PM मोदी ने डॉ अंबेडकर की तुलना मार्टिन लूथर किंग और मंडेला से की
नई दिल्ली: अंबेडकर मेमोरियल के लिए आधारशिला रखने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि मैं पहला प्रधानमंत्री हूं, जो यहां पर बोलने के लिए आया हूं। ये मेरे लिए सौभाग्य की बात है।
अंबेडकर मेमोरियल लेक्चर कार्यक्रम में शामिल होने पर पीएम मोदी ने कहा कि मुझे यह अवसर मिला है कि मैं बाबा साहेब के सपनों को साकार करूं। बाबा साहेब 1956 में हमें छोड़कर चले गए। आज 60 साल बाद उनकी याद में मेमोरियल बनाया जा रहा है।
साठ साल बाद इसे कैसे समझाया जा सकेगा, लेकिन इसके लिए हमें 60 साल लग गए। लेकिन यह मेरे ही भाग्य में लिखा हुआ था। पीएम मोदी ने कहा कि इस समय वाजपेयी जी को याद किया जाना चाहिए। जिन्होंने इस संबंध में निर्णय लिया था। लेकिन उनके बाद आई सरकार ने यह नहीं होने दिया क्योंकि उनके दिलों में बाबा साहेब नहीं थे।
उन्होंने कहा कि देश में लेबर कानून पर सबसे ज्यादा किसी ने सोचा और काम किया वह थे बाबा साहेब अंबेडकर। पीएम मोदी ने कहा कि मैं आज यह घोषणा करता हूं कि 14 अप्रैल 2018 को इस मेमोरियल का उद्घाटन करूंगा। मैं यह बताना चाहता हूं कि यह काफी भव्य होगा। दुनिया के लिए यह आइकनिक बिल्डिंग होगी। पीएम मोदी ने कहा कि कई बार हम बाबा साहेब के बाद अन्याय करते हैं। केवल दलितों का मसिहा कहना ठीक नहीं है। उन्होंने हर प्रकार के अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई। पीएम ने डॉ अंबेडकर को 'विश्व मानव' के रूप में देखे जाने का आग्रह किया जैसा कि दुनिया मार्टिन लूथर किंग और नेलसन मंडेला को देखती है।
पीएम मोदी ने कहा कि मैं दो व्यक्तित्व को इतिहास में काफी महत्व की दृष्टि से देखता हूं - सरदाल पटेल और बाबा साहेब अंबेडकर। भारत रजवाड़ों में बंटा हुआ था। यहां तक की अंग्रेज भी भारत को बंटा हुआ देखना चाहते थे। लेकिन सरदार ने देश को एक किया। समाज में समस्याओं के निपटारन के लिए बाबा साहेब ने कदम उठाए। सरदार पटेल ने राजनीतिक रूप से भारत को एक किया और बाबा साहेब ने सामाजिक दृष्टि से भारत को एक किया।
पीएम मोदी ने सवाल उठाया कि आखिर बाबा साहेब अंबेडकर को मंत्री पद से इस्तीफा क्यों देना पड़ा था। इस बारे में कुछ लोगों के हिसाब से इतिहास लिखा गया। बाबा साहेब ने हिंदू कोड बिल के समय महिलाओं के अधिकारों की बात की। लेकिन उस समय की सरकार उतनी प्रगतिशील नहीं थी कि उनकी बातों को समझती और बाबा साहेब ने सरकार से इस्तीफा दे दिया।
लेकिन बाबा साहेब ने जो कहा, वह धीरे-धीरे सभी बाद की सरकारों को स्वीकारना पड़ा। इसलिए बाबा साहेब को केवल दलितों का मसीहा दिखाना सही नहीं होगा। उन्होंने सभी दबे कुचलों के बारे में बात की।
पीएम मोदी ने कहा कि संसद में जल समस्या और जल यातायात के लिए बिल लाया गया है। यह नरेंद्र मोदी की ओर से लाया गया बिल नहीं है। बाबा साहेब ने सब काफी पहले सोचा था। अगर वे सरकार का हिस्सा होते तो यह बिल 60 साल पहले आ गया होता।
