारीफ करते हैं।श्री मुक्तसर साहिब में चल रही राष्ट्रीय पशुधन चैंपियनशिप में कुरुक्षेत्र के गांव सुराया के कर्मवीर का भैंसा ‘युवराज’ सबके आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
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