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भारत में हुए अब तक के 10 बड़े आतंकवादी हमले...

भारत और समूचे विश्व में आतंकवाद एक गंभीर समस्या बनकर उभर रहा है। आतंकियों ने अपने बल का गलत उपयोग करते हुए दुनिया के हर देशों में नई-नई समस्याओं को जन्म देने का काम किया है। आतंकवाद के बढ़ते दंश से किसी देश का भला नहीं हो सकता। आतंकवादी सिर्फ बर्बादी के रास्ते को अपनाते हुए अपनी मांग रखने का काम करते हैं। अगर कहा जाए तो पाकिस्तान का उदाहरण देकर आसानी से आतंकवाद के कारण उपजी समस्याओं को दर्शाया जा सकता है।

भारत में आतंकवादियों को शह देने का काम हमेशा पाकिस्तानियों ने किया है। कश्मीर के मुद्दे को लेकर दहशत फैलाकर लोगों को भड़काने में कई भारत विरोधी ताकतें लगी हुई हैं। भोले भाले नौजवान युवाओं का ‘ब्रेन वाश’ कर आतंकी उनकी सोच को बदलने के लिए हर हथकंडा अपनाते हैं। इस तरह दहशतगर्दों की एक फौज तैयार की जा रही है। कहा जाता है कि भारत में आतंकवाद को शह देने का काम स्वयं पाकिस्तान की ओर से किया जा रहा है। भले ही वहां के लोग खुद परेशान हों मगर भारत में सीमा पार से आतंकवादी घुस रहे हैं। उनका मकसद भारत को दहशत में रखना तथा यहां अधिक से अधिक नुकसान करना है।

चाहे हमारा भारत हो या अन्य देश पूरी दुनिया आतंकवाद की चपेट में आ चुकी है। अमेरिका में 9/11 और भारत में 26/11 को जो वारदात हुई थी उससे समूचा विश्व कांप गया था। उस दिल दहला देने वाले हादसे के बाद मानवता रोयी थी, जिसके दिए हुए जख्मों के निशान लोगों के दिल में आज भी ताजा हैं। जिनके अपने उस भीषण हमले में मारे गए थे वे उस दिन को याद करना नहीं चाहते। वह हमला पूरी मानव जाति पर था, जिसने देश की तस्वीर ही बदल डाली थी।

ये कुछ ऐसे ही दिल दहलाने वाले आतंकी हमले

1. मुंबई आतंकी हमला-
26/11 को मुंबई में हुए आतंकी हमले ने कई बेकसूर मासूम लोगों को अपना शिकार बनाते हुए गोलियों से भून डाला। उस मनहूस घड़ी को लोग कैसे भूल पाएंगे। समुद्र के रास्ते से आए 10 फ़िदायीन आतंकवादियों ने होटल ओबरॉय और ताज होटल को अपना निशाने बनाते हुए निर्दोष लोगों पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दी थी। इन आतंकियों ने नरीमन हाउस, ताज होटल और ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल पर कब्ज़ा कर लिया था। साथ ही छत्रपति शिवाजी टर्मिनल, लियोपोल्ड कैफ़े, कामा हॉस्पिटल और मेट्रो सिनेमा पर भी हमले किए थे। NSG कमांडोज़ और आतंवादियों के बीच चली 4 दिन की मुठभेड़ में 9 आतंकी मारे गए और अजमल कसाब को ज़िंदा पकड़ लिया गया। यह भारत पर हुआ अब तक का सबसे घातक आतंकी हमला था, जिसको अंजाम दिया था पाकिस्तान के संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने। इस हमले का मास्टरमाइंड हाफ़िज़ सईद आज भी पाकिस्तान में स्वतंत्र घूम रहा है। 26/11 के मुंबई हमलों में 166 लोग मारे गए थे और 293 घायल हुए थे।

2. मुंबई बम ब्लास्ट- 12 मार्च, 1993
भीड़भाड़ और पैसे की चकाचौंध से भरी मुंबई हमेशा से ही आतंकियों और गैंगस्टर्स के निशाने पर रही है। मार्च 1993 में मुंबई के अलग-अलग इलाकों पर योजनाबद्ध तरीके से बम ब्लास्ट्स हुए। कई भीड़भाड़ वाले इलाके जैसे माहिम, ज़ावेरी बाज़ार, प्लाज़ा सिनेमा, सेंचुरी बाज़ार, काठा बाज़ार, सी रॉक होटल, सहारा एयरपोर्ट, एयर इंडिया बिल्डिंग, जूहू सेंटौर होटल, वर्ली, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और पासपोर्ट ऑफ़िस जैसी जगहों को चुना गया था। इन हमलों में 257 लोग मारे गए थे और 713 घायल हुए थे। इन हमलों के पीछे डी-कंपनी के दाऊद इब्राहिम का हाथ था। सूत्रों से यह बात भी सामने आई कि इन हमलावरों की ट्रेनिंग पाकिस्तान में हुई थी, जिसमें पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई शामिल थी।

