एसपी लांडे ने भेष बदलकर रंगे हाथ पकड़ा घूसखोर इंस्पेक्टर
पटना : उत्तर प्रदेश पुलिस का एक इंस्पेक्टर पटना के कारोबारी को धमकी दे रहा था. कारोबारी ने एसपी को बताया और फिर सिटी एसपी शिवदीप लांडे ने इंस्पेक्टर को रंगे हाथों पकड़ लिया. सुबह 6 बजे डाकबंगला चौराहे पर दो युवकों ने कॉल करके एक वर्दी वाले शख्स को बुलाया. इसी दौरान पहले से वहां भेष बदलकर खड़े पटना के सिटी एसपी शिवदीप लांडे और उनकी टीम ने उस वर्दी वाले को दबोच लिया. हालात ये कि पटना पुलिस की जिप्सी पर तैनात पुलिस वाले भी अपने सिटी एसपी को नहीं पहचान पाए.
पंकज और दीपक नाम के दो युवकों ने उस इंस्पेक्टर को कॉल करके बुलाया था. लगभग 7 बजे वहां एक वर्दी वाला शख्स जैकेट पहने आया. इंस्पेक्टर ने उन युवकों को इशारा किया और फिर चाय पीने चला गया. पीछे से युवक भी गया. इसी दौरान पहले से वहां भेष बदलकर खड़े पटना के सिटी एसपी शिवदीप लांडे और उनकी टीम ने उस वर्दी वाले को दबोच लिया.
दरअसल पंकज और उसका भाई दीपक पटना के बुद्ध मार्ग में अपनी एक स्टेशनरी की दुकान चलाते थे. 2012 में उनकी दुकान से एक सिम कार्ड बेचा गया था. इस सिम से यूपी के मुरादाबाद में कोई क्राइम हुआ था, जिसकी जांच करने 2012 में मुरादाबाद पुलिस की टीम पटना आई थी, पंकज और दीपक से पूछताछ हुई थी. दोनों निर्दोष थे और दोनों को छोड़ दिया गया था.
2013 में भी यूपी पुलिस ने दोनों भाइयों से पूछताछ की थी, लेकिन इन्हें क्लीन चिट दे दी गई. इसके बाद फिर 2 जनवरी 15 को मुरादाबाद क्राइम ब्रांच की टीम इंस्पेक्टर सर्व चंद्र के नेतृत्व में पटना आई, दोनों भाइयो से पूछताछ की, लेकिन इंस्पेक्टर सर्वचंद्र ने कहा की मामले को रफा-दफा करना है तो 10 हजार रुपये दो, नहीं तो टांग कर यूपी ले जाएंगे. दोनो भाइयों ने पूरी बात पटना के सिटी एसपी शिवदीप लांडे को बताई. उसके बाद आगे का प्लान तय हुआ.
यूपी पुलिस का इंस्पेक्टर सर्वचंद्र जब पैसा लेने आया तो उसकी नजर डाकबंगला चौराहे पर लगे सीसीटीवी पर पड़ी तो वह कुछ सहम गया. उसने पंकज को इशारा किया कि कुछ देर बाद, लेकिन तभी उसकी नजर वहा आकर रुकी पटना पुलिस की पेट्रोलिंग गाड़ी पर पड़ी और वह भागने लगा. लेकिन तभी गमछे से मुंह ढके पहले से खड़े सिटी एसपी शिवदीप लांडे ने उसे दबोच लिया. जब उसे थाने लाया गया तो उसने पैसा मांगने से इनकार कर दिया, लेकिन पंकज और दीपक ने जब उसकी असलियत सबको बताई तो सब अवाक रह गए. इंस्पेक्टर सर्व चंद होटल राजस्थान में ठहरा था और पुलिस ने उसकी टीम के दो अन्य सदस्यों से भी थाने में पूछताछ की.
सिटी एसपी लांडे का कहना है कि बिना इस तरह से किसी पर आरोप लगाना और उससे पैसे की मांग कराना फिरौती मांगना है, इसमें आगे भी सख्त से सख्त करवाई की जाएगी.
पंकज और दीपक नाम के दो युवकों ने उस इंस्पेक्टर को कॉल करके बुलाया था. लगभग 7 बजे वहां एक वर्दी वाला शख्स जैकेट पहने आया. इंस्पेक्टर ने उन युवकों को इशारा किया और फिर चाय पीने चला गया. पीछे से युवक भी गया. इसी दौरान पहले से वहां भेष बदलकर खड़े पटना के सिटी एसपी शिवदीप लांडे और उनकी टीम ने उस वर्दी वाले को दबोच लिया.
दरअसल पंकज और उसका भाई दीपक पटना के बुद्ध मार्ग में अपनी एक स्टेशनरी की दुकान चलाते थे. 2012 में उनकी दुकान से एक सिम कार्ड बेचा गया था. इस सिम से यूपी के मुरादाबाद में कोई क्राइम हुआ था, जिसकी जांच करने 2012 में मुरादाबाद पुलिस की टीम पटना आई थी, पंकज और दीपक से पूछताछ हुई थी. दोनों निर्दोष थे और दोनों को छोड़ दिया गया था.
2013 में भी यूपी पुलिस ने दोनों भाइयों से पूछताछ की थी, लेकिन इन्हें क्लीन चिट दे दी गई. इसके बाद फिर 2 जनवरी 15 को मुरादाबाद क्राइम ब्रांच की टीम इंस्पेक्टर सर्व चंद्र के नेतृत्व में पटना आई, दोनों भाइयो से पूछताछ की, लेकिन इंस्पेक्टर सर्वचंद्र ने कहा की मामले को रफा-दफा करना है तो 10 हजार रुपये दो, नहीं तो टांग कर यूपी ले जाएंगे. दोनो भाइयों ने पूरी बात पटना के सिटी एसपी शिवदीप लांडे को बताई. उसके बाद आगे का प्लान तय हुआ.
यूपी पुलिस का इंस्पेक्टर सर्वचंद्र जब पैसा लेने आया तो उसकी नजर डाकबंगला चौराहे पर लगे सीसीटीवी पर पड़ी तो वह कुछ सहम गया. उसने पंकज को इशारा किया कि कुछ देर बाद, लेकिन तभी उसकी नजर वहा आकर रुकी पटना पुलिस की पेट्रोलिंग गाड़ी पर पड़ी और वह भागने लगा. लेकिन तभी गमछे से मुंह ढके पहले से खड़े सिटी एसपी शिवदीप लांडे ने उसे दबोच लिया. जब उसे थाने लाया गया तो उसने पैसा मांगने से इनकार कर दिया, लेकिन पंकज और दीपक ने जब उसकी असलियत सबको बताई तो सब अवाक रह गए. इंस्पेक्टर सर्व चंद होटल राजस्थान में ठहरा था और पुलिस ने उसकी टीम के दो अन्य सदस्यों से भी थाने में पूछताछ की.
सिटी एसपी लांडे का कहना है कि बिना इस तरह से किसी पर आरोप लगाना और उससे पैसे की मांग कराना फिरौती मांगना है, इसमें आगे भी सख्त से सख्त करवाई की जाएगी.
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