पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सतबीर सिंह कादियान को 7 साल की जेल
नयी
दिल्ली: इनेलो नेता और हरियाणा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सतबीर सिंह
कादियान को 20 साल से अधिक समय पुराने इफको भ्रष्टाचार मामले में विशेष
अदालत ने शुक्रवार को 7 साल के कारावास की सजा सुनाई और उनपर 50 लाख रुपये
का जुर्माना भी लगाया। 66 वर्षीय कादियान के अलावा विशेष सीबीआई न्यायाधीश
जितेंद्र कुमार मिश्रा ने 64 वर्षीय विनायक नारायण देवस्थली, यूको बैंक के
पूर्व सहायक प्रबंधक (कोष) और आईआईटी के पूर्व छात्र 65 वर्षीय अनिल कुमार
मल्होत्रा और यूको बैंक के पूर्व वरिष्ठ प्रबंधक (जमा) 70 वर्षीय सुनील
गोरावारा को भी 7 साल के कारावास की सजा सुनाई।
अदालत ने कहा, ‘इस मामले का सबसे विचित्र तथ्य यह है कि दोषी संख्या 1 (कादियान) निर्वाचित प्रतिनिधि है और वह हरियाणा विधानसभा का अध्यक्ष भी था, हो सकता है अपराध किए जाने के बाद रहा हो। यह उसका और अन्य दोषियों का कर्तव्य था कि वे राज्य के प्रति ईमानदार रहें, अन्यथा राज्य की अखंडता खतरे में पड़ जाएगी।’ अदालत ने कहा, ‘कादियान इफको के अध्यक्ष थे और उन्हें गर्व महसूस करना चाहिए कि लोगों ने उनपर विश्वास जताया क्योंकि उनकी ही दलील है कि यह एक राजनैतिक पद था। लेकिन अपनी ईमानदारी साबित करने की बजाय, उन्होंने हषर्द एस मेहता (मृत आरोपी) की अवैध मंशा के अनुसार अन्य दोषियों के साथ हाथ मिलाकर एक साजिश के तहत अपराध को अंजाम दिया।’
कादियान के प्रति कोई भी नरमी दिखाने से इनकार करते हुए अदालत ने कहा कि वह हरियाणा समेत देश के लिए रोल मॉडल था और अगर ऐसे लोगों को न्यूनतम सजा दी गई तो यह समूचे देश के मनोबल को प्रभावित करेगा। सीबीआई के अनुसार, इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) का अध्यक्ष रहते हुए फरवरी 1991 से अप्रैल 1991 के दौरान कादियान ने इफको के अधिशेष धन को कम ब्याज दर पर 32.90 करोड़ रुपये निवेश किए और संगठन को 15 लाख रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाया।
सीबीआई ने कहा कि यूको बैंक, नयी दिल्ली को निवेश के लिए दिया जाने वाला 4 करोड़ रुपया बेइमानी और धोखे से आरोपी शेयर दलाल हषर्द शांतिलाल मेहता के निजी खाते में उसके दिल्ली स्थित प्रतिनिधि के जरिए भेजा गया। अदालत ने अपने 226 पन्नों के फैसले में कादियान, देवस्थली, मल्होत्रा, गोरावारा और पांडेय पर क्रमश: 50 लाख, 5 लाख, 25 लाख, 10 लाख और 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने कहा कि कुल वसूले जाने वाले जुर्माने से 25 फीसदी सीबीआई को मुकदमे के खर्च के तौर पर और 75 फीसदी राज्य को दिया जाना चाहिए।
मुकदमे के दौरान आरोपियों ने अपने खिलाफ अभियोगात्मक सामग्री से इंकार किया था और खुद के बेगुनाह होने का दावा किया था। सभी पांच आरोपियों को आईपीसी के तहत आपराधिक साजिश, चल संपत्ति की बेईमानी से घपलेबाजी, लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वास हनन और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत आपराधिक कदाचार समेत विभिन्न अपराधों का दोषी ठहराया गया। इनेलो प्रमुख और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और उनके पुत्र अजय चौटाला शिक्षक भर्ती घोटाला में 10 साल के कारावास की सजा काट रहे हैं। इनेलो के एक अन्य बड़े नेता शेर सिंह बड़शामी भी जेल में हैं।
अदालत ने कहा, ‘इस मामले का सबसे विचित्र तथ्य यह है कि दोषी संख्या 1 (कादियान) निर्वाचित प्रतिनिधि है और वह हरियाणा विधानसभा का अध्यक्ष भी था, हो सकता है अपराध किए जाने के बाद रहा हो। यह उसका और अन्य दोषियों का कर्तव्य था कि वे राज्य के प्रति ईमानदार रहें, अन्यथा राज्य की अखंडता खतरे में पड़ जाएगी।’ अदालत ने कहा, ‘कादियान इफको के अध्यक्ष थे और उन्हें गर्व महसूस करना चाहिए कि लोगों ने उनपर विश्वास जताया क्योंकि उनकी ही दलील है कि यह एक राजनैतिक पद था। लेकिन अपनी ईमानदारी साबित करने की बजाय, उन्होंने हषर्द एस मेहता (मृत आरोपी) की अवैध मंशा के अनुसार अन्य दोषियों के साथ हाथ मिलाकर एक साजिश के तहत अपराध को अंजाम दिया।’
कादियान के प्रति कोई भी नरमी दिखाने से इनकार करते हुए अदालत ने कहा कि वह हरियाणा समेत देश के लिए रोल मॉडल था और अगर ऐसे लोगों को न्यूनतम सजा दी गई तो यह समूचे देश के मनोबल को प्रभावित करेगा। सीबीआई के अनुसार, इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) का अध्यक्ष रहते हुए फरवरी 1991 से अप्रैल 1991 के दौरान कादियान ने इफको के अधिशेष धन को कम ब्याज दर पर 32.90 करोड़ रुपये निवेश किए और संगठन को 15 लाख रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाया।
सीबीआई ने कहा कि यूको बैंक, नयी दिल्ली को निवेश के लिए दिया जाने वाला 4 करोड़ रुपया बेइमानी और धोखे से आरोपी शेयर दलाल हषर्द शांतिलाल मेहता के निजी खाते में उसके दिल्ली स्थित प्रतिनिधि के जरिए भेजा गया। अदालत ने अपने 226 पन्नों के फैसले में कादियान, देवस्थली, मल्होत्रा, गोरावारा और पांडेय पर क्रमश: 50 लाख, 5 लाख, 25 लाख, 10 लाख और 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने कहा कि कुल वसूले जाने वाले जुर्माने से 25 फीसदी सीबीआई को मुकदमे के खर्च के तौर पर और 75 फीसदी राज्य को दिया जाना चाहिए।
मुकदमे के दौरान आरोपियों ने अपने खिलाफ अभियोगात्मक सामग्री से इंकार किया था और खुद के बेगुनाह होने का दावा किया था। सभी पांच आरोपियों को आईपीसी के तहत आपराधिक साजिश, चल संपत्ति की बेईमानी से घपलेबाजी, लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वास हनन और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत आपराधिक कदाचार समेत विभिन्न अपराधों का दोषी ठहराया गया। इनेलो प्रमुख और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और उनके पुत्र अजय चौटाला शिक्षक भर्ती घोटाला में 10 साल के कारावास की सजा काट रहे हैं। इनेलो के एक अन्य बड़े नेता शेर सिंह बड़शामी भी जेल में हैं।
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