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शिवराज के पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को HC ने दी जमानत

जबलपुर। मध्य प्रदेश के खूनी व्यापम घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस केमकर व न्यायाधीश केके त्रिवेदी की युगलपीठ ने कांस्टेबल भर्ती घोटाले में शुक्रवार को जमानत दे दी। इससे उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया है।

प्रदेश के बहुचर्चित व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) फर्जीवाडे में पूर्व मंत्री शर्मा के खिलाफ कई नियुक्तियों में हुई गडबडी को लेकर मामले दर्ज थे और वह लगभग डेढ साल से जेल में हैं। व्यापम घोटाले की जांच पहले एसटीएफ ने की, फिर उच्च न्यायालय की निगरानी में एसआईटी ने जांच की और अब सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई जांच कर रही है।

पूर्व मंत्री शर्मा के अधिवक्ता अनिल खरे ने संवाददाताओं को बताया कि डाटा एंट्री ऑपरेटर भर्ती घोटाले के मामले में शर्मा को उच्च न्यायालय से जमानत पहले ही मिल गई थी। संविदा वर्ग दो व तीन तथा खाद्य निरीक्षक घोटाला मामले में भी उन्हें 15 दिसंबर को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है। इसके अलावा परिवहन भर्ती घोटाले तथा वन रक्षक भर्ती घोटाला मामले में उन्हें भोपाल जिला न्यायालय से जमानत मिल गई थी।

मंत्री सिर्फ आरक्षक भर्ती घोटाला मामले में न्यायिक अभिरक्षा में थे। इस मामले में भी शुRवार को उच्च न्यायालय से जमानत मिल जाने से उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। शर्मा जून 2014 से ही जेल में हैं। आरक्षक भर्ती घोटाला मामले में सीबीआई की तरफ से जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा गया कि आरोपी के खिलाफ प्र्याप्त साक्ष्य हैं।

मामला अदालत में लंबित है, आरोपी जमानत का लाभ मिलने से साक्ष्यों व सुनवाई को प्रभावित कर सकता है। याचिकाकर्ता की तरफ से पैरवी करते हुए अधिवक्ता अनिल खरे, भास्कर पांडे तथा प्रवीण वर्मा ने युगलपीठ को बताया कि इस मामले में अन्य आरोपियों को जमानत मिल चुकी है।

इसके अलावा मंत्री पर गिरोह का सरगना होने का नहीं, बल्कि मध्यस्थ होने का आरोप है। युगलपीठ ने सुनवाई के बाद पांच लाख रूपये के निजी मुचलके पर मंत्री शर्मा को जमानत पर रिहा करने का आदेश जारी किया है।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर लक्ष्मीकांत को बधाई दी है।उन्होंने ट्वीट किया, लक्ष्मीकांत मेरे मित्र व सहयोगी हैं। सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं। शनिवार को राजधानी की जिला अदालत में अंचित गोयल आैर उनके दादा प्रहलाद दास गोयल ने उनकी तरफ से पांच मामलों में पांच-पांच लाख रुपए की जमानत पेश की गई। शर्मा के वकील अजय गुप्ता ने विशेष न्यायाधीश अरुण कुमार वर्मा की अदालत में तीन जमानत, बीएस भदौरिया आैर भूपेंद्र सिंह की कोर्ट में एक-एक जमानत पेश की। शाम करीब पांच बजे पांचों मामलों में रिहाई के आदेश हुए।

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