साउथ अफ्रीका पर टीम इंडिया ने दर्ज की धमाकेदार जीत, मौके पर मारा चौका
मेलबर्न : दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ़ वर्ल्डकप में भारत ने रिकॉर्डतोड़ जीत दर्ज करके नया इतिहास बना दिया है. मेलबर्न में 130 रनों से मिली इस जीत के लिए भारत ने 23 सालों तक इंतज़ार किया. 2011 वर्ल्डकप में दक्षिण अफ्रीका ने 300 रन बना कर भारत को मात दी थी. एक बार फिर इसी उम्मीद में हाशिम अमला और क्विंटन डी कॉक की जोड़ी मैदान में उतरी. दोनों ने संभलकर खेलना शुरू किया लेकिन टीम का स्कोर अभी 12 तक ही पहुंचा था कि मोहम्मद शमी ने की कॉक का काम तमाम कर दिया.
शमी को फुलर गेंद को ड्राइव करने की कोशिश में डी कॉक ने विराट कोहली को कैच थमा दिया. डी कॉक ने 7 रन बनाए और ये पहली बार था उन्होंने भारत के खिलाफ शतक नहीं बनाया. अगले बल्लेबाज फैफ ड्यू प्लेसी थे. अमला के साथ मिलकर उन्होंने पारी को आगे बढ़ाना शुरू किया. भारतीय गेंदबाजों की कसी हुई गेंदों के सामने रन बनाना मुश्किल हो रहा था. 9वें ओवर की आखिरी गेंद पर भारत को एक मौका मिला. मोहित शर्मा की गेंद पर हाशिम अमला ने सिंगल चुराने की कोशिश की लेकिन गेंद सीधा कवर में खड़े रहाणे के हाथों में गई. रहाणे ने गेंद थ्रो की तो अमला क्रीज से कोसों दूर थे लेकिन गेंद विकेट पर लगी नहीं और रन आउट का एक मौका टीम इंडिया ने गंवा दिया. हालांकि किस्मत ज्यादा देर तक अमला से दोस्ती नहीं निभा पाई.
11वें ओवर में अमला मोहित शर्मा की शॉर्ट गेंद को पुल करने की कोशिश में लॉन्ग लेग पर खड़े मोहम्मद शमी के हाथों धरे गए. आउट होने से पहले अमला ने 27 गेंदों पर 22 रन बनाए. कम रनगति की वजह से दक्षिण अफ्रीका पर दबाव बढ़ रहा था. कप्तान एबी डिविलियर्स ने फैफ ड्यू प्लेसी के साथ धीरे-धीरे स्कोर आगे की तरफ ले जाने की जिम्मेदारी संभाली. दोनों ने मिलकर 12.3 ओवर में 68 रन की साझेदारी कर डाली और अपनी टीम का स्कोर 100 के पार पहुंचा दिया. लेकिन 23वें ओवर में एक गलती इस जोड़ी पर भारी पड़ गई. जडेजा की गेंद को स्वीपर कवर में खेलकर डिविलियर्स दौड़ पड़े 1 रन भी लिया लेकिन इससे पहले कि दूसरा रन पूरा होता मोहित शर्मा की एक शानदार थ्रो पर धोनी ने उनकी गिल्लियां उड़ा दीं. डिविलियर्स ने 30 रन बनाए.
