आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार में मध्यप्रदेश के हर्बल मेले की महती भूमिका
भोपाल : विश्व में आयुर्वेद की निखरती छवि में मध्यप्रदेश के हर्बल मेले का महत्वपूर्ण योगदान है। वर्ष 2001 से आरंभ हुआ यह मेला आज राष्ट्र की सरहदें पार कर अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप ले चुका है। वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार ने यह बात आज लाल परेड ग्राउण्ड भोपाल में अंतर्राष्ट्रीय हर्बल मेला 2015 का शुभारंभ करते हुए कही। डॉ. शेजवार ने कहा कि सभी पैथी एक दूसरे की पूरक हैं। कई बार ऐलोपैथी जहाँ मरीज को तत्कालिक लाभ देता है आयुर्वेद रोग को जड़ से मिटाकर निरोगी बनाता है। पड़ोसी देश बाँगलादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका सहित देश के विभिन्न प्रान्तों के उत्पाद भी मेले में उपलब्ध हैं।
ग्राहकों को उत्पाद की अवश्य जानकारी दें
वन मंत्री ने कहा कि सौभाग्य की बात है कि भोपाल में मध्यप्रदेश सहित गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, आन्ध्रप्रदेश सहित विभिन्न राज्यों की अदभुत जडी-बूटी और उत्पाद उपलब्ध हैं। वन मंत्री ने जोर देकर कहा कि मात्र स्टॉल लगाना पर्याप्त नहीं है प्रत्येक स्टॉल पर उत्पाद के बारे में जानकारी देने वालों की अवश्य व्यवस्था हो। डॉ. शेजवार ने संघ को विभिन्न औषधियों की जानकारी देने वाली पुस्तक प्रकाशित करने को भी कहा।
लुप्त होते जड़ी-बूटी ज्ञान को बचाए लघुवनोपज संघ
वन मंत्री ने कहा कि आदिवासी कई बार जड़ी-बूटियों का रहस्य अपने वंशजों को ही देते है। नई पीढ़ी के अन्य रोजगार में संलग्न हो जाने से यह ज्ञान रहस्य बन कर न रह जाए इसके लिए लघु वनोपज ज्ञान को बचाए रखने के प्रयास करे। डॉ. शेजवार ने कहा कि लघुवनोपज संघ के विन्ध्य हर्बल नाम से बनाए जा रहे उत्पाद अपनी गुणवत्ता, शुद्धता के कारण विश्वसनीयता बना रहे है। इनकी गुणवत्ता राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर खरी उतरी है।
मध्यप्रदेश में अदभुत जड़ी-बूटियाँ
डॉ. शेजवार ने कहा कि मध्यप्रदेश में जड़ी-बूटियों का खजाना भरा है। रायसेन जिले के आदिवासी ऐसी जड़ी-बूटी जानते हैं जिसमें अनेक दिनों तक भूख काबू में रहती है। इस जड़ी का इस्तेमाल मोटापा रोकने में किया जा सकता है। मोटापा ह्दय, लीवर संबंधी अनेक बीमारियों का जनक माना जाता है। लोग मोटापे से बचने के लिए सर्जरी तक करा रहे है।
अध्यक्ष राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ श्री महेश कोरी, उपाध्यक्ष लघु वनोजपज संघ श्री रामनारायण साहू, श्री वीरेन्द्र गिरी, प्रमुख सचिव वन श्री दीपक खाण्डेकर, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री नरेन्द्र कुमार, प्रबंध संचालक डॉ. अनिमेष शुक्ला भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
ग्राहकों को उत्पाद की अवश्य जानकारी दें
वन मंत्री ने कहा कि सौभाग्य की बात है कि भोपाल में मध्यप्रदेश सहित गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, आन्ध्रप्रदेश सहित विभिन्न राज्यों की अदभुत जडी-बूटी और उत्पाद उपलब्ध हैं। वन मंत्री ने जोर देकर कहा कि मात्र स्टॉल लगाना पर्याप्त नहीं है प्रत्येक स्टॉल पर उत्पाद के बारे में जानकारी देने वालों की अवश्य व्यवस्था हो। डॉ. शेजवार ने संघ को विभिन्न औषधियों की जानकारी देने वाली पुस्तक प्रकाशित करने को भी कहा।
लुप्त होते जड़ी-बूटी ज्ञान को बचाए लघुवनोपज संघ
वन मंत्री ने कहा कि आदिवासी कई बार जड़ी-बूटियों का रहस्य अपने वंशजों को ही देते है। नई पीढ़ी के अन्य रोजगार में संलग्न हो जाने से यह ज्ञान रहस्य बन कर न रह जाए इसके लिए लघु वनोपज ज्ञान को बचाए रखने के प्रयास करे। डॉ. शेजवार ने कहा कि लघुवनोपज संघ के विन्ध्य हर्बल नाम से बनाए जा रहे उत्पाद अपनी गुणवत्ता, शुद्धता के कारण विश्वसनीयता बना रहे है। इनकी गुणवत्ता राष्ट्रीय, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर खरी उतरी है।
मध्यप्रदेश में अदभुत जड़ी-बूटियाँ
डॉ. शेजवार ने कहा कि मध्यप्रदेश में जड़ी-बूटियों का खजाना भरा है। रायसेन जिले के आदिवासी ऐसी जड़ी-बूटी जानते हैं जिसमें अनेक दिनों तक भूख काबू में रहती है। इस जड़ी का इस्तेमाल मोटापा रोकने में किया जा सकता है। मोटापा ह्दय, लीवर संबंधी अनेक बीमारियों का जनक माना जाता है। लोग मोटापे से बचने के लिए सर्जरी तक करा रहे है।
अध्यक्ष राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ श्री महेश कोरी, उपाध्यक्ष लघु वनोजपज संघ श्री रामनारायण साहू, श्री वीरेन्द्र गिरी, प्रमुख सचिव वन श्री दीपक खाण्डेकर, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री नरेन्द्र कुमार, प्रबंध संचालक डॉ. अनिमेष शुक्ला भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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