3.कोयंबटूर बम ब्लास्ट- फरवरी 14, 1998
इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन, अल-उम्माह ने साम्प्रदायिक अस्थिरता बढ़ाने के लिए आडवाणी की एक मीटिंग के दौरान कोयंबटूर में 12 सीरियल बम ब्लास्ट किए थे। जिसमें 60 लोग मारे गए और 200 से ज्यादा घायल हुए।

4. भारतीय संसद पर हमला- 13 दिसंबर, 2001
13 दिसंबर 2011 को हमारे देश की संसद उस समय गोलियों की आवाज से गूंज उठी थी जब पत्रकार का वेष बदल कर आए लश्कर-ए-तैयबा के 5 आतंकवादियों ने संसद भवन तक पहुंचने में कामयाबी हासिल की थी। उस समय संसद भवन में 100 से ज्यादा मंत्री मौजूद थे। यह भारत की सबसे महफ़ूज़ बिल्डिंग संसद भवन पर हमला करके पूरे देश को हिलाकर रख देने वाली घटना थी। इस हमले में ज्यादा लोगों की जानें नहीं गई, लेकिन संसद भवन तक पहुंचना ही बहुत बड़ी बात थी। इन आतंकवादियों ने संसद भवन और गृह मंत्रालय के जाली स्टीकर्स अपनी कार पर लगा कर सिक्योरिटी को पार किया। इन हमलों में 6 पुलिसकर्मी और संसद के 3 अधिकारी मारे गए थे।

5. जम्मू-कश्मीर विधानसभा हमला-
दिल्ली के संसद भवन पर हमला करने के बाद आतंकियों के दूसरे निशाने पर आया जम्मू कश्मीर। यहां एक अक्टूबर 2001 को जैश-ए-मोहम्मद के 3 आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर हमला किया। ये फ़िदायीन आतंकी सुसाइड बॉम्बर्स थे, जिन्होंने एक कार में भी बम लगाया था। इन हमलों में 38 लोग और 3 आतंकवादी मारे गए थे।

6. अक्षरधाम मंदिर हमला- 24 सितम्बर, 2002
अभी भारत इन हमलों के दर्द से उभरा भी नहीं था कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के 2 आतंकवादी, मुर्तज़ा हाफ़िज़ यासीन और अशरफ अली मोहम्मद फारूक अक्षरधाम मंदिर में ऑटोमैटिक हथियारों और हैंड ग्रेनेड के साथ दाखिल हो गए। मासूम लोगों पर गोलियां बरसाना शुरू कर दिया। दोनों आतंकियों को रात तक NSG कमांडोज़ ने मार गिराया।

7. दिल्ली सीरियल बम ब्लास्ट- 29 अक्टूबर, 2005
29 अक्टूबर 2005 को दिवाली से ठीक 2 दिन पहले देश की राजधानी दिल्ली फिर 3 सीरियल बम ब्लास्ट से हिल गई। जिसमें 2 बम सरोजिनी नगर और पहाड़गंज के मुख्य मार्केट में फटे और तीसरा ब्लास्ट गोविंदपुरी जा रही एक बस में हुआ था। उस समय हर जगह का बाजार धनतेरस के कारण भीड़ से खचाखच भरा हुआ था, जिसका फायदा उठाते हुए भीड़ वाली जगहों पर बलास्ट किए गए थे। जिसमें 63 लोग मारे गए और 210 घायल हो गए।

8. बॉम्बे ट्रेन ब्लास्ट- 11 जुलाई 2006
मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली मुंबई लोकल में 7 सीरियल ब्लास्ट्स हुए थे। 1993 के बाद यह मुंबई में सबसे बड़ा आतंकी हमला था। सारे बम फर्स्ट क्लास के डिब्बों में रखे हुए थे। इन हमलों के पीछे भी आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन का हाथ था। इस बम ब्लास्ट्स ने 210 लोगों की जानें ली और 715 लोग घायल हुए।

9. जयपुर ब्लास्ट- मई 31, 2008
मई 31, 2008 को जयपुर में 15 मिनट के अंदर हुए 9 बम ब्लास्ट ने पूरे देश को चौंका दिया था, क्योंकि जयपुर जैसे शहर में ऐसा आतंकवादी हमला पहले कभी नहीं हुआ था। ये ब्लास्ट जयपुर के बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़, मानक चौक पुलिस स्टेशन, जोहरी बाज़ार, त्रिपोलिया बाज़ार और कोतवाली इलाके में हुए थे। इस हमले में 63 लोग मारे गए थे और 210 लोग घायल हुए थे।

10. असम बम ब्लास्ट- 30 अक्टूबर, 2008
इन हमलों में करीब 18 बम अलग-अलग इलाकों में फटे थे। इस तरह के सीरियल बम ब्लास्ट्स देश में पहले कभी नहीं हुए थे। 30 अक्टूबर 2008 को 18 बम अलग-अलग जगहों पर रखे गए थे। बलास्ट में कई मासूम लोगों की जानें गई थीं। इन ब्लास्ट्स ने गुवाहाटी, बारपेटा रोड, बोंगाईगाओं और कोकराझार जैसे इलाकों को हिला कर रख दिया था। ये हमले उस समय हुए जब मार्केट लोगों से खचाखच भरे हुए थे। करीब 81 लोग इस हमले में मारे गए और 470 घायल हो गए।

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