पिच पर आने वाले अगले बल्लेबाज डेविड मिलर थे. फैफ ड्यू प्लेसी ने एक छोर संभाला हुआ था. बढ़ते रनरेट के बीच ड्यू प्लेसी चौके जमाते रहे. 65 गेंदों पर 5 चौकों की मदद से उन्होंने अपने 50 रन भी पूरे कर लिए. लेकिन टीम का स्कोर अभी 133 तक ही पहुंचा था कि ड्यू प्लेसी मोहित शर्मा की एक गेंद को उड़ाने की कोशिश में मिड ऑफ पर खड़े शिखर धवन के हाथों लपके गए. आउट होने से पहले उन्होंने 71 गेंदों पर 55 रन बनाए. अब मिलर के साथ क्रीज पर जेपी ड्यूमिनी थे. दोनों मिलकर इसी वर्ल्डकप में जिम्बाब्वे के खिलाफ पांचवे विकेट के लिए 256 रन की रिकॉर्ड पार्टनरशिप कर चुके थे इसलिए टीम की उम्मीदें इन दोनों पर आकर टिक गईं. लेकिन 6 रन बनाने के बाद ड्यूमिनी खुद पर काबू नहीं रख पाए. अश्विन की गेंद को रिवर्स स्वीप करने की गलती का खामियाजा उन्हें अपना विकेट गंवा कर चुकाना पड़ा. स्लिप में खड़े रैना के लिए ये एक आसान कैच था.
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32वें ओवर में 157 पर दक्षिण अफ्रीका की आधी टीम पेवेलियन लौट चुकी थी. टीम इंडिया के गेंदबाज मैच पर पूरी तरह से हावी थे. टीम का स्कोर 153 था तो पारी का 34वां ओवर दक्षिण अफ्रीका के लिए दोहरा झटका लेकर आया. पहले जमकर खेल रहे मिलर 22 रन बनाकर रन आउट हुए और फिर अश्विन ने फिलेंडर को एलबीडब्ल्यू कर दक्षिण अफ्रीका को 7वां झटका दिया. फिलेंडर खाता तक नहीं खोल पाए. वेन पार्नेल एक छोर पर खड़े थे लेकिन खड़े ही रहे. क्योंकि दूसरे छोर पर पहले तो मोहम्मद शमी ने डेल स्टेन(1) को धवन के हाथों कवर प्वाइंट पर कैच कराया और फिर अश्विन ने मॉर्कल(2) को बोल्ड कर दक्षिण अफ्रीका की तमाम उम्मीदें तोड़ कर रख दीं.
टीम इंडिया के लिए जीत अब एक औपचारिकता ही बची थी जिसे जडेजा ने इमरान ताहिर को आउट करके पूरी कर दी. दक्षिण अफ्रीका की पूरी टीम 40.2 ओवर में महज 177 रन बनाकर आउट हो गई और भारत ने 130 रन से ये मैच अपने नाम कर लिया. भारत की तरफ से अश्विन ने 3, शमी और मोहित ने 2-2 और जडेजा ने 1 विकेट लिए. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वर्ल्डकप में भारत की ये चार मैचों में पहली जीत है और जीत ने इतिहास बदल भी दिया है और इतिहास बना भी दिया.
टीम इंडिया ने दिया था 308 रनों का लक्ष्य
पेस और बाउंस से भरपूर मेलबर्न का विकेट बल्लेबाजों के लिए मददगार लग रहा था, इसलिए धोनी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला करने में देर नहीं लगाई. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वर्ल्डकप में भारत चार मैचों में चौथी बार पहले बल्लेबाजी करने उतरा. हालांकि पहले तीन मौकों पर उसे जीत नसीब नहीं हुई थी. भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ खेलने वाली टीम को ही मैदान में उतारा, लेकिन तेज पिच पर भारत को दबाव में लाने के लिए एबी डिविलियर्स ने वेन पार्नेल को भी टीम में शामिल किया और चार तेज गेंदबाजों के साथ मैदान में उतरे.
भारत के लिए शिखर और रोहित ने शुरुआत की ही थी कि दक्षिण अफ्रीका को एक आसान मौका मिल गया. तीसरे ओवर में अभी स्कोर 9 तक ही पहुंचा था कि रोहित शर्मा रन आउट हो गए. शिखर धवन ने गेंद को कवर्स में पुश किया जिसे ड्यूमिनी ने शानदार डाइव लगाकर रोक लिया, लेकिन गेंद एबी डिविलियर्स के पास पहुंच गई. रोहित क्रीज से काफी आगे आ चुके थे. इससे पहले कि वो वापस लौट पाते डिविलियर्स की तेज थ्रो सीधे विकेट पर जा लगी. रोहित को इस मैच में खाता तक खोलने का मौका नहीं मिला.
