अनंत चतुर्दशी और श्राद्ध एक साथ 27 सितंबर को
अनंत चतुर्दशी पर रखना होगा विशेष ध्यान-प. सोमेश्वर जोशी
अनंत चतुर्दशी और श्राद्ध एक साथ 27 सितंबर को
प्रस्तुति ज्योतिर्विद कर्मकांडी पं. सोमेश्वर जोशी
(someshjoshimca@gmail.com/09907058430)
इसबार २७ सितम्बर रविवार की अनंत चतुर्दशी विविदताओ से भरा हुआ हे इस दिन चतुर्दशी मद्याह्न १२:०६ बजे तक ही रहेगी और पूर्णिमा शुरू होगी जोे 28 सितम्बर को सुबह 8:20 तक ही रहेगी जिससे पूर्णिमा का श्राद्ध भी 27 सितंबर को ही मनाया जायेगा और 28 को प्रतिपदा श्राद्ध। पूर्वअषाढ़ा नक्षत्र रात्रि ८:५३ बजे तक ही रहेगा इसी दिन श्राद्ध पक्ष भी प्रारम्भ होगा अर्थात मद्याह्न से पूर्णिमा आने से पूर्णिमा का श्राद्ध भी होगा|
ज्योतिर्विद एवं कर्मकांडी पंडित सोमेश्वर जोशी ने बताया की इस बार एक ऐसा योग भी आ रहा हे जो २२ सितम्बर १९९१ के बाद २४ सालो बाद आ रहा हे जिसमे सिंह का बृहस्पति तथा कन्या का सूर्य हे जो की अनन्त चतुर्दशी और श्राद्ध के लिए शुभ रहेगा| चन्द्रमास की गढ़ना अनुसार इसबार गणेश स्थापना १० दिन न रहकर ११ दिन रही| शास्त्रों के अनुसार श्राद्ध पक्ष में शुभ कार्य नहीं होता अतः इस बार विशेष ध्यान रखते हुए गणपति पूजन और विसर्जन मद्याह्न पूर्व करना होगा श्री गणेश जल के देवता हे इसलिए उन्हें जल में विसर्जन करना श्रेष्ठ हे| विशेष साधना, अनुष्ठान योग्य विद्वान पंडित से करवाये या संपर्क करे तभी अभीष्ट फल की प्राप्ति होगी
मालव अलंकार परिवार का अभिनंदन ......
ऐसे करे विसर्जन:
हाथ में निम्न मन्त्र बोलकर गणेश जी को चढ़ाये :
गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठ, स्वस्थाने परमेश्वर
मम मनोकामनापूर्णय, पुनरागमनाय च..........
श्री गणेशाय नमः,श्री गणेशाय नमः,श्री गणेशाय नमः..........
यह करे विशेष:
*गं या श्री गणपतये नमः,गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करे
*जितने मंत्र या पाठ किये हो उसका २५ प्रतिशत जप या हवन विसर्जन पूजा से पहले और करे |
*गणेश जी की विशेष पूजा करनी चाहिए |
*गणेश जी को विशेष रूप से लड्डू, बाटी, खीर एवं गजाकड़ा (घी वाली मोटी रोटी) का नैवेद्य लगाये|
इन बातो का रखे ध्यान:
*मध्यान पूर्व विसर्जन करे |
*एक घर में तीन गणपति की पूजा न करे
*गणपति का विर्सर्जन बहार न करके घर में ही करे गणपति, लक्ष्मी, ऋद्धि-सिद्धि एवं शुभ-लाभ घर में ही रहे|
*गणपति के पीठ में दरिद्रता का वास होता हे इसलिए उनकी पीठ के दर्शन न करे|
गणेश विसर्जन मुहूर्त:
प्रात : 07:50-09:19 तक चर
प्रात: 09:19-10:48 तक लाभ
प्रातः10:48- 12:06तक अमृत
प्रातः10:02-12:06 तक वृश्चिक लग्न
विशेष:इस दिन मध्यान 12:06 बजे बाद पूर्णिमा होने से विसर्जन मध्यान पूर्व करे|
