बेटे को आखिरी बार चूमकर मां बोली- ‘गुडबाय माय सन''
जोधपुर: राजस्थान के जोधपुर जिले में एक परिवार में खुशियां आने से पहले ही मातम छा गया। जानकारी के अनुसार शास्त्रीनगर डी सेक्टर निवासी ललिता भंडारी के पति अजय भंडारी 10 साल पहले बीमारी के बाद हमेशा के लिए दूर चले गए। उसने अकेले ही अपने बेटे सिद्धार्थ व बेटी हिना को ही जीवन लक्ष्य बना बेहतरीन परवरिश की।
कम उम्र में जिम्मेदार हुए सिद्धार्थ ने अच्छे अंकों से स्कूलिंग व फिर आईआईटी मुंबई से एमटेक की। उसके बाद वह मुंबई की एक बड़ी कंपनी में अच्छे पैकेज पर सीनियर मैनेजर बने तो मां ललिता को लगा कि रूठी खुशियां फिर घर आ गई हैं। लेकिन उसे क्या पता था कि उसके घर की खुशियों को फिर से नजर लग गई है। बताया जा रहा है कि सिद्धार्थ (24) का सुबह मुंबई में सड़क हादसे में निधन हो गया।
जब इस बात की सूचना उसके घर वालों को मिली तो वह सदमे में आ गए। वहीं जब शनिवार को जोधपुर में सिद्धार्थ का पार्थिव शव लाया गया तो बहन हिना अपने भाई की अर्थी को देखकर रोने लग गई। मोक्षधाम में चिता पर लिटाए सिद्धार्थ के अंतिम दर्शन के लिए मां ललिता आई तो हर मौजूद शख्स के रोंगटे खड़े हो गए। उसने आखिरी बार अपने बेटे को जीभर निहारा।
सिद्धार्थ चाहता था कि वह अपनी छोटी बहन हिना की एमबीए के बाद धूमधाम से डोली विदा करे। लेकिन बहन की डोली उठाने से पहले ही खुद की अर्थी उठ गई। वहीं दूसरी तरफ बेटे को आखिरी बार चूमकर मां बोली- ‘गुडबाय माय सन'। इसके बाद अंतिम यात्रा के दौरान हिना अपने भाई की अर्थी थामकर साथ चलती रही। बहन हिना ने ही अपने भाई को मुखाग्नि दी।
कम उम्र में जिम्मेदार हुए सिद्धार्थ ने अच्छे अंकों से स्कूलिंग व फिर आईआईटी मुंबई से एमटेक की। उसके बाद वह मुंबई की एक बड़ी कंपनी में अच्छे पैकेज पर सीनियर मैनेजर बने तो मां ललिता को लगा कि रूठी खुशियां फिर घर आ गई हैं। लेकिन उसे क्या पता था कि उसके घर की खुशियों को फिर से नजर लग गई है। बताया जा रहा है कि सिद्धार्थ (24) का सुबह मुंबई में सड़क हादसे में निधन हो गया।
जब इस बात की सूचना उसके घर वालों को मिली तो वह सदमे में आ गए। वहीं जब शनिवार को जोधपुर में सिद्धार्थ का पार्थिव शव लाया गया तो बहन हिना अपने भाई की अर्थी को देखकर रोने लग गई। मोक्षधाम में चिता पर लिटाए सिद्धार्थ के अंतिम दर्शन के लिए मां ललिता आई तो हर मौजूद शख्स के रोंगटे खड़े हो गए। उसने आखिरी बार अपने बेटे को जीभर निहारा।
सिद्धार्थ चाहता था कि वह अपनी छोटी बहन हिना की एमबीए के बाद धूमधाम से डोली विदा करे। लेकिन बहन की डोली उठाने से पहले ही खुद की अर्थी उठ गई। वहीं दूसरी तरफ बेटे को आखिरी बार चूमकर मां बोली- ‘गुडबाय माय सन'। इसके बाद अंतिम यात्रा के दौरान हिना अपने भाई की अर्थी थामकर साथ चलती रही। बहन हिना ने ही अपने भाई को मुखाग्नि दी।
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