अब विराट कोहली ने शिखर के साथ मिलकर मोर्चा संभाला. दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों ने कसी हुई गेंदबाजी की. भारत के लिए पार्टनरशिप तो बन रही थी लेकिन रनगति काफी कम थी. भारत ने अपने पहले 50 रन चौदहवें ओवर में पूरे किए और 100 रन 23वें ओवर में. इस दौरान शिखर ने 70 गेंदों पर अपनी हाफ सेंचुरी भी पूरी कर ली. शिखर 53 पर पहुंचे तो दक्षिण अफ्रीका को एक मौका मिला. पारनेल की गेंद को शिखर ने बैकवर्ड प्वाइंट की तरफ खेला, लेकिन हाशिम अमला कैच पकड़ने में चूक गए.
ये गलती दक्षिण अफ्रीका को काफी भारी पड़ी. दूसरे विकेट के लिए शिखर और विराट ने 24.2 ओवर में 127 रन जोड़ डाले. 28वें ओवर में अभी भारत का स्कोर 136 ही हुआ था कि इमरान ताहिर की एक गेंद को उड़ाने के चक्कर में विराट मिडविकेट पर खड़े फैफ ड्यू प्लेसी को कैच थमा बैठे. विराट ने 60 गेंदों पर 46 रन बनाए. पिछले मैच के हीरो रहे रैना पर तरजीह देकर धोनी ने अजिंक्य रहाणे को चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने भेजा. जरूरत एक बड़ी पार्टनरशिप की थी जिसे ये दोनों पूरा करने में जुट गए. रनों की गति अचानक बढ़ गई. शिखर पर से दबाव हटाते हुए रहाणे ने दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों की खबर लेनी शुरू की. तीसरे विकेट ने लिए दोनों ने महज 82 गेंदों मे ही 100 रन जोड़ डाले. 35-40 ओवर के बीच चले दूसरे पावरप्ले में दोनों ने 40 रन बनाए.
शिखर की सेंचुरी
इस दौरान शिखर ने अपने करियर की सातवीं और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरी सेंचुरी जमा डाली शिखर ने इसके लिए 122 गेंदों खेलीं जिसमें 14 चौके शामिल थे. शतक के बाद शिखर और भी खतरनाक हो गए. चौकों और छक्कों की बरसात सी हो गई. रहाणे और शिखर ने मिलकर महज 16.4 ओवर में करीब 8 की औसत से 127 रन जोड़ डाले. रहाणे ने सिर्फ 40 गेंदों में 7 चौकों की मदद से हाफ सेंचुरी जमा दी. 146 गेंदों पर 137 रन बनाने के बाद शिखर पार्नेल की गेंद पर अमला को कैच थमा बैठे. 44वें ओवर में शिखर जब आउट हुए उस समय भारत का स्कोर 3 विकेट पर 261 रन था. रनगति बढ़ाने के इरादे से सुरेश रैना ने मैदान पर आते ही बल्ला चलाना शुरू कर दिया. लेकिन मॉर्ने मॉर्कल ने उन्हें 6 रन से आगे नहीं बढ़ने दिया.
रहाणे भी 60 गेंदों पर शानदार 79 रन बनाकर डेल स्टेन की गेंद पर एलबीडब्ल्यू हो गए. इसके बाद आए रविंद्र जडेजा भी आपा नहीं रख पाए और तेज सिंगल लेने की जल्दी में सिर्फ 2 रन बनाकर रन आउट हो गए. 48वां ओवर शुरू हो चुका था और भारत का स्कोर 6 विकेट पर 284 था. कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अश्विन के साथ मिलकर तेजी से रन बनाने शुरू कर दिए. वेन पार्नेल के इसी ओवर में धोनी ने तीन चौके जड़ दिए. दोनों ने मिलकर टीम इंडिया को 300 से पार पहुंचा दिया. 49वें ओवर में धोनी 18 रन बनाकर मॉर्केल का शिकार हो गए. पारी की आखिरी 7 गेंदों पर भारत के सिर्फ 5 रन बनाए और दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 308 रनों का लक्ष्य दिया.
