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जेटली ने कांग्रेस, वाम पंथियों पर साधा निशाना

नई दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कांग्रेस, वाम विचारकों और कार्यकर्ताओं पर भाजपा तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति ‘वैचारिक असहिष्णुता’ अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री 2002 से इस तरह की असहिष्णुता से सबसे ज्यादा पीड़ित रहे हैं।

वित्त मंत्री ने भाजपा के सत्ता में होने के विचार को कभी बौद्धिक रूप से स्वीकार नहीं करने वालों पर प्रहार करते हुए उन पर संगठित दुष्प्रचार के जरिये भारत को असहिष्णु समाज के रूप में पेश करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

देश में असहिष्णुता के वातावरण को लेकर बुद्धिजीवियों के प्रदर्शन के बीच जेटली ने भारत और वर्तमान सरकार के हर शुभचिंतक से ऐसे बयान नहीं देने की अपील की जो माहौल खराब करता हो और विकास में बाधा डालता हो।

दादरी में 28 सितंबर को गोमांस खाने की अफवाह पर अखलाक अहमद नाम के 50 साल के एक व्यक्ति की भीड़ द्वारा कथित तौर पर पीट पीट कर की गई हत्या का जिक्र करते हुए जेटली ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय दोनों ही है। दोषियों को सजा दी जाएगी।’

वित्त मंत्री ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार भारत के विकास की रफ्तार तेज करने का प्रयास कर रही है, लेकिन ऐसे कई हैं जिन्होंने भाजपा के सत्ता में होने को बौद्धिक रूप से कभी स्वीकार नहीं किया। इसमें जाहिर तौर पर कांग्रेस, कई वामपंथी विचारक और कार्यकर्ता हैं। कई दशकों से उन्होंने भाजपा के प्रति वैचारिक असहिष्णुता अपनाई हुई है।’

जेटली ने कहा कि वर्ष 2002 से ‘प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) खुद ही इस वैचारिक असहिष्णुता के सबसे ज्यादा पीड़ित रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘उनकी रणनीति के दो भाग हैं। पहला, संसद बाधित करो और ऐसे सुधार मत होने दो जिसका श्रेय मोदी सरकार को जाए। दूसरा, ढांचागत और संगठित दुष्प्रचार से ऐसा माहौल पैदा करो जिससे लगे कि भारत में सामाजिक दरार है। वे भारत को असहिष्णु समाज के तौर पर पेश करना चाहते हैं।’

जेटली ने कहा कि सच कुछ और है। इस दुष्प्रचार की साजिश रचने वालों ने अपने नियंत्रण वाले विश्वविद्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों या सांस्कृतिक संस्थाओं में वैकल्पिक नजरियों को आगे बढने नहीं दिया। उन्होंने कहा, ‘उनकी असहिष्णुता वैकल्पिक विचाराधारा वाले बिन्दु को स्वीकार नहीं करने की हद तक है।’ मंत्री ने कहा, ‘भारत का बहुत सहिष्णु एवं उदारवादी समाज बना रहेगा। हमारे सांस्कृतिक मूल्यों में सह अस्तित्व समाहित है। भारत ने बार बार असहिष्णुता को खारिज किया है। यह उकसावे पर प्रतिक्रिया नहीं देता है।’

उन्होंने कहा कि इसलिए यह सुनिश्चित करना भारत और वर्तमान सरकार के हर शुभचिंतक का कर्तव्य है कि उनकी कोई कार्रवाई या बयान भारत की विकास गाथा में बाधा उत्पन्न करने की चाह रखने वालों के हाथों में औजार नहीं थमाए। जेटली ने कहा कि बाधा उत्पन्न करने वालों की स्पष्ट योजना है कि अगर वे राजनीतिक रूप से नहीं लड़ सकते तो वे प्रतिकूल दुष्प्रचार के साथ लड़ेंगे।

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