गोमुख से हरिद्वार तक गंगा में प्लास्टिक डाला तो खैर नहीं
नई दिल्ली। लाखों करोड़ो भक्तों की आस्था से जुड़ी गंगा नदी को साफ और सुथरा रखने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल ने आज एक अहम फैसला लिया है। अगर यह फैसला कारगर रहा तो निर्मल पावन गंगा हमेशा साफ और सुथरी रहेगी। एनजीटी के अनुसार गोमुख से लेकर हरिद्वार तक गंगा में कहीं भी प्लास्टिक के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है। यह बैन एक फरवरी से लागू होगा और जो भी नियमों को तोड़ेगा उस पर 5 से 20 हजार तक का जुर्माना लगेगा।
निर्देशों की पालना नहीं की तो होगी कार्रवाई :
इसके साथ ही एनजीटी ने आदेश दिया है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सर्वे के आधार पर गंगा के प्रदूषण पर रिपोर्ट तैयार करना होगा। इसके अलावा सख्त कदम उठाते हुए एनजीटी ने ये भी कहा है कि अगर कोई इंडस्ट्री बोर्ड के निदेर्शों का पालन नहीं करेगी तो बोर्ड उसको नोटिस देकर बंद करने की कार्रवाई करेगा।
वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगवाने के लिए 3 महीने का समय :
गंगा में होटल, आश्रम और धर्मशाला से जो भी गंदा पानी सीधे डाला जाता है उस पर सख्त कदम उठाते हुए ये आदेश दिया गया है कि अब से बगैर ट्रीटमेंट गंगा में किसी भी तरह का पानी नहीं डाला जाएगा। अगर कोई ऐसा करेगा तो उसे 5000 प्रति दिन के हिसाब से जुर्माना देना पड़ेगा। सभी को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगवाने के लिए 3 महीने का समय दिया गया है।
ऋषिकेश के आसपास कैम्प लगाने पर पाबंदी
इसके साथ ही एनजीटी का यह भी निर्देश है कि ऋषिकेश के आसपास किसी भी तरह के कैंप नहीं लगाए जाएंगे। साथ ही अस्पतालों को भी एनजीटी ने आदेश दिया है। इसके अनुसार अगर नदी किनारे बने अस्पताल गंगा में प्रदूषण करते पाये जाएंगे तो उनपर 20,000 तक का जुर्मामा लगेगा।
निर्देशों की पालना नहीं की तो होगी कार्रवाई :
इसके साथ ही एनजीटी ने आदेश दिया है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सर्वे के आधार पर गंगा के प्रदूषण पर रिपोर्ट तैयार करना होगा। इसके अलावा सख्त कदम उठाते हुए एनजीटी ने ये भी कहा है कि अगर कोई इंडस्ट्री बोर्ड के निदेर्शों का पालन नहीं करेगी तो बोर्ड उसको नोटिस देकर बंद करने की कार्रवाई करेगा।
वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगवाने के लिए 3 महीने का समय :
गंगा में होटल, आश्रम और धर्मशाला से जो भी गंदा पानी सीधे डाला जाता है उस पर सख्त कदम उठाते हुए ये आदेश दिया गया है कि अब से बगैर ट्रीटमेंट गंगा में किसी भी तरह का पानी नहीं डाला जाएगा। अगर कोई ऐसा करेगा तो उसे 5000 प्रति दिन के हिसाब से जुर्माना देना पड़ेगा। सभी को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगवाने के लिए 3 महीने का समय दिया गया है।
ऋषिकेश के आसपास कैम्प लगाने पर पाबंदी
इसके साथ ही एनजीटी का यह भी निर्देश है कि ऋषिकेश के आसपास किसी भी तरह के कैंप नहीं लगाए जाएंगे। साथ ही अस्पतालों को भी एनजीटी ने आदेश दिया है। इसके अनुसार अगर नदी किनारे बने अस्पताल गंगा में प्रदूषण करते पाये जाएंगे तो उनपर 20,000 तक का जुर्मामा लगेगा।
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