शमी को फुलर गेंद को ड्राइव करने की कोशिश में डी कॉक ने विराट कोहली को कैच थमा दिया. डी कॉक ने 7 रन बनाए और ये पहली बार था उन्होंने भारत के खिलाफ शतक नहीं बनाया. अगले बल्लेबाज फैफ ड्यू प्लेसी थे. अमला के साथ मिलकर उन्होंने पारी को आगे बढ़ाना शुरू किया. भारतीय गेंदबाजों की कसी हुई गेंदों के सामने रन बनाना मुश्किल हो रहा था. 9वें ओवर की आखिरी गेंद पर भारत को एक मौका मिला. मोहित शर्मा की गेंद पर हाशिम अमला ने सिंगल चुराने की कोशिश की लेकिन गेंद सीधा कवर में खड़े रहाणे के हाथों में गई. रहाणे ने गेंद थ्रो की तो अमला क्रीज से कोसों दूर थे लेकिन गेंद विकेट पर लगी नहीं और रन आउट का एक मौका टीम इंडिया ने गंवा दिया. हालांकि किस्मत ज्यादा देर तक अमला से दोस्ती नहीं निभा पाई.
11वें ओवर में अमला मोहित शर्मा की शॉर्ट गेंद को पुल करने की कोशिश में लॉन्ग लेग पर खड़े मोहम्मद शमी के हाथों धरे गए. आउट होने से पहले अमला ने 27 गेंदों पर 22 रन बनाए. कम रनगति की वजह से दक्षिण अफ्रीका पर दबाव बढ़ रहा था. कप्तान एबी डिविलियर्स ने फैफ ड्यू प्लेसी के साथ धीरे-धीरे स्कोर आगे की तरफ ले जाने की जिम्मेदारी संभाली. दोनों ने मिलकर 12.3 ओवर में 68 रन की साझेदारी कर डाली और अपनी टीम का स्कोर 100 के पार पहुंचा दिया. लेकिन 23वें ओवर में एक गलती इस जोड़ी पर भारी पड़ गई. जडेजा की गेंद को स्वीपर कवर में खेलकर डिविलियर्स दौड़ पड़े 1 रन भी लिया लेकिन इससे पहले कि दूसरा रन पूरा होता मोहित शर्मा की एक शानदार थ्रो पर धोनी ने उनकी गिल्लियां उड़ा दीं. डिविलियर्स ने 30 रन बनाए.
पिच पर आने वाले अगले बल्लेबाज डेविड मिलर थे. फैफ ड्यू प्लेसी ने एक छोर संभाला हुआ था. बढ़ते रनरेट के बीच ड्यू प्लेसी चौके जमाते रहे. 65 गेंदों पर 5 चौकों की मदद से उन्होंने अपने 50 रन भी पूरे कर लिए. लेकिन टीम का स्कोर अभी 133 तक ही पहुंचा था कि ड्यू प्लेसी मोहित शर्मा की एक गेंद को उड़ाने की कोशिश में मिड ऑफ पर खड़े शिखर धवन के हाथों लपके गए. आउट होने से पहले उन्होंने 71 गेंदों पर 55 रन बनाए. अब मिलर के साथ क्रीज पर जेपी ड्यूमिनी थे. दोनों मिलकर इसी वर्ल्डकप में जिम्बाब्वे के खिलाफ पांचवे विकेट के लिए 256 रन की रिकॉर्ड पार्टनरशिप कर चुके थे इसलिए टीम की उम्मीदें इन दोनों पर आकर टिक गईं. लेकिन 6 रन बनाने के बाद ड्यूमिनी खुद पर काबू नहीं रख पाए. अश्विन की गेंद को रिवर्स स्वीप करने की गलती का खामियाजा उन्हें अपना विकेट गंवा कर चुकाना पड़ा. स्लिप में खड़े रैना के लिए ये एक आसान कैच था.
