संसद में 337 NDA सांसदों पर कांग्रेस के 44 सांसद भारी, क्या सही में मोदी तानाशाह हैं
नई दिल्ली : पिछले 2 दिनों से चाहे वो लोकसभा हो या राज्यसभा कांग्रेस सांसद दोनों सदनों में हंगामा कर रहे हैं और प्रधानमंत्री मोदी को तानाशाह बता रहे हैं। कई लोगों ने कांग्रेस को समझाया है कि संसद के काम में बाधा पहुँचाना ठीक नहीं है लेकिन कांग्रेस सांसद किसी की सुनने को तैयार नहीं हैं। कांग्रेस दो दिनों ने नारे लगा रही है ‘मोदी तेरी तानाशाही नहीं चलेगी, नहीं चलेगी’ दूसरा नारा है ‘मोदी तेरी दादागिरी नहीं चलेगी, नहीं चलेगी’। अब पहला सवाल उठता है कि क्या मोदी सच में तानाशाही या दादागिरी दिखा रहे हैं। क्या कांग्रेस तानाशाह की परिभाषा भूल गयी हैं। क्या कांग्रेस इंदिरा गाँधी को भूल गयी हैं जिन्होंने हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट, कानून, और संविधान सबको अपंग बनाकर जिसे मर्जी उसे उठाकर जेल में डाल दिया था और देश में आपातकाल लगा दिया था।
दूसरा सवाल उठता है कि मोदी कैसे तानाशाह हैं जो एक बिल पास कराने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपने घर बुलाकर उनके सामने हाथ जोड़ लेते हैं।
तीसरा सवाल यह है कि मोदी कैसे तानाशाह हैं जो सदन में दोनों दोनों हाथ जोड़कर सभी पार्टियों का सहयोग मांगते हैं और ‘संविधान के प्रति वचनबद्धता’ पर चर्चा शुरू करके सांसदों को संविधान और देश के प्रति बचनबद्ध होने की सीख देते हैं।
चौथा सवाल उठता है कि मोदी कैसे तानाशाह हैं जिनके सामने ही कांग्रेस सांसद लोकसभा अध्यक्ष पर पर्चियां फेंकते हैं और उनके सामने ही उनके विरोध में नारे लगाते हैं। मोदी को मोदी के सामने ही दादा और तानाशाह बोला जाता है।
पांचवा सवाल उठता है कि मोदी कैसे तानाशाह हैं जिसके समर्थन में 337 सांसद होते हुए भी कांग्रेस के 44 सांसद भारी पड़ते हैं और अपनी आवाज से बीजेपी के सांसदों और स्वयं लोकसभा स्पीकर की आवाज को दबा देते हैं। एनडीए के 337 सांसद कांग्रेस के 44 सांसदों को हंगामा करते देखते रहते हैं और कुछ नहीं कर पाते।
छठा सवाल उठता है कि मोदी कैसे तानाशाह हैं जिन्हें एक बिल पास कराने के लिए एड़ी छोटी का जोर लगाना पड़ रहा है और दूसरी पार्टियों के सामने हाथ जोड़ना पड़ रहा है। ये कैसा तानाशाह है कि राज्यसभा में इतना मजबूर है कि एक भी बिल पास नहीं कर सकता और इतना बड़ा बहुमत मिलने के बाद भी घोर विरोधी कांग्रेस के सामने बिल पास कराने के लिए हाथ जोड़ना पड़ रहा है।
अगर ऊपर लिखे सवालों का जबाब खोजने की कोशिश की जाय तो ऐसा कहीं भी नहीं लगेगा कि मोदी किसी भी मामले में तानाशाह हैं। कांग्रेस जिसे तानाशाह कह रही है वो तो गाय बना बैठा है। अगर मोदी तानाशाह होते तो अब तक संसद में हंगामा करने वाले सांसद जेल में बैठे हुए चक्की पीस रहे होते। अगर मोदी तानाशाह होते तो बिल पास कराने के लिए किसी के सामने हाथ जोड़ने की जरूरत नहीं पड़ती और जो भी रास्ते में आता उसका वही हाल होता तो इंदिरा गाँधी ने आपातकाल के दौरान किया था। अगर मोदी तानाशाह होते तो हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट वही फैसले सुनाता जो मोदी कहते। क्या आप भी मानते हैं कि मोदी तानाशाह हो गए हैं।
दूसरा सवाल उठता है कि मोदी कैसे तानाशाह हैं जो एक बिल पास कराने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपने घर बुलाकर उनके सामने हाथ जोड़ लेते हैं।
तीसरा सवाल यह है कि मोदी कैसे तानाशाह हैं जो सदन में दोनों दोनों हाथ जोड़कर सभी पार्टियों का सहयोग मांगते हैं और ‘संविधान के प्रति वचनबद्धता’ पर चर्चा शुरू करके सांसदों को संविधान और देश के प्रति बचनबद्ध होने की सीख देते हैं।
चौथा सवाल उठता है कि मोदी कैसे तानाशाह हैं जिनके सामने ही कांग्रेस सांसद लोकसभा अध्यक्ष पर पर्चियां फेंकते हैं और उनके सामने ही उनके विरोध में नारे लगाते हैं। मोदी को मोदी के सामने ही दादा और तानाशाह बोला जाता है।
पांचवा सवाल उठता है कि मोदी कैसे तानाशाह हैं जिसके समर्थन में 337 सांसद होते हुए भी कांग्रेस के 44 सांसद भारी पड़ते हैं और अपनी आवाज से बीजेपी के सांसदों और स्वयं लोकसभा स्पीकर की आवाज को दबा देते हैं। एनडीए के 337 सांसद कांग्रेस के 44 सांसदों को हंगामा करते देखते रहते हैं और कुछ नहीं कर पाते।
छठा सवाल उठता है कि मोदी कैसे तानाशाह हैं जिन्हें एक बिल पास कराने के लिए एड़ी छोटी का जोर लगाना पड़ रहा है और दूसरी पार्टियों के सामने हाथ जोड़ना पड़ रहा है। ये कैसा तानाशाह है कि राज्यसभा में इतना मजबूर है कि एक भी बिल पास नहीं कर सकता और इतना बड़ा बहुमत मिलने के बाद भी घोर विरोधी कांग्रेस के सामने बिल पास कराने के लिए हाथ जोड़ना पड़ रहा है।
अगर ऊपर लिखे सवालों का जबाब खोजने की कोशिश की जाय तो ऐसा कहीं भी नहीं लगेगा कि मोदी किसी भी मामले में तानाशाह हैं। कांग्रेस जिसे तानाशाह कह रही है वो तो गाय बना बैठा है। अगर मोदी तानाशाह होते तो अब तक संसद में हंगामा करने वाले सांसद जेल में बैठे हुए चक्की पीस रहे होते। अगर मोदी तानाशाह होते तो बिल पास कराने के लिए किसी के सामने हाथ जोड़ने की जरूरत नहीं पड़ती और जो भी रास्ते में आता उसका वही हाल होता तो इंदिरा गाँधी ने आपातकाल के दौरान किया था। अगर मोदी तानाशाह होते तो हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट वही फैसले सुनाता जो मोदी कहते। क्या आप भी मानते हैं कि मोदी तानाशाह हो गए हैं।
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