इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों से छेड़छाड़ के केजरीवाल के दावे को EC ने किया खारिज
नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने बुधवार को आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल द्वारा जाहिर की गई इन आशंकाओं को खारिज किया कि सात फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा के पक्ष में कुछ इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों से ‘छेड़छाड़’ की गई है।
केजरीवाल को ‘तथ्यात्मक स्थिति’ के बारे में विस्तार से बताया गया कि मशीन के साफ्टवेयर के साथ ऐसी कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है, जिनसे परिणाम प्रभावित हो सकें। केजरीवाल ने आज चुनाव आयोग के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की थी। आयोग के सूत्रों के अनुसार उन्हें बताया गया कि तीन कंट्रोल यूनिट और चार बैलेट यूनिट के लाक संभवत: मशीनों को लाए ले जाने के दौरान टूट गए और इन मशीनों को सामान्य पर्यवेक्षक की मौजूदगी में बदल दिया गया। आप के एक प्रतिनिधि ने बाद में उस दस्तावेज पर हस्ताक्षर किये जिसमें तथ्यों का ब्यौरा था। उन्हें बताया गया कि खराबी की प्रकृति बुनियादी रूप से ‘मैकेनिकल’ थी।
सूत्रों ने कहा कि केजरीवाल ने जिन मशीनों का उल्लेख किया था वे 2006 बैच के पहले की थीं जिसमें कि गड़बड़ी की बहुत ही कम गुंजाइश है। केजरीवाल ने चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा कि चुनाव आयोग ने इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन के मुद्दे पर हमारे सभी संदेहों को दूर कर दिया। उन्होंने कहा कि इस्तेमाल में आया ईवीएम नवीनतम हैं और इसके साथ छेड़छाड़ मुमकिन नहीं है। इनकी सबकी दो बार जांच की गई है । आप संयोजक को बताया गया कि इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनें और कंट्रोल इकाइयां वास्तविक मतदान के लिए इस्तेमाल किये जाने से पहले कई स्तरों की जांच से गुजरती हैं। उन्हें यह भी बताया गया कि वास्तविक मतदान से ठीक पहले मशीनों की जांच भी की जाती है जहां खराब मशीनों को बदल दिया जाता है। ईवीएम के बारे में पार्टी प्रतिनिधियों की आशंकाओं पर इस जांच के दौरान भी ध्यान दिया जाता है। केजरीवाल ने कल दावा किया था कि दिल्ली छावनी इलाके में इस तरह की चार मशीनों के निरीक्षण के दौरान खामियां पाई गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि जो भी बटन दबाया गया, उससे भाजपा के चुनाव चिह्न की बत्ती जल उठी।
आप नेताओं ने यह जानने के लिए पिछले हफ्ते भी चुनाव आयोग से संपर्क किया था कि यदि कोई मतदाता किसी ईवीएम में खामी पाता है तो क्या प्रक्रिया है। केजरीवाल ने हालांकि उन सवालों का जवाब नहीं दिया कि क्या उन्हें मतदाताओं को शिक्षित करने के लिए मतदान बूथों के बाहर बैनर लगाने की अनुमति मिली है। बैठक से पहले केजरीवाल ने ट्वीट किया कि हम मुख्य चुनाव आयुक्त से अनुरोध करते हैं कि मतदाताओं को शिक्षित करने के लिए वे हमें प्रत्येक बूथ के बाहर बैनर लगाने की इजाजत दें।
केजरीवाल को ‘तथ्यात्मक स्थिति’ के बारे में विस्तार से बताया गया कि मशीन के साफ्टवेयर के साथ ऐसी कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है, जिनसे परिणाम प्रभावित हो सकें। केजरीवाल ने आज चुनाव आयोग के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की थी। आयोग के सूत्रों के अनुसार उन्हें बताया गया कि तीन कंट्रोल यूनिट और चार बैलेट यूनिट के लाक संभवत: मशीनों को लाए ले जाने के दौरान टूट गए और इन मशीनों को सामान्य पर्यवेक्षक की मौजूदगी में बदल दिया गया। आप के एक प्रतिनिधि ने बाद में उस दस्तावेज पर हस्ताक्षर किये जिसमें तथ्यों का ब्यौरा था। उन्हें बताया गया कि खराबी की प्रकृति बुनियादी रूप से ‘मैकेनिकल’ थी।
सूत्रों ने कहा कि केजरीवाल ने जिन मशीनों का उल्लेख किया था वे 2006 बैच के पहले की थीं जिसमें कि गड़बड़ी की बहुत ही कम गुंजाइश है। केजरीवाल ने चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा कि चुनाव आयोग ने इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन के मुद्दे पर हमारे सभी संदेहों को दूर कर दिया। उन्होंने कहा कि इस्तेमाल में आया ईवीएम नवीनतम हैं और इसके साथ छेड़छाड़ मुमकिन नहीं है। इनकी सबकी दो बार जांच की गई है । आप संयोजक को बताया गया कि इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनें और कंट्रोल इकाइयां वास्तविक मतदान के लिए इस्तेमाल किये जाने से पहले कई स्तरों की जांच से गुजरती हैं। उन्हें यह भी बताया गया कि वास्तविक मतदान से ठीक पहले मशीनों की जांच भी की जाती है जहां खराब मशीनों को बदल दिया जाता है। ईवीएम के बारे में पार्टी प्रतिनिधियों की आशंकाओं पर इस जांच के दौरान भी ध्यान दिया जाता है। केजरीवाल ने कल दावा किया था कि दिल्ली छावनी इलाके में इस तरह की चार मशीनों के निरीक्षण के दौरान खामियां पाई गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि जो भी बटन दबाया गया, उससे भाजपा के चुनाव चिह्न की बत्ती जल उठी।
आप नेताओं ने यह जानने के लिए पिछले हफ्ते भी चुनाव आयोग से संपर्क किया था कि यदि कोई मतदाता किसी ईवीएम में खामी पाता है तो क्या प्रक्रिया है। केजरीवाल ने हालांकि उन सवालों का जवाब नहीं दिया कि क्या उन्हें मतदाताओं को शिक्षित करने के लिए मतदान बूथों के बाहर बैनर लगाने की अनुमति मिली है। बैठक से पहले केजरीवाल ने ट्वीट किया कि हम मुख्य चुनाव आयुक्त से अनुरोध करते हैं कि मतदाताओं को शिक्षित करने के लिए वे हमें प्रत्येक बूथ के बाहर बैनर लगाने की इजाजत दें।
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