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32वें ओवर में 157 पर दक्षिण अफ्रीका की आधी टीम पेवेलियन लौट चुकी थी. टीम इंडिया के गेंदबाज मैच पर पूरी तरह से हावी थे. टीम का स्कोर 153 था तो पारी का 34वां ओवर दक्षिण अफ्रीका के लिए दोहरा झटका लेकर आया. पहले जमकर खेल रहे मिलर 22 रन बनाकर रन आउट हुए और फिर अश्विन ने फिलेंडर को एलबीडब्ल्यू कर दक्षिण अफ्रीका को 7वां झटका दिया. फिलेंडर खाता तक नहीं खोल पाए. वेन पार्नेल एक छोर पर खड़े थे लेकिन खड़े ही रहे. क्योंकि दूसरे छोर पर पहले तो मोहम्मद शमी ने डेल स्टेन(1) को धवन के हाथों कवर प्वाइंट पर कैच कराया और फिर अश्विन ने मॉर्कल(2) को बोल्ड कर दक्षिण अफ्रीका की तमाम उम्मीदें तोड़ कर रख दीं.
टीम इंडिया के लिए जीत अब एक औपचारिकता ही बची थी जिसे जडेजा ने इमरान ताहिर को आउट करके पूरी कर दी. दक्षिण अफ्रीका की पूरी टीम 40.2 ओवर में महज 177 रन बनाकर आउट हो गई और भारत ने 130 रन से ये मैच अपने नाम कर लिया. भारत की तरफ से अश्विन ने 3, शमी और मोहित ने 2-2 और जडेजा ने 1 विकेट लिए. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वर्ल्डकप में भारत की ये चार मैचों में पहली जीत है और जीत ने इतिहास बदल भी दिया है और इतिहास बना भी दिया.
टीम इंडिया ने दिया था 308 रनों का लक्ष्य
पेस और बाउंस से भरपूर मेलबर्न का विकेट बल्लेबाजों के लिए मददगार लग रहा था, इसलिए धोनी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला करने में देर नहीं लगाई. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वर्ल्डकप में भारत चार मैचों में चौथी बार पहले बल्लेबाजी करने उतरा. हालांकि पहले तीन मौकों पर उसे जीत नसीब नहीं हुई थी. भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ खेलने वाली टीम को ही मैदान में उतारा, लेकिन तेज पिच पर भारत को दबाव में लाने के लिए एबी डिविलियर्स ने वेन पार्नेल को भी टीम में शामिल किया और चार तेज गेंदबाजों के साथ मैदान में उतरे.
भारत के लिए शिखर और रोहित ने शुरुआत की ही थी कि दक्षिण अफ्रीका को एक आसान मौका मिल गया. तीसरे ओवर में अभी स्कोर 9 तक ही पहुंचा था कि रोहित शर्मा रन आउट हो गए. शिखर धवन ने गेंद को कवर्स में पुश किया जिसे ड्यूमिनी ने शानदार डाइव लगाकर रोक लिया, लेकिन गेंद एबी डिविलियर्स के पास पहुंच गई. रोहित क्रीज से काफी आगे आ चुके थे. इससे पहले कि वो वापस लौट पाते डिविलियर्स की तेज थ्रो सीधे विकेट पर जा लगी. रोहित को इस मैच में खाता तक खोलने का मौका नहीं मिला.
