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जम्मू में अतंरराष्ट्रीय बॉर्डर पर रातभर शांत रही बंदूकें

जम्मू : जम्मू में पाकिस्तान से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रविवार रात पूरी तरह से शांति रही. हालांकि पाकिस्तान की ओर से दो-तीन राउंड फायरिंग हुई, लेकिन बीएसएफ ने उसका जवाब नहीं दिया. बीएसएफ का कहना है कि दो-चार राउंड फायरिंग का हम कभी जवाब नहीं देते, जब ज्यादा फायरिंग होती है तो जवाबी कार्रवाई की जाती है.

जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तानी रेंजर्स ने सांबा और हरिनगर में बीएसएफ की 4 चौकियों पर छोटे हथियारों से हल्की फायरिंग की. हालांकि इस फायरिंग से कोई नुकसान नहीं हुआ है. मोटे तौर पर रविवार रात सीमा पर बंदूकें शांत रहीं. बीएसएफ ने बताया गया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास किसी भी बीएसएफ जवान या आम नागरिक की मौत नहीं हुई है. 200 किमी लंबे अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर कोहरे के कारण भी बहुत दूर तक कुछ नहीं दिखाई दे रहा है.

इससे पहले शनिवार शाम को अंधेरा घि‍रने से लेकर रात करीब 11 बजे तक सरहद पर खूब गोलाबारी हुई. पाकिस्तानी रेंजर्स ने सांबा और कठुआ सेक्टर पर अंधाधुंध फायरिंग करके बीएसएफ के 26 पोस्ट और साथ लगते गांवों को निशाना बनाया. मुश्कि‍ल हालात में सरहदी इलाकों से लोग दूसरी जगहों पर शरण लेने को मजबूर हो रहे हैं.

शनिवार रात कठुआ और सांबा सेक्टर में गोलियों की आवाज गूंजती रही. पाकिस्तानी रेंजर्स 81 MM के मोर्टार के साथ-साथ बड़े और आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल कर रहे थे, जो आमतौर पर नहीं होता है. बॉर्डर पर गोलीबारी के बीच पाकिस्तान की ओर से कुछ आतंकवादी ग्रामीणों के भेष में बॉर्डर पार करने की कोशिश करते हुए देखे गए. खुफिया एजेंसियों के सूत्रों की मानें, तो ये लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी हो सकते हैं, जो देश में दाखिल होने की फिराक में हैं.

सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2014 में पाकिस्तान ने जम्मू और कश्मीर में 555 बार युद्ध-विराम का उल्लंघन किया. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने बीते दिनों ही संसद को बताया था कि 405 बार सरहद पर सीजफायर का उल्लंघन हुआ. इनमें से 334 बार जम्मू सेक्टर में, जबकि 61 बार इंद्रेश्वर-नागर सेक्टर में हुआ.

खुफिया सूत्रों के मुताबिक, सांबा के चिल्यारी गांव के पास सीमापार पाकिस्तानी गांव- चकबुरा, मकवाल, और लंबियार में कई लोग जमात-उद-दावा के चीफ और मुंबई हमले के गुनहगार हाफिज सईद के समर्थन में नारे लगाते दिखे. खुफिया एजेंसियों को संदेह है कि गांववालों की शक्ल में लश्कर के आतंकवादी ही हैं, जो घुसपैठ की ताक में लगे हैं. सूत्रों के मुताबिक, हर गांव में ऐसे 30 से 40 लोग दिखे.

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