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आजाद ने भरी हुंकार, कहा- ‘गंदा खेल’ खेल रही है सरकार

नई दिल्ली : विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए सरकार के गंदे खेल (डर्टी गेम) में शामिल होने का आरोप लगाते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने आज कहा कि प्रवर्तन निदेशालय के प्रमुख का हाल में तबादला सिर्फ विपक्षी नेताओं को नेशनल हेराल्ड सहित ‘गलत एवं अप्रासंगिक मामलों में फंसाने’ के लिए था।

उन्होंने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के उन कई मामलों को दबाने का प्रयास कर रही है जिसमें उसके मंत्री और मुख्यमंत्री शामिल हैं जिस वजह से विपक्ष को लोकतंत्र के मंदिर (संसद) में मामला उठाने को विवश होना पड़ा है।

राज्यसभा के दिन भर के लिए स्थगित होने के बाद आजाद ने संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे आश्चर्य है कि किस प्रकार सरकार दो भिन्न प्रकार के नियमों का पालन कर रही है। एक सत्तारूढ पार्टी के लिए और एक विपक्ष के लिए। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार की तय नीति छोटे दलों को भी फर्जी मामलों से उलझाए रखने की है ताकि कोई भी उससे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सवाल नहीं कर सके।’

उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पूर्ववर्ती निदेशक को सेवा विस्तार देने के कुछ दिन बाद ही उन्हें हटाकर सरकार ‘गंदे खेल’ में शामिल है और उन्होंने मामले को बंद करने का ‘सही’ फैसला किया था। आजाद ने कहा, ‘नेशनल हेराल्ड एक गैर लाभकारी संगठन है और उसके किसी भी निदेशक या अंशधारकों को एक पैसा नहीं मिलता। इस बात से पूर्ववर्ती ईडी निदेशक को अवगत कराया गया था और उन्होंने मामले को बंद करने का सही फैसला किया।’

उन्होंने कहा, ‘बहरहाल, सरकार ने किस वजह से इस फैसले के कुछ दिनों बाद ही उन्हें हटाया और एक नए निदेशक (कर्नल सिंह) को नियुक्त किया जिन्होंने मामले को फिर से खोला? क्या यह कदम राजनीतिक प्रतिशोध का संकेत नहीं देता और मुझे आश्चर्य है कि किस प्रकार सरकार दावा करती है कि उसकी कोई भूमिका नहीं है जबकि वे परदे के पीछे से इस प्रकार के गंदे खेल खेल रहे हैं।’

वर्ष 1979 बैच के आईएएस अधिकारी राजन कटोच को अचानक 19 अगस्त को हटा दिया गया था जबकि 31 जुलाई को उन्हें तीन महीने का सेवा विस्तार दिया गया था। उनके स्थान पर 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी कर्नल सिंह को नियुक्त किया गया। आजाद ने आरोप लगाया कि ललित मोदी घोटाला ईडी द्वारा धनशोधन निवारण कानून के तहत मामला दर्ज करने का उपयुक्त मामला था जिसमें सरकार को राजस्थान की मुख्यमंत्री और उनके पुत्र तथा अन्य के खिलाफ अभियोजन शुरू कर उदाहरण पेश करना चाहिए था।

उन्होंने कहा, ‘इस मामले में सरकार की चुप्पी ने असली चेहरा दिखा दिया।’ उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के हालिया फैसले से कांग्रेस उद्विग्न नहीं है और ‘हम जानते हैं कि हमने कोई गलती नहीं की है। हम न्यायपालिका का काफी सम्मान करते हैं और इसमें पूरा भरोसा रखते हैं।’

उन्होंने कुछ मंत्रियों के इस रूख को खारिज कर दिया कि कांग्रेस ऐसे समय संसद को बाधित कर रही है जब जरूरी काम होने हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं सरकार और मंत्रियों को याद दिला दूं कि संसद की कार्य मंत्रणा समिति में सूचीबद्ध सभी मुद्दे महंगाई, सूखे की स्थिति, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन विधेयक 2015, बाढ़ औार बारिश सभी विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दे हैं।’

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