अनंत चतुर्दशी और श्राद्ध एक साथ 27 सितंबर को
प्रस्तुति ज्योतिर्विद कर्मकांडी पं. सोमेश्वर जोशी
(someshjoshimca@gmail.com/09907058430)
इसबार २७ सितम्बर रविवार की अनंत चतुर्दशी विविदताओ से भरा हुआ हे इस दिन चतुर्दशी मद्याह्न १२:०६ बजे तक ही रहेगी और पूर्णिमा शुरू होगी जोे 28 सितम्बर को सुबह 8:20 तक ही रहेगी जिससे पूर्णिमा का श्राद्ध भी 27 सितंबर को ही मनाया जायेगा और 28 को प्रतिपदा श्राद्ध। पूर्वअषाढ़ा नक्षत्र रात्रि ८:५३ बजे तक ही रहेगा इसी दिन श्राद्ध पक्ष भी प्रारम्भ होगा अर्थात मद्याह्न से पूर्णिमा आने से पूर्णिमा का श्राद्ध भी होगा|
ज्योतिर्विद एवं कर्मकांडी पंडित सोमेश्वर जोशी ने बताया की इस बार एक ऐसा योग भी आ रहा हे जो २२ सितम्बर १९९१ के बाद २४ सालो बाद आ रहा हे जिसमे सिंह का बृहस्पति तथा कन्या का सूर्य हे जो की अनन्त चतुर्दशी और श्राद्ध के लिए शुभ रहेगा| चन्द्रमास की गढ़ना अनुसार इसबार गणेश स्थापना १० दिन न रहकर ११ दिन रही| शास्त्रों के अनुसार श्राद्ध पक्ष में शुभ कार्य नहीं होता अतः इस बार विशेष ध्यान रखते हुए गणपति पूजन और विसर्जन मद्याह्न पूर्व करना होगा श्री गणेश जल के देवता हे इसलिए उन्हें जल में विसर्जन करना श्रेष्ठ हे| विशेष साधना, अनुष्ठान योग्य विद्वान पंडित से करवाये या संपर्क करे तभी अभीष्ट फल की प्राप्ति होगी
मालव अलंकार परिवार का अभिनंदन ......
ऐसे करे विसर्जन:
हाथ में निम्न मन्त्र बोलकर गणेश जी को चढ़ाये :
गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठ, स्वस्थाने परमेश्वर
मम मनोकामनापूर्णय, पुनरागमनाय च..........
श्री गणेशाय नमः,श्री गणेशाय नमः,श्री गणेशाय नमः..........
यह करे विशेष:
*गं या श्री गणपतये नमः,गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करे
*जितने मंत्र या पाठ किये हो उसका २५ प्रतिशत जप या हवन विसर्जन पूजा से पहले और करे |
*गणेश जी की विशेष पूजा करनी चाहिए |
*गणेश जी को विशेष रूप से लड्डू, बाटी, खीर एवं गजाकड़ा (घी वाली मोटी रोटी) का नैवेद्य लगाये|
इन बातो का रखे ध्यान:
*मध्यान पूर्व विसर्जन करे |
*एक घर में तीन गणपति की पूजा न करे
*गणपति का विर्सर्जन बहार न करके घर में ही करे गणपति, लक्ष्मी, ऋद्धि-सिद्धि एवं शुभ-लाभ घर में ही रहे|
*गणपति के पीठ में दरिद्रता का वास होता हे इसलिए उनकी पीठ के दर्शन न करे|
गणेश विसर्जन मुहूर्त:
प्रात : 07:50-09:19 तक चर
प्रात: 09:19-10:48 तक लाभ
प्रातः10:48- 12:06तक अमृत
प्रातः10:02-12:06 तक वृश्चिक लग्न
विशेष:इस दिन मध्यान 12:06 बजे बाद पूर्णिमा होने से विसर्जन मध्यान पूर्व करे|
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