डॉ अंबेडकर मेमोरियल कार्यक्रम में पीएम बोले - आरक्षण खत्म करने को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि आरक्षण कोई छीन नहीं सकता है।
अंबेडकर मेमोरियल लेक्चर कार्यक्रम में शामिल होने पर पीएम मोदी ने कहा कि मुझे यह अवसर मिला है कि मैं बाबा साहेब के सपनों को साकार करूं। बाबा साहेब 1956 में हमें छोड़कर चले गए। आज 60 साल बाद उनकी याद में मेमोरियल बनाया जा रहा है।
साठ साल बाद इसे कैसे समझाया जा सकेगा, लेकिन इसके लिए हमें 60 साल लग गए। लेकिन यह मेरे ही भाग्य में लिखा हुआ था। पीएम मोदी ने कहा कि इस समय वाजपेयी जी को याद किया जाना चाहिए। जिन्होंने इस संबंध में निर्णय लिया था। लेकिन उनके बाद आई सरकार ने यह नहीं होने दिया क्योंकि उनके दिलों में बाबा साहेब नहीं थे।
उन्होंने कहा कि देश में लेबर कानून पर सबसे ज्यादा किसी ने सोचा और काम किया वह थे बाबा साहेब अंबेडकर। पीएम मोदी ने कहा कि मैं आज यह घोषणा करता हूं कि 14 अप्रैल 2018 को इस मेमोरियल का उद्घाटन करूंगा। मैं यह बताना चाहता हूं कि यह काफी भव्य होगा। दुनिया के लिए यह आइकनिक बिल्डिंग होगी। पीएम मोदी ने कहा कि कई बार हम बाबा साहेब के बाद अन्याय करते हैं। केवल दलितों का मसिहा कहना ठीक नहीं है। उन्होंने हर प्रकार के अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई। पीएम ने डॉ अंबेडकर को 'विश्व मानव' के रूप में देखे जाने का आग्रह किया जैसा कि दुनिया मार्टिन लूथर किंग और नेलसन मंडेला को देखती है।
पीएम मोदी ने कहा कि मैं दो व्यक्तित्व को इतिहास में काफी महत्व की दृष्टि से देखता हूं - सरदाल पटेल और बाबा साहेब अंबेडकर। भारत रजवाड़ों में बंटा हुआ था। यहां तक की अंग्रेज भी भारत को बंटा हुआ देखना चाहते थे। लेकिन सरदार ने देश को एक किया। समाज में समस्याओं के निपटारन के लिए बाबा साहेब ने कदम उठाए। सरदार पटेल ने राजनीतिक रूप से भारत को एक किया और बाबा साहेब ने सामाजिक दृष्टि से भारत को एक किया।
पीएम मोदी ने सवाल उठाया कि आखिर बाबा साहेब अंबेडकर को मंत्री पद से इस्तीफा क्यों देना पड़ा था। इस बारे में कुछ लोगों के हिसाब से इतिहास लिखा गया। बाबा साहेब ने हिंदू कोड बिल के समय महिलाओं के अधिकारों की बात की। लेकिन उस समय की सरकार उतनी प्रगतिशील नहीं थी कि उनकी बातों को समझती और बाबा साहेब ने सरकार से इस्तीफा दे दिया।
लेकिन बाबा साहेब ने जो कहा, वह धीरे-धीरे सभी बाद की सरकारों को स्वीकारना पड़ा। इसलिए बाबा साहेब को केवल दलितों का मसीहा दिखाना सही नहीं होगा। उन्होंने सभी दबे कुचलों के बारे में बात की।
पीएम मोदी ने कहा कि संसद में जल समस्या और जल यातायात के लिए बिल लाया गया है। यह नरेंद्र मोदी की ओर से लाया गया बिल नहीं है। बाबा साहेब ने सब काफी पहले सोचा था। अगर वे सरकार का हिस्सा होते तो यह बिल 60 साल पहले आ गया होता।
डॉ अंबेडकर मेमोरियल कार्यक्रम में पीएम बोले - आरक्षण खत्म करने को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि आरक्षण कोई छीन नहीं सकता है।
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