अब विराट कोहली ने शिखर के साथ मिलकर मोर्चा संभाला. दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों ने कसी हुई गेंदबाजी की. भारत के लिए पार्टनरशिप तो बन रही थी लेकिन रनगति काफी कम थी. भारत ने अपने पहले 50 रन चौदहवें ओवर में पूरे किए और 100 रन 23वें ओवर में. इस दौरान शिखर ने 70 गेंदों पर अपनी हाफ सेंचुरी भी पूरी कर ली. शिखर 53 पर पहुंचे तो दक्षिण अफ्रीका को एक मौका मिला. पारनेल की गेंद को शिखर ने बैकवर्ड प्वाइंट की तरफ खेला, लेकिन हाशिम अमला कैच पकड़ने में चूक गए.
ये गलती दक्षिण अफ्रीका को काफी भारी पड़ी. दूसरे विकेट के लिए शिखर और विराट ने 24.2 ओवर में 127 रन जोड़ डाले. 28वें ओवर में अभी भारत का स्कोर 136 ही हुआ था कि इमरान ताहिर की एक गेंद को उड़ाने के चक्कर में विराट मिडविकेट पर खड़े फैफ ड्यू प्लेसी को कैच थमा बैठे. विराट ने 60 गेंदों पर 46 रन बनाए. पिछले मैच के हीरो रहे रैना पर तरजीह देकर धोनी ने अजिंक्य रहाणे को चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने भेजा. जरूरत एक बड़ी पार्टनरशिप की थी जिसे ये दोनों पूरा करने में जुट गए. रनों की गति अचानक बढ़ गई. शिखर पर से दबाव हटाते हुए रहाणे ने दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों की खबर लेनी शुरू की. तीसरे विकेट ने लिए दोनों ने महज 82 गेंदों मे ही 100 रन जोड़ डाले. 35-40 ओवर के बीच चले दूसरे पावरप्ले में दोनों ने 40 रन बनाए.
शिखर की सेंचुरी
इस दौरान शिखर ने अपने करियर की सातवीं और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरी सेंचुरी जमा डाली शिखर ने इसके लिए 122 गेंदों खेलीं जिसमें 14 चौके शामिल थे. शतक के बाद शिखर और भी खतरनाक हो गए. चौकों और छक्कों की बरसात सी हो गई. रहाणे और शिखर ने मिलकर महज 16.4 ओवर में करीब 8 की औसत से 127 रन जोड़ डाले. रहाणे ने सिर्फ 40 गेंदों में 7 चौकों की मदद से हाफ सेंचुरी जमा दी. 146 गेंदों पर 137 रन बनाने के बाद शिखर पार्नेल की गेंद पर अमला को कैच थमा बैठे. 44वें ओवर में शिखर जब आउट हुए उस समय भारत का स्कोर 3 विकेट पर 261 रन था. रनगति बढ़ाने के इरादे से सुरेश रैना ने मैदान पर आते ही बल्ला चलाना शुरू कर दिया. लेकिन मॉर्ने मॉर्कल ने उन्हें 6 रन से आगे नहीं बढ़ने दिया.
रहाणे भी 60 गेंदों पर शानदार 79 रन बनाकर डेल स्टेन की गेंद पर एलबीडब्ल्यू हो गए. इसके बाद आए रविंद्र जडेजा भी आपा नहीं रख पाए और तेज सिंगल लेने की जल्दी में सिर्फ 2 रन बनाकर रन आउट हो गए. 48वां ओवर शुरू हो चुका था और भारत का स्कोर 6 विकेट पर 284 था. कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अश्विन के साथ मिलकर तेजी से रन बनाने शुरू कर दिए. वेन पार्नेल के इसी ओवर में धोनी ने तीन चौके जड़ दिए. दोनों ने मिलकर टीम इंडिया को 300 से पार पहुंचा दिया. 49वें ओवर में धोनी 18 रन बनाकर मॉर्केल का शिकार हो गए. पारी की आखिरी 7 गेंदों पर भारत के सिर्फ 5 रन बनाए और दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 308 रनों का लक्ष्य दिया.
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